जानें कौन हैं मनोज मुकुंद नरवाने, जो बने नए आर्मी चीफ
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने मंगलवार को सेना प्रमुख का कार्यभार ग्रहण कर लिया है। मनोज मुकुंद नरवाने ने जनरल बिपिन रावत से कार्यभार ग्रहण किया है। बता दें कि जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख के पद से आज रिटायर हो चुके हैं।
नई दिल्ली: लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने मंगलवार को सेना प्रमुख का कार्यभार ग्रहण कर लिया है। मनोज मुकुंद नरवाने ने जनरल बिपिन रावत से कार्यभार ग्रहण किया है। बता दें कि जनरल बिपिन रावत सेना प्रमुख के पद से आज रिटायर हो चुके हैं। उन्हें भारत सरकार की तरफ से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) घोषित किया गया है। अब उनके बाद लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने सेना प्रमुख का कार्यभार संभालेंगे।
PM नरेंद्र मोदी ने किया था CDS का ऐलान
बता दें कि, इस साल 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से सीडीएस का पद सृजित करने का ऐलान किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ होने के बाद तीनों सेनाओं के बीच समवन्य बनाना आसान होगा। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने फिलहाल उप-सेनाप्रमुख की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
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सितंबर में उप सेना प्रमुख की संभाली थी जिम्मेदारी
इस साल सितंबर, 2019 में उन्होंने उप सेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी। इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने सेना की पूर्वी कमान की जिम्मेदारी संभाली थी। बता दें कि सेना की पूर्वी कमान भारत की चीन के साथ लगी सीमा (4,000 किलोमीटर की सीमा) की देखभाल करती है।
चलिए जानते हैं इनके बारे में कुछ दिलचस्प बातेें-
नरवाने एक मराठी परिवार से हैं। उनके पिता भारतीय वायु सेना में एक पूर्व अधिकारी हैं, जो विंग कमांडर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे और उनकी माँ ऑल इंडिया रेडियो की उद्घोषक थीं।
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शैक्षिक योग्यता
उन्होंने पुणे में ज्ञान प्रबोधिनी प्राशला में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। नरवने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, पुणे और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई से रक्षा अध्ययन में मास्टर डिग्री और देवी अहिल्या विश्व विद्यालय, इंदौर से रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम.फिल भी किया है नरवाना ने रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू में भाग लिया है।
मनोज मुकुंद नरवाने का सैन्य कार्यालय
लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने जम्मू और कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स की दूसरी बटालियन (सिखली) और पूर्वी मोर्चे पर सेना ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं। साथ ही वह श्रीलंका में इंडियन पीस कीपिंग फोर्स (भारतीय शांति सेना) का भी हिस्सा रहे। उन्होंने नागालैंड के कोहिमा में इंस्पेक्टर जनरल (उत्तर) के रूप में असम राइफल्स की कमान भी संभाली है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी काम किया है।
मनोज मुकुंद नरवाने को जून, 1980 में सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट की 7वीं बटालियन में कमीशन दिया गया था। नरवाने के पास कश्मीर और पूर्वोत्तर में आतंकरोधी कार्रवाइयों का खासा अनुभव है। उन्हें जम्मू और कश्मीर में अपनी बटालियन को प्रभावी ढंग से कमाण्ड करने के लिए सेना पदक (विशिष्ट) से सम्मानित किया जा चुका है। लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरावने को ‘सेना मेडल’, ‘विशिष्ट सेवा मेडल’ और ‘अतिविशिष्ट सेवा मेडल’ भी मिल चुका है।
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