कर्मचारियों को तोहफा: नए श्रम कानून होंगे लागू, अब ज्यादा काम पर सरकार का ऐलान

श्रम मंत्रालय अब अगले वित्तीय वर्ष में नई श्रम संहिताओं को लागू करने के लिए जोरदार तैयारी में है। ऐसे में सरकार इसे अंतिम रूप देने को लेकर काम कर रही है। देश में नए नियम लागू होने के बाद श्रम बाजार में सुधरे नियमों का नया दौर जल्द ही शुरू होगा।

Update: 2021-02-15 07:14 GMT
नए श्रम संहिताओं के तहत ओवरटाइम की मौजूदा समय सीमा में बदलाव कर सकती है और निश्चित तय घंटों से 15 मिनट भी ज्यादा काम करने पर ओवरटाइम माना जाएगा।

नई दिल्ली: सरकार नए श्रम कानून लाने की तैयारी में है। श्रम मंत्रालय अब अगले वित्तीय वर्ष में नई श्रम संहिताओं को लागू करने के लिए जोरदार तैयारी में है। ऐसे में सरकार इसे अंतिम रूप देने को लेकर काम कर रही है। देश में नए नियम लागू होने के बाद श्रम बाजार में सुधरे नियमों का नया दौर जल्द ही शुरू होगा। साथ ही सरकार नए श्रम कानूनों (New Labour Laws) को लेकर उत्पन्न हुई शंकाओं को दूर करने की लगातार कोशिश कर रही है।

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15 मिनट भी ज्यादा काम ओवरटाइम

सूत्रों से सामने आई खबर के मुताबिक, सरकार नए श्रम संहिताओं (Labour Law) के तहत ओवरटाइम की मौजूदा समय सीमा में बदलाव कर सकती है और निश्चित तय घंटों से 15 मिनट भी ज्यादा काम करने पर ओवरटाइम माना जाएगा।

नए कानून के तहत अगर ओवरटाइम होगा तो इसके लिए कंपनियों को अपने कर्मचारियों को भुगतान करना होगा। मतलब कि काम के घंटे खत्म होने के बाद अगर आप 15 मिनट भी अधिक काम करते हैं तो कंपनी इसके लिए सैलरी देगी। आपको बता दें कि पुराने नियमों के अनुसार, यह समय सीमा पहले आधे घंटे थी।

फोटो-सोशल मीडिया

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नियमों को लागू करने की प्रक्रिया

फिलहाल इस मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक, श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour) ने नए श्रम कानूनों (New Labour Laws) को लेकर सभी हितधारकों से विचार-विमर्श कर लिया है और इस महीने के अंत तक सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया जाएगा। और इसके बाद नियमों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

वहीं नए कानून (Labour Law) में कंपनियों को सुनिश्चित करना है कि सभी कर्मचारियों को पीएफ (PF) और ईएसआई (ESI) जैसी सुविधाएं मिले। कर्मचारी अब कंपनियों के द्वारा प्रताड़ित नहीं किए जाएंगें।

साथ ही नए नियमों के अनुसार, कोई कंपनी ये कहकर नहीं बच सकती है कि कॉन्ट्रैक्टर या थर्ड पार्टी के जरिए आया है। और इसके अलावा कॉन्ट्रैक्ट या थर्ड पार्टी के तहत काम करने वालों को पूरी सैलरी मिले, यह प्रमुख नियोक्ता यानी कंपनियां ही सुनिश्चित करेंगी। ये उन्हें करना ही पड़ेगा।

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