Mahua Moitra Case: एथिक्स कमेटी के सामने पेश होने से पहले महुआ ने कर दी बड़ी मांग, बोलीं- मुझे सदन से सस्पेंड कराना चाहती है बीजेपी
Mahua Moitra Case: तृणमुल सांसद को कल यानी गुरूवार 2 नवंबर को लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश होना है। लेकिन इससे पहले उन्होंने एक्स पर एक विस्तृत लेटर पोस्ट कर एथिक्स कमेटी और बीजेपी दोनों को निशाने पर लिया है।
Mahua Moitra Case: संसद में विपक्ष की ओर से सरकार के खिलाफ बोलने वाली मुखर वक्ताओं में शामिल टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा कैश फॉर क्वेरी (संसद में सवाल के बदले पैसे) मामले में जांच का सामना कर रही हैं। गंभीर आरोपों का सामना कर रहीं महुआ को इस मामले में अपनी पार्टी ने भी अकेला मैदान में छोड़ दिया है। तृणमुल सांसद को कल यानी गुरूवार 2 नवंबर को लोकसभा की एथिक्स कमेटी के सामने पेश होना है।
लेकिन इससे पहले उन्होंने एक्स पर एक विस्तृत लेटर पोस्ट कर एथिक्स कमेटी और बीजेपी दोनों को निशाने पर लिया है। महुआ ने जो लेटर पोस्ट किया है, वो 31 अक्टूबर को लिखा गया था। इसमें उन्होंने बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई को क्रॉस एग्जामिन करने की मांग की है। लोकसभा सांसद ने कहा कि दोनों ने मुझ पर जो आरोप लगाए हैं, उसका कोई सबूत नहीं दिया गया है।
बीजेपी पर जमकर बरसीं महुआ
पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, 2 नवंबर को सारे झूठ ध्वस्त कर दूंगी। अगर मैंने एक भी रूपया लिया होता तो भाजपा मुझे जेल में डाल देती। बीजेपी मुझे संसद से सस्पेंड कराना चाहती है ताकि मैं वहां सरकार को घेर न सकूं। लेकिन सच तो ये है कि वे मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकते।
एथिक्स कमेटी पर भी उठाए सवाल
महुआ मोइत्रा एथिक्स कमेटी पर भी सवाल उठाते रही हैं। मीडिया में जानकारियां लीक किए जाने पर वो कमेटी को आड़े हाथों ले चुकी हैं। एकबार फिर उन्होंने एथिक्स कमेटी के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर मुझ पर कोई आपराधिक आरोप है को जांच एजेंसियों को जांच करनी चाहिए। एथिक्स कमेटी किसी के प्राइवेट मैटर की जांच के लिए सही जगह नहीं है।
एथिक्स कमेटी में कौन – कौन ?
कैश फॉर क्वेरी मामले की सुनवाई लोकसभा की जो आचार समिति कर रही है, उनमें बीजेपी के अलावा विपक्षी दलों के सांसद शामिल हैं। समिति को लीड बीजेपी एमपी विनोद कुमार सोनकर कर रहे हैं। एथिक्स कमेटी में बतौर मेंबर बीजेपी के वीडी शर्मा, सुमेधानंद सरस्वती, अपराजिता सारंगी, डॉ. राजदीप रॉय, सुनिता दुग्गल और सुभाष भामरे हैं। कांग्रेस की ओर से एन उत्तम कुमार रेड्डी, प्रणीत कुमार, वी.वैथीलिंगम, बालासौरी बल्लभनैनी शामिल हैं। बसपा से दानिश अली, शिवसेना से हेमंत गोडसे, सीपीएम के पीआर नटराजन और जदयू के गिरिधारी यादव भी बतौर सदस्य शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला ?
झारखंड से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर को 'री-इमरजेंस ऑफ नेस्टी कैश फॉर क्वेरी इन पार्लियामेंट' नाम से एक चिट्ठी लिखी थी। इसमें आरोप लगाया गया कि पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को सदन में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से गिफ्ट और कैश मिला। गोड्डा सांसद ने स्पीकर को लिखे लेटर के साथ एडवोकेट जय अनंत देहाद्रई की चिट्ठी भी लगाई थी।
रियल एस्टेट कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि उनके पास महुआ मोइत्रा का लोकसभा का लॉगिन आईडी और पासवर्ड था। इससे वे खुद ही महुआ की तरफ से सवाल डालते थे। कारोबारी द्वारा आगे कहा गया कि महुआ का मकसद पीएम मोदी को बदनाम करना था। कारोबारी ने 19 अक्टूबर को जो एफिडेविट कमेटी को सौंपा था, उसमें ये बातें दर्ज हैं। महुला ने अगले दिन यानी 20 अक्टूबर को सरकार पर दर्शन के सिर पर बंदूक रखवाकर एफिडेविट साइन करवाने का आरोप लगाया था।
Mahua Moitra Case: महुआ मामला: क्या है सदन में सवाल पूछने की प्रक्रिया?
26 अक्टूबर को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे कमेटी के सामने पेश हुए। 27 अक्टूबर को महुआ ने हीरानंदानी को लोकसभा का लॉगिन आईडी और पासवर्ड देने की बात मान ली। उन्होंने अरबपति कारोबारी से एक स्कार्फ, लिपस्टिक और आईशैडो भी गिफ्ट में लेने की बात कबूली। इस पूरे विवाद से अब तक टीएमसी और बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने दूरी बनाकर रखी है।