Maharashtra NCP Crisis: अजित पवार कैंप में लौट रहे हैं एनसीपी के विधायक, भतीजे ने चाचा को दिया एक और बड़ा झटका

Maharashtra NCP Crisis: इन दिनों चाचा-भतीजे के बीच शह-मात का खेल शबाब पर है। डिप्टी सीएम अजित पवार लगातार चाचा शरद पवार पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं।

Update:2023-07-10 14:22 IST
Maharashtra NCP Crisis (Image: Social Media)

Maharashtra NCP Crisis: महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों दिलचस्प मोड़ पर है। सियासत के पुराने चावल कहे जाने वाले शरद पवार देश भर के नेताओं को दिल्ली की हुकूमत के खिलाफ लामबंद करने में लगे थे कि तभी उनके घर में ही विद्रोह हो गया। उनकी बनाई पार्टी एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) आज उसी राह पर खड़ी है, जहां एक साल पहले उनके सहयोगी शिवसेना के उद्धव ठाकरे खड़े थे। हालांकि, पवार को यह झटका उन्हीं के घर के सदस्य ने दिया।

महाराष्ट्र की सिसायत में इन दिनों चाचा-भतीजे के बीच शह-मात का खेल शबाब पर है। चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच असली एनसीपी किसकी है, इसको लेकर जबरदस्त घमासान मचा हुआ है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के संस्थापक शरद पवार अपने गुट को असली एनसीपी बता रहे हैं। लेकिन उनकी मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। डिप्टी सीएम अजित पवार लगातार उनपर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं।

शरद खेमे में गए विधायक ने अजित गुट में की वापसी

महाराष्ट्र की राजनीति में रविवार को शरद पवार को बड़ा झटका तब लगा, तब सतारा जिले से आने वाले कद्दावर एनसीपी विधायक मकरंद पाटिल ने उनका साथ छोड़ने का ऐलान कर दिया। दरअसल, पाटिल शुरूआत में अजित पवार गुट के साथ थे। लेकिन फिर वो घिसक कर शरद पवार के साथ हो लिए। बगावत के बाद जब शरद पवार सतारा के कराड स्थित अपने राजनीतिक गुरू पूर्व सीएम यशवंतराव चव्हाण को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे, तब विधायक मकरंद पाटिल भी उनके साथ उन्हीं के कार में वहां तक आए थे। तब इसे अजित पवार गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था। लेकिन इसके महज पांच दिन बाद ही पाटिल का मन बदल गया और उन्होंने अजित पवार खेमे में जाने का ऐलान कर दिया।

अजित पवार कैंप हो रहा मजबूत

शिवसेना में जैसे धीरे-धीरे उद्धव ठाकरे कैंप के नेता छोड़-छोड़ कर शिंदे कैंप में शामिल हुए, वहीं नजारा अब एनसीपी में दिख रहा है। शरद पवार कैंप के नेता धीरे-धीरे अजित पवार की ओर आते जा रहे हैं। मकरंद पाटिल सतारा जिले से एनसीपी के तीसरे विधायक हैं, जो सीनियर पवार को छोड़कर जूनियर पवार के साथ आए हैं। उनसे पहले रामराजे नाइक निंबालकर और दीपक चव्हाण अजित कैंप का दामन थाम चुके हैं।

सतारा जिले की वाई विधानसभा सीट से एनसीपी के विधायक मकरंद पाटिल के साथ-साथ उनके क्षेत्र के सैंकड़ों पार्टी कार्यकर्ताओं ने अजित पवार कैंप का दामन थाम लिया। बता दें कि सतारा जिला महाराष्ट्र की राजनीति में शरद पवार और एनसीपी के गढ़ के रूप में जाना जाता रहा है। अजित पवार यहां अपनी ताकत बढाकर पूरे राज्य में संदेश देना चाहते हैं कि असली एनसीपी की कमान उन्हीं के पास है।

अजित पवार के पास कितने विधायकों का समर्थन ?

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और उनके कैंप के नेताओं का दावा है कि उनके पास एनसीपी के 40 विधायकों का समर्थन है। एनसीपी के कुल विधायकों की संख्या फिलहाल 53 है। 5 जुलाई को 34 एमएलए अजित पवार के गुट की ओर से आयोजित बैठक में शामिल हुए थे। वहीं, उसी दिन शरद पवार की ओर से आयोजित बैठक में करीब 7 विधायकों ने हिस्सा लिया था। एनसीपी में आधा दर्जन ऐसे विधायकों की भी संख्या है, जो फिलहाल अनिर्णय की स्थिति में हैं। उन्हें जिस तरफ का पलड़ा भारी दिखेगा, वे उस ओर चले जाएंगे।

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