Manipur Violence: मणिपुर घटना पर चौतरफा घिरी बीजेपी ने कहा कि, जब पीएम ने दे दिया जवाब, तो फिर कैसा सवाल
Manipur Violence: रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मणिपुर की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कार्रवाई का अपील की है। उन्होंने ने न सीर्फ मणिपुर बल्कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ का भी जिक्र किया।
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस समेत अन्य पार्टियां लगातार सरकार पर निशान साध रही हैं। विपक्ष पीएम मोदी द्वारा सदन में जवाब देने की मांग कर रही है। इसी क्रम में गुरुवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद प्रेस कान्फ्रेंस कर हमलावर विपक्षी पार्टियों पर सवाल खड़ा किए। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने इस घटना की कड़ी निन्दा करते हुए कार्रवाई की अपील की है। फिर क्यों विपक्षी पार्टियों द्वारा लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं।
मणिपुर की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मणिपुर की घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हम सभी इस घटना से बेहद दुखी है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कार्रवाई का अपील की है। महिला सुरक्षा को लेकर जागृति लाने की बात कही है। पीएम मोदी ने न सीर्फ मणिपुर बल्कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ का भी जिक्र किया है।
संसद के दोनों सदनो में बहस चाहते थे
उन्होंने कहा कि हम इस विषय पर संसद के दोनों सदनो में बहस चाहते थे। यह एक गंभीर विषय है और होना भी चाहिए। मोदी सरकार बहन बेटियों की इज्जत को लेकर बेहद गंभीर और संवेदनशील है। महिला का सम्मान होना चाहि, चाहे वो कोई भी प्रदेश हो। उन्होंने कहा कि यह पीड़ादायक बात है जब बीजेपी की ओर से राज्यसभा में पीयूष गोयल और लोकसभा में प्रह्लाद जोशी ने स्पष्ट कहा कि हम मणिपुर घटना पर चर्चा के लिए तैयार हैं। इसके बाद कांग्रेस व अन्य दल किस क्लॉज में चर्चा होगी, इसपर बहस कर रहे हैं। इसका मतलब उनके लिए मणिपुर घटना का महत्व नहीं है, सीर्फ क्लॉज महत्वपूर्ण है।
जब पीएम मोदी ने बयान दे दिया तो...
रविशंकर ने कहा कि जब पीएम मोदी ने गुरुवार को सुबह-सुबह बयान दे दिया तो, देश में एक साझेदारी का संकेत जाना चाहिए था, कि पूरा देश एक है और पूरी संसद एक है। इसका कितना सकारात्मक संदेश जाता आप सब समझ सकते हैं। लेकिन विपक्ष द्वारा इस विषय पर किस रूल में बहस किया जए इसपर बहस करना बेहद पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण है।
आखिर कांग्रेस चाहित क्या है?
रविशंकर ने कहा कि वर्तमान में नार्थ-ईस्ट देश के नजदीक आ गए हैं। खुद पीएम मोदी करीब 50 बार नॉर्थ ईस्ट का दौरा किया। सभी कैबिनेट मंत्री करीब 400 बर नॉर्थ ईस्ट गए। नॉर्थ ईस्ट के कई प्रदेशों की जनता ने भजपा को बार-बार जिताया। नॉर्थ ईस्ट की एक अलग ही मनिस्ट्री बनाई गई। वहां के विकास को लेकर लगातार प्लान बनाए जा रहे हैं। मनमोहन सिंह 10 साल प्रधानमंत्री रहे। 20 साल असम से राज्यसभा सदस्य रहे। इस दौरान वहां पर क्या हुआ इसपर नहीं बात करना चाहता हूं। बस भजपा के राष्ट्रीय मंच से सवाल पूछना चाहता हूं कि आखिर कांग्रेस चाहती क्या है? संसद में बहस चाहती हैं या रूल पर अपना अहम सिद्ध करना।
कांग्रेस से क्या ही उम्मीद करें?
उन्होंने कहा कि अगर संसद में बहस शुरू होती तो पूरे सदन में इस विषय पर एक समझ बनती, साझेदारी बनती और सामुहिक भाव से सार्थक और रचनात्मक संदेश मणिपुर की जनता और खासकर महिला में जात। हम कांग्रेस के रवैये से बेहद दुखी हैं। लेकिन कांग्रेस से क्या ही अपेक्षा की जा सकती है? सदन में बहस से भागते हैं।