पहलवानों पर महाराष्ट्र से बंगाल तक संग्राम, समर्थन में उतरीं CM ममता, यूथ कांग्रेस ने तेंदुलकर के घर के बाहर लगाए पोस्टर
Wrestlers Protest News: बीते एक महीने से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को वहां से हटा दिया गया है। बावजूद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी अब पहलवानों के समर्थन में उतरी हैं। वहीं, यूथ कांग्रेस ने सचिन तेंदुलकर के घर के बाहर पोस्टर लगाए।
Wrestlers Protest News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पहलवानों के पक्ष में महाराष्ट्र से पश्चिम बंगाल तक संग्राम मचा है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) खुलकर प्रदर्शनकारी पहलवानों के समर्थन में आ गई हैं। दूसरी तरफ, यूथ कांग्रेस ने मुंबई में सचिन तेंदुलकर के बंगले के बाहर एक पोस्टर लगाया, जिसमें पहलवानों का समर्थन न करने पर नाराजगी जाहिर की गई।
नाराज पहलवानों के समर्थन में बंगाल सीएम ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने 31 मई को कोलकाता की सड़कों पर पैदल मार्च निकाला। मार्च में ममता बनर्जी भी शामिल हुईं। ममता बनर्जी पहलवानों के सपोर्ट में सड़कों पर उतर मार्च निकालने वाली पहली मुख्यमंत्री बन गई हैं।
कैंडल मार्च निकालेगी TMC
कोलकाता में पैदल मार्च के दौरान सीएम ममता बोलीं, 'बीजेपी नेता होने की वजह से आरोपी (बृजभूषण शरण सिंह) की गिरफ्तारी नहीं हो रही। यह देश के लिए शर्म की बात है। पहलवान हरिद्वार गए, बावजूद दोषी की गिरफ्तारी नहीं हुई। गिरफ्तारी की मांग को लेकर हमारा धरना-प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा। मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, हमें अपने खिलाड़ियों पर गर्व है। हमने आने वाले दिनों में विरोध जारी रखने का निर्णय लिया है। हमने उनसे बात की। हमारी टीम उनका समर्थन करने वहां जाएगी। पहलवानों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस गुरुवार (01 जून) को कैंडल मार्च निकालेगी।'
आप खेल जगत में 'भगवान' हैं, लेकिन...
वहीं, मुंबई में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं (Youth Congress workers) ने पहलवानों का समर्थन नहीं करने के मुद्दे पर पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के घर के बाहर बुधवार को पोस्टर लगाए। हालांकि, बाद में मुंबई पुलिस ने पोस्टर हटा दिए। ये पोस्टर यूथ कांग्रेस की सदस्य रंजीता विजय गोरे (Ranjita Vijay Gore) की ओर से लगाया गया था। पोस्टर में भारत रत्न सचिन तेंदुलकर की 'चुप्पी' पर सवाल उठाया गया। पोस्टर में ये भी लिखा था कि, आप खेल जगत में 'भगवान' हैं। लेकिन, जब कुछ महिला खिलाड़ी यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठा रही है तो आपकी इंसानियत कहीं नजर आती।
साक्षी मलिक को छोड़ सभी हरियाणा लौटे
जानकारी के लिए बता दें कि, WFI के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों में साक्षी मलिक (Sakshi Malik) को छोड़ शेष सभी हरियाणा अपने घर लौट गए हैं। पहलवानों ने दावा किया है कि 'मौन व्रत' के कारण उन्होंने हरिद्वार में मीडिया से कोई बात नहीं की। हालांकि, पहलवानों को एक-दूसरे के कानों में फुसफुसाते जरूर देखा गया था।
23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर जारी था आंदोलन
गौरतलब है कि, पहलवानों ने 23 अप्रैल को दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपना आंदोलन एक बार फिर शुरू किया था। 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन वाले दिन पार्लियामेंट की तरफ मार्च करते समय उन्हें हिरासत में लिया गया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन स्थल से उनके सामान हटा दिए। साथ ही, वहां वापस आने से रोक दिया गया। पहलवानों ने 30 मई को अपने पदकों को गंगा में विसर्जित करने की घोषणा की थी। हरिद्वार भी पहुंचे, लेकिन खाप और किसान नेताओं के मनाने पर ऐसा नहीं किया।