Maharashtra: 24 घंटे के अंदर अपने दावे से पलटे देवेंद्र फडणवीस, लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर दिया था बड़ा बयान
Maharashtra Politics: सत्तारूढ़ गठबंधन के तीनों दलों बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना के बीच आम चुनाव में सीट-शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है। उन्होंने सीटों की संख्या भी बता दी।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग के अपने दावे पर से 24 घंटे में ही पलट गए। एक दिन पहले उन्होंने दावा किया था कि सत्तारूढ़ गठबंधन के तीनों दलों बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना के बीच आम चुनाव में सीट-शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है। उन्होंने सीटों की संख्या भी बता दी। इसके बाद मामले ने जब मीडिया में तूल पकड़ा तो वे पलटी मार गए।
बीजेपी नेता ने अब कहा है कि सीट बंटवारे को लेकर अभी कुछ तय ही नहीं हुआ है। उन्होंने अपने पुराने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने बस इतना कहा था कि जो लोग अपनी सीटों पर चुनाव लड़े, उनकी सीटें उनके पास ही रहेंगी। अगर इसमें कोई बदलाव करना होगा तो हम इस पर बात करेंगे।
इससे पहले उन्होंने एक अखबार को साक्षात्कार देते हुए दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी, एनसीपी (अजित पवार गुट) और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला लगभग तय हो गया है। प्रस्तावित फॉर्मूले के तहत बीजेपी 26 सीटों पर और एनसीपी-शिवसेना 22 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
40-42 सीटों पर जीत हासिल होगी
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडनवीस ने कहा था कि महाराष्ट्र की सभी 48 लोकसभा सीटों पर सर्वे का काम पूरा हो चुका है। हमें जीतने वाले उम्मीदवारों की जानकारी है। उन्होंने दावा किया कि अगले आम चुनाव में गठबंधन को 40-42 सीटों पर जीत हासिल होगी। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद लोकसभा के लिए चुनाव प्रचार शुरू होगा।
फडनवीस का ये बयान एनसीपी नेता और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के उस बयान से एकदम विपरीत था जो उन्होंने एक दिन पहले दिया था। पवार ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए सत्ताधारी दलों के बीच सीट-शेयरिंग पर फिलहाल कोई बातचीत नही हुई है। इस दौरान उन्होंने अपनी नाराजगी को लेकर चल रहे अटकलों को भी खारिज किया था।
2019 में कैसा रहा लोकसभा का समीकरण
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी-शिवसेना एकसाथ और कांग्रेस-एनसीपी एक साथ थे। महाराष्ट्र की कुल 48 सीटों में से 42 पर एनडीए ने जीत हासिल की थी। बीजेपी के 23 और शिवसेना के 18 सांसद चुनकर आए थे। वहीं, चार सीटों पर एनसीपी और एक पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। जबकि एक सीट एआईएमआईएम के खाते में गई थी। शिवसेना और एनसीपी में विभाजन के बाद अब राज्य के सियासी हालात काफी बदल गए हैं। चुनाव मैदान में अबकी बार दो-दो शिवसेना और एनसीपी दिखेंगे, ऐसे में किसका पलड़ा भारी होगा, ये नतीजे बताएंगे।
सत्ताधारी गठबंधन में सीएम पद को लेकर रार
जून 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार गिरने के बाद सब मान कर चल रहे थे कि एकबार फिर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस की वापसी होने जा रही है। लेकिन बीजेपी आलाकमान ने एकबार फिर ऐन वक्त पर सबको चौंकाते हुए शिवसेना में बगावत के सूत्रधार माने जाने वाले एकनाथ शिंदे को इस पद के लिए आगे किया और फडनवीस को उनका डिप्टी बनने को कहा गया। सीएम पद की रेस में तीसरे शख्स के रूप में एंट्री हुई अजित पवार की, जो खुलेआम कई बार अपनी इच्छा जाहिर कर चुके हैं।
27 अक्टूबर को बीजेपी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देवेंद्र फडनवीस का एक वीडियो जारी किया गया था, जिसमें वो कह रहे थे कि मैं नए महाराष्ट्र के निर्माण के लिए फिर से वापस आऊंगा। इसके बाद कयास लगने लगे कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी उन्हें सीएम फेस बना सकती है। हालांकि, मामला तूल पकडने के बाद बीजेपी की स्टेट यूनिट ने फौरन वीडियो को डिलीट किया और बयान जारी कर कहा कि अगला विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।
इसी तरह पिछले दिनों पंचायत चुनाव के दौरान उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की 86 वर्षीय मां आशा पवार जब वोट डालने पहुंची, तो उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि मेरे जिंदा रहते मेरा बेटा मुख्यमंत्री बने। ये बयान भी खूब सुर्खियों में रहा था। इन घटनाओं से सत्ताधारी गठबंधन में नेताओं के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर अंदर ही अंदर मची रार साफ नजर आती है। बता दें कि राज्य में अगले ही साल लोकसभा चुनाव के तकरीबन 3-4 माह बाद ही विधानसभा चुनाव होने हैं।