Maratha Reservation : '24 अक्टूबर तक आरक्षण की करें घोषणा, नहीं तो...' मनोज जारंगे का शिंदे सरकार को अल्टीमेटम !
Maratha Reservation Movement: जालना में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर कई दिनों तक अनशन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जारंगे ने सरकार को एक बार फिर आंदोलन की चेतावनी दी है।
Maratha Reservation Row : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले महाराष्ट्र में एक बार फिर मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) की मांग तेज हो गई है। इस मुद्दे को केंद्र में लाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जारंगे (Manoj Jarange) ने शनिवार (14 अक्टूबर) को धमकी दी। जारंगे ने कहा, 'यदि 24 अक्टूबर तक सरकार नौकरियों और शिक्षा में 'कोटा' देने में विफल रहती है तो वह अपना विरोध-प्रदर्शन तेज कर देंगे।
मनोज जारंगे ने ये बातें जालना जिले (Jalna) के अंतरवाली-सराटी गांव में भीड़ को संबोधित करते हुए कही। जरांगे ने आगे कहा, '24 अक्टूबर, 2023 के बाद या तो मेरी शव यात्रा निकलेगी या समुदाय की जीत (आरक्षण मिलने के बाद) का जश्न मनेगा।' जारंगे की इस खुली धमकी के बाद अब राज्य सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
शिंदे सरकार को दिया था 40 दिन का अल्टीमेटम
आपको बता दें, मनोज जारंगे पहले अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण (Reservation on Maratha community) देने की मांग के समर्थन में गांव में भूख हड़ताल पर थे। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) द्वारा उनसे मुलाकात करने तथा उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन देने के बाद 14 सितंबर को 17वें दिन अपना अनशन समाप्त कर दिया था। जारंगे ने मराठा समुदाय के लिए रिजर्वेशन लागू करने के वास्ते कदम उठाने के लिए शिंदे सरकार (Shinde government) को 40 दिन की समय सीमा दी थी।
मराठा समुदाय को मिले 'कुनबी जाति' का प्रमाणपत्र
मनोज जारंगे ने आज मांग की है कि राज्य भर के मराठा समुदाय को 'कुनबी जाति' (Kunbi caste) का प्रमाणपत्र दिया जाए। बता दें, कुनबियों को अन्य पिछड़ी जाति (OBC) श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि, मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में वो 24 अक्टूबर के बाद की अपनी रणनीति बताने के लिए 22 अक्टूबर को समुदाय को संबोधित करेंगे। हालांकि, मनोज ने अपने समर्थकों से विरोध-प्रदर्शन के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की।
'मराठा समुदाय को भड़का रहे भुजबल-फडणवीस'
मराठा कार्यकर्ता मनोज जारंगे ने राज्य सरकार के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) की तीखी आलोचना की, जिन्होंने कथित तौर पर दावा किया था कि शनिवार के विरोध-प्रदर्शन के लिए 7 करोड़ रुपए जुटाए गए थे। उन्होंने कहा, केवल मराठा समुदाय ने विरोध का समर्थन किया। सभा के लिए महज 21 लाख रुपए की व्यवस्था करने में कामयाबी मिली। जरेंगे ने भुजबल और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) और वकील गुणरत्न सदावर्ते (Gunaratna Sadavarte) पर मराठा समुदाय को भड़काने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने सदस्यों से एकजुट रहने और विभाजनकारी रणनीति का शिकार नहीं होने की भी अपील की।