Manipur Violence Update: मणिपुर में हालात सामान्य होने की ओर, नेशनल हाईवे पर लगा जाम हटा, कर्फ्यू में दी गई ढील
Manipur Violence Update: राज्य के अशांत इलाकों में शामिल राजधानी इंफाल में स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है। जिसे देखते हुए यहां कर्फ्यू में ढ़ील देने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने रविवार को बिष्णुपुर-चुराचांदपुर से सटी पहाड़ियों पर जाकर जमीनी स्थिति देखी। इसके बाद सोमवार को पश्चिम इंफाल जिले में कर्फ्यू में ढ़ील देने का
Manipur Violence Update: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जातीय हिंसा को शुरू हुए दो माह बीत चुके हैं। राज्य में अब भी हिंसा का दौर जारी है। अशांत इलाकों में कुर्की और मैतेई समुदाय के हथियारबंद गिरोहों द्वारा हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। हालांकि, राज्य में हालात धीरे-धीरे सामान्य होने की ओर अग्रसर है। सरकार की पहल का असर अब जमीन पर दिखने लगा है। कुछ हथियारबंद समूहों ने शांति कायम करने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया है।
राज्य के अशांत इलाकों में शामिल राजधानी इंफाल में स्थिति पहले से काफी बेहतर हुई है। जिसे देखते हुए यहां कर्फ्यू में ढ़ील देने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने रविवार को बिष्णुपुर-चुराचांदपुर से सटी पहाड़ियों पर जाकर जमीनी स्थिति देखी। इसके बाद सोमवार को पश्चिम इंफाल जिले में कर्फ्यू में ढ़ील देने का फैसला लिया गया। कर्फ्यू में ढ़ील सुबह पांच बजे से लेकर शाम 6 बजे तक दी गई है।
कुकी संगठनों ने खाली किया नेशनल हाईवे
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दो माह से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में सरकार को बड़ी कामयाबी तब मिली जब कुकी संगठनों ने आवागमन के लिए महत्वपूर्ण नेशनल हाईवे 2 को खाली कर दिया। हिंसा शुरू होने के बाद से यहां नाकेबंदी चल रही थी। यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन ने एक संयुक्त बयान जारी कर राष्ट्रीय राजमार्ग में दो महीने से जारी नाकेबंदी खत्म करने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अपील पर ये फैसला लिया गया है। हालांकि, उन्होंने अभी तक आधिकारिक रूप से आंदोलन को वापस लेने की घोषणा नहीं की है।
उग्रवादियों ने तीन लोगों की कर दी हत्या
मणिपुर में शांति बहाली के प्रयास के बीच उग्रवादी समूह लगातार आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। शनिवार रात को विष्णुपुर जिले के खोइजुमंतबी गांव में अचानक हथियारबंद लड़ाके आ धमके और लोगों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। अचानक हुए इस हमले में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच अन्य जख्मी हो गए। घायलों का इलाज राजधानी इंफाल स्थित अस्पताल में चल रहा है। सीएम बिरेन सिंह ने मौके पर जाकर लोकल लोगों से मुलाकात की और स्थिति का जायजा लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी
मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई हुई । कुकी समुदाय की ओर से आर्मी प्रोटेक्शन की मांग को लेकर शीर्ष अदालत में याचिका दायर की गई थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने मणिपुर सरकार से राज्य में जातीय हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में एक हफ्ते में रिपोर्ट जमा करने को कहा है। सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि केंद्रीय बलों की 114 कंपनियां तैनात की गई हैं। राज्य में स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है।
बता दें कि 20 जून को मणिपुर ट्राइबल फोरन की ओर से यह याचिका दायर की गई थी, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। याचिका में कहा गया था कि राज्य में कुकी सुरक्षित नहीं हैं। इसलिए उन्हें सैन्य सुरक्षा मुहैया कराई जाए। हालांकि, कोर्ट ने याचिक पर तब फौरन सुनवाई से इनकार करते हुए आज यानी सोमवार 3 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की थी।
कब से जारी है हिंसा ?
बीजेपी शासित मणिपुर में 3 मई 2023 से जातीय हिंसा का दौर जारी है। मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने को लेकर कुकी और नागा जैसे आदिवासी समुदाय भड़के हुए है। इनका विरोध प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया। जिसके बाद दोनों समुदायों के हथियारबंद लड़ाके एक – दूसरे समुदाय के लोगों के घर और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने लगे। देखते ही देखते तकरीबन आधा मणिपुर हिंसा की आग में जलने लगा। इस हिंसा में अब तक 100 से अधिक मौतें हो चुकी हैं। 3 हजार से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। 50 हजार के करीब मणिपुरी राहत कैंपों में रह रहे हैं।