NEET Paper Leak: परीक्षा प्रक्रिया सुधार पर सात सदस्यीय पैनल गठित, पूर्व इसरो प्रमुख करेंगे नेतृत्व
NEET Paper Leak: NEET UG 2024 परीक्षा में कथित धांधली के विवाद के बीच शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को NTA मामले में उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। जिसके नेतृत्व की जिम्मेदारी इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन को सौंपी गई है।
NEET Paper Leak: नीट यूजी 2024 और फिर यूजीसी नेट 2024 परीक्षा के पेपर लीक मामले पर देश में बवाल मचा हुआ है। इन परीक्षाओं में शामिल अभ्यर्थी सहित पूरा विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार सरकार से सवाल पूछा रहा है कि आखिर पेपर कैसे लीक हो रहे हैं। देश की बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक का मामला सामने आते ही केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय सहित परीक्षाओं का आयोजित कराने वाली संस्था नेशलन टेस्टिंग एजेंसी (NTA) भारी दबाव में आ गया है। इस बीच, शिक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाया है। यह एनटीए को लेकर लिया गया है। मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी जांच पूरी कर दो महीने में मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
इसरो के पूर्व अध्यक्ष करेंगे नेतृत्व
NEET UG 2024 परीक्षा में कथित धांधली के विवाद के बीच शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को NTA मामले में उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय ने विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है, जिसका नेतृत्व इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन की करेंगे। डॉ. के. राधाकृष्णन अध्यक्षता वाली यह कमेटी परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एनटीए की संरचना व कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करेगी।
2 महीने में रिपोर्ट सौंपेगी कमेटी
शिक्षा मंत्रालय द्वारा गठित कमेटी एनटीए में हर स्तर पर पदाधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियों की जांच तो करेगी, साथ ही में एनटीए के शिकायतों को सुलझाने की प्रक्रिया का आकलन करेगी। इस दौरान अगर कहीं सुधार की जरूरत है उनकी पहचान करेगी और इसकी दक्षता बढ़ाने के लिए सिफारिशें पेश करेगी। समिति को 2 महीने के अंदर के अपनी जांच रिपोर्ट को मंत्रालय को सौंपने का आदेश दिया गया है। इस समिति में अध्यक्ष के अवावा छह और लोगों को शामिल किया गया है, जो देश के कई प्रमुख संस्था के अध्यक्ष हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने बयान में कही ये बात
इस दौरान शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए, उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
छह विशेषज्ञ समिति में ये लोग शामिल
NTA मामले में बनाई गई हाई लेवल कमेटी की अध्यक्षता इसरो पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन करेंगे। उनका साथ देने के लिए एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद के कुलपति प्रो. बी जे राव, आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग प्रो. राममूर्ति के, पीपल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक और कर्मयोगी भारत के बोर्ड सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली के डीन स्टूडेंट अफेयर्स प्रो. आदित्य मित्तल और शिक्षा मंत्रालय संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल को छह विशेषज्ञ पैनल में शामिल किया गया है।
23 जून को होगी नीट की दोबारा परीक्षा, कई परीक्षाएं रद्द
नीट की दोबारा परीक्षा 23 जून को प्रस्तावित है। इस परीक्षा में एनटीए ने 1563 नीट परीक्षार्थियों के ग्रेस मार्क्स रद्द के बाद इस दोबारा परीक्षा बैठने का ऑप्शन दिया है। अगर इनमें से कोई ग्रेस मार्क्स लेता है तो वह नीट की परीक्षा में नहीं बैठ सकता है। वह नीट यूजी की काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं। दोबारा परीक्षा के रिजल्ट 30 जून को जारी होगा। काउंसलिंग प्रक्रिया 6 जुलाई से शुरू होगी। इस मामले में देश की शीर्ष अदालत में कई याचिकाएं डाली गई हैं। जिस पर सुप्रीम कोर्ट 8 जुलाई को सुनवाई करेगा। मगर कोर्ट ने नीट काउंसिंग प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है। बता दें कि बढ़ते विवाद के बीच NTA ने बीते 9 दिनों में तीन प्रमुख परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। इसमें नेशल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट, यूजीसी नेट, और CSIR UGC NET की परीक्षा शामिल है और अब यह परीक्षा 21 जून को होगी।