Secrets of line on Trains: ट्रेन के डब्बों में बनी कई प्रकार की पट्टियाँ, जानिए इनके पीछे का अर्थ
Meaning of Lines in Trains: ट्रैन के डब्बो में बानी हरी, पीली और सफ़ेद पट्टियॉं तो देखी होगी। जानते है सभी पट्टियों का क्या है अर्थ और यह किस ओर संकेत करती है।
Meaning of Lines in Trains: ट्रेनों के डब्बों का उपयोग सामान को सुरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। ये डब्बे विभिन्न प्रकार के माल, सामग्री और वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। ट्रेनों में यात्रियों के लिए बनाए गए यात्रा डब्बे भी होते हैं जो उन्हें आरामदायक और सुरक्षित रखते हैं। इन डब्बों को बनाने के लिए कई तरह के सामग्री का उपयोग किया जाता है, और इसमें हरी पेली पट्टियों का भी उपयोग होता है।
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किसी ट्रेन के डब्बे में लगी हरी पट्टियों का अर्थ है ट्रेन के विभिन्न कार्यक्रमों, जैसे ट्रेन की आरम्भ या खत्मी, खाने की सेवा, सफाई या उत्पादक सम्बंधित कार्यों के लिए उपयोग होती हैं। इससे यात्रियों को संकेत मिलता है कि किसी विशेष कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है और उन्हें इसका प्रभाव महसूस हो सकता है। यह पट्टी इसका संकेत भी करती है कि कोच महिलाओं के लिए आरक्षित है और कोई भी पुरुष इसमें नहीं बेथ सकता है।
पीली पट्टियों का अर्थ
पीली पट्टियाँ संकेत करती हैं कि यात्रियों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ये पट्टियाँ विपणन, टिकट चेकिंग, बाथरूम के आगे क्षेत्र, संबंधित तकनीकी कार्य, यात्रा के नियमों के पालन आदि के संकेत के रूप में उपयोग होती हैं। इस डब्बे में केवल बीमार या दिव्यांग व्यक्ति ही यात्रा कर सकते है।
सफेद पट्टियों का अर्थ
सफेद पट्टियाँ प्लेटफ़ॉर्म पर ट्रेनों की स्थान परिचय और सुरक्षा के लिए उपयोग होती हैं। ये पट्टियाँ यात्रियों को संकेत करती हैं कि यहां से ट्रेनों की सवारी होती है और यहां ट्रैन खड़ी होती है। इस डब्बे में केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्री ही सफर कर सकते है।
ट्रेन के डब्बों में बानी नीली पट्टियाँ क्यों है ख़ास
नीली पट्टियां (ब्लू लाइन्स): नीली पट्टी वाले डब्बे को इंटीग्रल कोच कहा जाता है। सुपरफास्ट ट्रेंस यानी ७० से १४० किलोमीटर प्रति घंटा कि रफ़्तार पर दौड़ती है। नीली पट्टी वाले डब्बे भारत देश के तमिलनाडु राज्य के चेन्नई शहर में बनते है।
ट्रेन में बानी हरी- पीली पट्टियों के कारण
हरी पीली पट्टियां ट्रेनों के डब्बों की निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये पट्टियां एक प्रकार का वस्त्र होते हैं जो प्लास्टिक, रबर या कठोर पदार्थ से बनाई जाती हैं। हरी पेली पट्टियां आपस में बांधकर या जोड़कर डब्बों को बंद करने के लिए उपयोग होती हैं।
ट्रेन में हरी और पीले रंग की पट्टियों के कारण या उद्देश्य के पीछे कई कारण हो सकते हैं। यह पट्टियां आंतरविद्युतीय इंजन और उनके परिवहन उपकरणों की सुरक्षा और पहचान करने के लिए उपयोग होती हैं। यहां हम कुछ मुख्य कारणों पर चर्चा करेंगे:
1) सुरक्षा उद्देश्य: हरी और पीले रंग की पट्टियां ट्रेन के सुरक्षा सुविधाओं का हिस्सा होती हैं। इन पट्टियों का उपयोग इंजन, कोच, यात्री डब्बे और अन्य ट्रेनी यानों के बीच संकेत देने के लिए किया जाता है। रेलवे संकेत प्रणाली में हरी पेली पट्टियां महत्वपूर्ण होती हैं क्योंकि वे उन जगहों को संकेत देती हैं जहां रेलवे गतिविधियों के नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, जैसे रेलवे स्टेशन, संकेत द्वार, संकेत टावर आदि। यह ट्रेनों के बीच निकटतम रिक्त स्थानों और ट्रैक जंक्शन की पहचान करने में मदद करती हैं।
2)स्थान निर्देशन: हरी और पीली पट्टियाँ यात्रियों को सही स्थान पर सही समय पर खड़े होने के लिए निर्देशित करती हैं। हरी पट्टियाँ प्लेटफ़ॉर्म पर ट्रेन के आने की सूचना देती हैं, जबकि पीली पट्टियाँ ट्रेन के जाने की सूचना देती हैं।
3) स्थान परिचय: भारतीय रेलवे में, हरी और पीली पट्टियाँ भी उन यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण होती हैं जो अपंग होते हैं या दृष्टिहीन होते हैं। ये पट्टियाँ उन्हें संकेत करती हैं कि वे सही स्थान पर हैं और सुरक्षित रूप से सवारी कर सकते हैं।
वाहनों की श्रेणीकरण: हरी, पीली और सफेद पट्टियाँ वाहनों की विभिन्न श्रेणियों को पहचानने में मदद करती हैं। इन पट्टियों का उपयोग ट्रेन के अलग-अलग प्रकार के वाहनों, जैसे इकोनॉमी, सामान्य, एसी या नॉन-एसी कोच, विशेष यात्री गाड़ी, लोकोमोटिव, आदि को अलग करने के लिए किया जाता है।
4) सुरंग या बाधा की सूचना: पीली और सफेद पट्टियाँ ट्रेन के आगे आने वाली सुरंग या ट्रैक परिसर में बाधा की सूचना देती हैं। ये पट्टियाँ यात्रियों और ट्रेन के कर्मचारियों को आगामी बाधाओं के बारे में सचेत करती हैं।