अब ऐसे बैठना पड़ेगा बाइक पर: बदल गए सारे नियम, गाइडलाइन जारी
बाइक के पीछे बैठने वाले कि लिए दोनों तरफ पायदान अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा बाइक के पिछले पहिए के बाएं हिस्से का कम से कम आधा हिस्सा सुरक्षित तरीके से कवर होगा ताकि पीछे बैठने वालों के कपड़े पिछले पहिए में नहीं उलझे।
नई दिल्ली: बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए और इसमें कमी लाने के लिए गाड़ियों की बनावट और उसमें मिलने वाली सुविधाओं में कुछ बदलाव का निर्णय लिया गया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सेफ्टी को ध्यान में रखकर कई नियमों में बदलाव किये हैं। वहीं, कुछ नए नियम भी लागू किए गए हैं। मंत्रालय की नई गाइडलाइन बाइक की सवारी करने वाले लोगों के लिए है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा किये गए बदलाव निम्नलिखित हैं जो आपके लिए जानना जरुरी है।
बाइक में ड्राइवर की सीट के पीछे हैंड होल्ड
मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार बाइक के दोनों ओर ड्राइवर की सीट के पीछे हैंड होल्ड होंगे। इसका मकसद पीछे बैठने वाले लोगों की सेफ्टी प्रदान करना है। अभी तक अधिकतर बाइक में ये सुविधा नहीं होती थी। इसके साथ ही बाइक के पीछे बैठने वाले कि लिए दोनों तरफ पायदान अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा बाइक के पिछले पहिए के बाएं हिस्से का कम से कम आधा हिस्सा सुरक्षित तरीके से कवर होगा ताकि पीछे बैठने वालों के कपड़े पिछले पहिए में नहीं उलझे।
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बाइक में हल्का कंटेनर लगाने के भी दिशानिर्देश
मंत्रालय ने बाइक में हल्का कंटेनर लगाने के लिए भी दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस कंटेनर की लंबाई 550 मिमी, चौड़ाई 510 मिली और ऊंचाई 500 मिमी से अधिक नहीं होगा। अगर कंटेनर को पिछली सवारी के स्थान पर लगाया जाता है तो सिर्फ ड्राइवर को ही मंजूरी होगी। मतलब कोई दूसरा सवारी बाइक पर नहीं होगा। वहीं, अगर पिछली सवारी के स्थान के पीछे लगाने की स्थिति में दूसरे व्यक्ति को बाइक पर बैठने की इजाजत होगी। सरकार समय-समय पर इन नियमों में बदलाव होती रहेगी।
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टायर को लेकर भी नई गाइडलाइन
बता दें कि हाल ही में सरकार ने टायर को लेकर भी नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत अधिकतम 3.5 टन वजन तक के वाहनों के लिए टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम का सुझाव दिया गया है। इस सिस्टम में सेंसर के जरिए ड्राइवर को ये जानकारी मिल जाती है कि गाड़ी के टायर में हवा की स्थिति क्या है। इसके साथ ही मंत्रालय ने टायर मरम्मत किट की भी अनुशंसा की है। इसके लागू होने के बाद गाड़ी में एक्स्ट्रा टायर की जरूरत नहीं होगी।