केंद्र पर भड़की ममता बनर्जी, कहा-जब तक जिंदा हूं, राज्य में नहीं लागू होगा CAA
पूरे देश में डिटेंशन सेंटर को लेकर चर्चा और आरोप-प्रत्यारोप का बाजार गर्म है। यह राजनीतिक मुद्दा बन गया है विपक्ष पूरी तरह इसका विरोध कर रही है। पूरे देश में विरोध के स्वर गूंज रहे हैं। तो फिर पश्चिम बंगाल क्यों पीछे रहें।
कोलकत्ता: पूरे देश में डिटेंशन सेंटर को लेकर चर्चा और आरोप-प्रत्यारोप का बाजार गर्म है। यह राजनीतिक मुद्दा बन गया है विपक्ष पूरी तरह इसका विरोध कर रही है। पूरे देश में विरोध के स्वर गूंज रहे हैं। तो फिर पश्चिम बंगाल क्यों पीछे रहें। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल में डिटेंशन सेंटर स्थापित करने को लेकर मोदी सरकार को चुनौती दी है और कहा कि- मैं अपनी जान देने के लिए तैयार हूं लेकिन बीजेपी को बंगाल में डिटेंशन सेंटर लगाने नहीं दूंगी, कभी नहीं।
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केंद्र सरकार के कई नीतियों की खुलकर आलोचना कर चुकीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को बंगाल में डिटेंशन सेंटर स्थापित करने को लेकर मोदी सरकार को चुनौती दी। उत्तर 24 परगना जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममत बनर्जी ने कहा- अफवाहों में मत आइए। वे (केंद्र सरकार) कह रहे हैं कि यहां डिटेंशन सेंटर स्थापित करेंगे, लेकिन यहां सत्ता में कौन है? मैं अपनी जान देने के लिए तैयार हूं लेकिन मैं बीजेपी को बंगाल में डिटेंशन सेंटर नहीं लगाने दूंगी, कभी नहीं! भले ही मुझे इसके लिए मरना पड़े, मैं इसकी अनुमति नहीं दूंगी।
साथ ही उन्होंने कहा कि हम यहां अभी सत्ता में हैं और यह राज्य सरकार का डोमेन है।उन्होंने यह असम में किया क्योंकि उनकी वहां सत्ता है। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी के सीएए के विरोध को ’असंवैधानिक’ करार दिया है।
उन्होंने कहा कि वो सात बार सांसद रह चुकी है। वे दिल्ली में कई मंत्रालयों को संभाल चुकी हैं, वो कानून को अच्छी तरह से जानती हैं, वो समझती हैं कि संविधान पूरी तरह से अपने प्रावधानों का गलत इस्तेमाल नहीं करता है। इसलिए उन्हें कानून दिखाने की जरूरत नहीं हैं। उन्होंने ये भी कहा कि जिस तरह से दिल्ली में निर्वाचित सरकार है, उसी तरह यहां पर भी चुनी हुई सरकार है। दिल्ली में अपने अधिकारों का प्रयोग करते हैं, व बंगाल में ऐसा करेंगी।' उन्होंने दोहराया कि न तो सीएए और न ही एनआरसी को बंगाल में लागू किया जाएगा।
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इससे पहले ममता बनर्जी ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी देश को हिंदू-मुस्लिम के आधार पर बांटना चाहती है, लेकिन हम हिंदुस्तान के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। ये लड़ाई भारतीयों का हक बचाने की लड़ाई है। उन्होंने आगे कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भी देश में एकता की बात कही थी। उन्होंने फिर दोहराया कि सीएए और एनआरसी बंगाल में लागू नहीं होगा।