Maratha Reservation Protest: मराठा आरक्षण के लिए दो और लोगों ने की आत्महत्या, मनोज जरांगे ने अन्न के साथ पानी भी त्यागा, उग्र हो सकता है आंदोलन
Maratha Reservation Protest: एक नवंबर को हिंगोली जिले में दो लोगों ने जान दे दी। मृतकों की शिनाख्त 21 वर्षीय गोविंद कावले और 16 वर्षीय आरती शिंदे के रूप में हुई।
Maratha Reservation Protest: मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर इन दिनों महाराष्ट्र के कई जिले हिंसा की आग में धधक रहे हैं। मराठवाड़ा के आठ जिलों में सबसे अधिक विरोध-प्रदर्शन, तोड़फोड़ और आगजनी देखी जा रही है। आरक्षण आंदोलन के समर्थन में लोग अपनी जान भी दे रहे हैं। एक नवंबर को हिंगोली जिले में दो लोगों ने जान दे दी। मृतकों की शिनाख्त 21 वर्षीय गोविंद कावले और 16 वर्षीय आरती शिंदे के रूप में हुई। पूरे राज्य में अब तक 28 लोग सुसाइड कर चुके हैं। बुधवार को भी सोलापुर में सुसाइड की कोशिश करने वाले चार लोगों को किसी तरह बचाया जा सका।
इन सबके बीच बुधवार को सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 32 दलों की सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सभी ने मराठा आरक्षण का समर्थन किया। नेताओं ने आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल से अनशन खत्म करने की अपील की लेकिन जरांगे ने इसे मानने से इनकार करते हुए अन्न के साथ-साथ अब जल का भी त्याग कर दिया है। उन्होंने सरकार को गंभीर चेतावनी दे डाली है। इसके बाद से आंदोलन के और उग्र होने की आशंका प्रबल हो गई है।
महाराष्ट्र सरकार पर भड़क जरांगे
बुधवार को सर्वदलीय बैठक के बाद सीएम शिंदे ने कहा था कि मराठा आरक्षण के लिए उन्हें थोड़ा समय चाहिए। इस पर अनशन कर रहे मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल भड़क गए हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन शुरू होने के बाद ही सरकार को समय क्यों चाहिए होता है ? सरकार को चिंता है तो यहां आकर चर्चा करें अन्यथा आंदोलन और उग्र होगा। सभी दलों की बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल सका, इसलिए मैंने अब पानी पीना भी बंद कर दिया है।
जरांगे ने कहा, मैं महाराष्ट्र सरकार को चेतावनी दे रहा हूं कि आप आरक्षण देने के लिए कदम उठाने में जितनी देर करेंगे। इसकी कीमत उतनी ही ज्यादा चुकानी पड़ेगी। मैं मराठा समुदाय से वादा करता हूं कि हम आरक्षण का अधिकार हासिल करने जा रहे हैं और हम जीतेंगे। प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की सख्ती पर सरकार को चेताते हुए मराठा नेता ने कहा, मेरी उन्हें एक सलाह है। आप कुछ मराठा युवाओं के खिलाफ मामला तो दर्ज कर सकते हैं, मगर आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि मराठों की आबादी 6 करोड़ है।
प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की सख्ती
आगजनी, तोड़फोड़ और बलवा करने वाले मराठा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने कहा कि हमारे पास सख्त कार्रवाई के आदेश हैं। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और हिंसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उपद्रवियों ने 8 दिन में 12 करोड़ की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। पुणे पुलिस ने हाईवे जामकर आगजनी करने वाले 500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
वहीं, हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित बीड जिले में 141 केस दर्ज कर 168 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। जिले में धारा 144 लगी हुई है। स्थानीय पुलिस फोर्स के अलावा राज्य रिजर्व पुलिस बल की 17 कंपनियां तैनात की गई हैं। तनाव को देखते हुए छत्रपति संभाजी नगर (ग्रामीण), जालना और बीड में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इन जिलों में बसों के परिचालन पर भी रोक लगी हुई है।