IRCTC की खामियों पर टिकट फ्रॉड गैंग के मास्टरमाइंड ने मांगा- 'दो लाख हर माह'?

रेल टिकट घोटाले को लेकर कई चौंकानेवाली जानकारी सामने आ रही है। इस फ्रॉड का मास्टरमाइंड रेलवे पुलिस फोर्स के चीफ तक भी पहुंच गया। आरोपी ने आरपीएफ चीफ को भेजे संदेश में दावा किया कि रेलवे के आईटी सिक्यॉरिटी सिस्टम में बहुत सारे झोल हैं।

Update: 2020-01-24 17:04 GMT

नई दिल्ली रेल टिकट घोटाले को लेकर कई चौंकानेवाली जानकारी सामने आ रही है। इस फ्रॉड का मास्टरमाइंड रेलवे पुलिस फोर्स के चीफ तक भी पहुंच गया। आरोपी ने आरपीएफ चीफ को भेजे संदेश में दावा किया कि रेलवे के आईटी सिक्यॉरिटी सिस्टम में बहुत सारे झोल हैं। इतना ही नहीं दुबई में रह रहे मास्टरमाइंड ने आरपीएफ को सुझाव दिया है कि उसे दो लाख रुपये महीने का वेतन दें और वह सुरक्षा संबंधी सारी कमियां दूर कर देगा।

 

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आरपीएफ के मुताबिक मुख्य आरोपी हामिद अशरफ इस वक्त दुबई में है और उसका कहना है कि उसके जैसे कुछ लोगों को पकड़ लेने से यह धंधा खत्म नहीं होगा। अशरफ का कहना है कि कुछ लोगों को पकड़ने से कोई लाभ नहीं होनेवाला। कुछ दिनों बाद दूसरे लोग ऐसा ही सिंडिकेट खड़ा कर लेंगे। हामिद का दावा है कि आईआरसीटीसी के सिस्टम में सुरक्षा के लिहाज से काफी गड़बड़ियां हैं और कुछ और लोग ऐसा अवैध सॉफ्टवेयर विकसित कर लेंगे।

रेलवे सुरक्षा बल ने बीते मंगलवार एक बड़े ई-टिकटिंग रैकेट का भंडाफोड़ किया था। रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक ने बताया था कि इनके लिंक दुबई, पाकिस्तान और बांग्लादेश में टेरर फंडिंग से जुड़े हैं। उन्होंने कहा था कि हम रेलवे ई-टिकटिंग रैकेट के खिलाफ कार्रवाई में एक कदम आगे बढ़े हैं। हमने एक गिरोह का पता लगाया है। इसका सरगना शायद दुबई में बैठा है। हम गिरोह के सदस्यों की जांच कर रहे हैं। हम पता लगा रहे हैं कि किस तरह से बैंकों और कुछ कंपनियों के पास पैसा जा रहा है।

हाल के दिनों में रेलवे में अवैध टिकटों पर सबसे बड़ी कार्रवाई के दौरान गुलाम मुस्तफा को भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया था। गुलाम मुस्तफा ने झारखंड के एक मदरसा से पढ़ाई की है और वह सॉफ्टवेयर डेवलपर है। आरपीएफ को आशंका है कि मुस्तफा के तार टेरर फंडिंग से जुड़े हैं। अशरफ 2016 में ही देश छोड़कर भाग गया था। आरपीएफ डीजी कुमार ने हामिद अशरफ को उस रैकेट का मास्टरमाइंड भी बताया था, जिस पर प्रति माह 10-15 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न करने का संदेह है। कुमार ने कहा था कि ई-टिकट गिरोह का सरगना सॉफ्टवेयर डेवलपर हामिद अशरफ है जो 2019 में गोंडा के स्कूल में हुए बम कांड में संलिप्त था, उसके दुबई फरार हो जाने का संदेह है।

 

 

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एक खबर के मुताबिक, वॉट्सएप ब्रॉडकास्ट के जरिए इस शातिर ने अपने जुर्म का खुलासा किया है। उसने दावा किया है कि आईआरसीटीसी जिस सेंटर फॉर रेलवे इन्फॉर्मेशन सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है उसमें कई तरह की खामियां हैं। अपने को बेकसूर बताते हुए उसने कहा कि एजेंसी ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए और अब ऐसी घटनाओं के लिए मुझे जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लोगों को इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता कि मैंने क्या डिटेल शेयर किए और अब सारी जिम्मेदारी मुझ पर कैसे डाल सकते हैं? यही संदेश उसने टेक्स्ट मेसेज के जरिए आरपीएफ के महानिदेस अरुण कुमार को भेजा।

 

आरपीएफ महानिदेशक को भेजे मैसेज में उसने लिखा, 'अगर आप ऐसे इंटरव्यू टीवी चैनल को देते रहेंगे तो कोई लड़की मुझसे शादी नहीं करेगी।' उसने रेलवे को ऑफर दिया है कि सुरक्षा खामियों को वह दूर कर सकता है अगर उसे दो लाख रुपये हर महीने दिए जाएं।

 

रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार ने मंगलवार को बताया था कि मुस्तफा के पास से आईआरसीटीसी की 563 आईडी मिले हैं। इसके अलावा एसबीआई की 2,400 शाखाओं और 600 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में खाते हैं। ई-टिकट गिरोह मामले में गिरफ्तार गुलाम मुस्तफा से पिछले दिनों आईबी, स्पेशल ब्यूरो, ईडी, एनआईए, कर्नाटक पुलिस ने पूछताछ की थी। उन्होंने बताया था कि गुलाम मुस्तफा मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग मामले में संदिग्ध है।

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