मोदी सरकार ने लोगों को दी ये खास सौगात, जानकर खुशी से झूम उठेंगे

सूत्रों का कहना है कि मोदी कैबिनेट ने रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। इसको लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अब जल्द ही किसी भी समय मीडिया के सामने आकर इस पर बयान दे सकते हैं।

Update:2020-09-21 17:58 IST
एमएसपी के मुद्दे को लेकर किसानों में नाराजगी देखने को मिल रही है। प्रधानमंत्री खुद यह बात कह चुके हैं कि एमएसपी की व्यवस्था जारी रहेगी।

नई दिल्ली: राज्यसभा में विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच मोदी सरकार कृषि विधेयक पारित करा चुकी है। हालांकि विपक्ष ने इस मुद्दे पर अभी विरोध करना छोड़ा नहीं है।

कांग्रेस समेत कई बड़े दलों के नेता मोदी सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए हमलवार बने हुए हैं। इस बीच दिल्ली से सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आ रही है।

सूत्रों का कहना है कि मोदी कैबिनेट ने रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। इसको लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर अब जल्द ही किसी भी समय मीडिया के सामने आकर इस पर बयान दे सकते हैं।

राज्य सभा की फोटो(सोशल मीडिया)

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बता दें कि कृषि क्षेत्र से जुड़े बिलों में एमएसपी के मुद्दे को लेकर किसानों में नाराजगी देखने को मिल रही है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद यह बात कह चुके हैं कि एमएसपी की व्यवस्था जारी रहेगी। फसलों की सरकारी खरीद जारी रहेगी। इसके बावजूद देश में किसानों के प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।

उधर देश के कई राज्यों में एमएसपी को लेकर ही रोज हंगामा हो रहा है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।

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विरोध प्रदर्शन करते किसानों की फोटो( सोशल मीडिया)

अभी भी बना हुआ है कन्फ्यूजन

प्राप्त जानकारी के अनुसार नये बिल के मुताबिक किसानों को अपनी उपज को कहीं पर भी बेचने की आजादी होगी। इससे मंडियों की अहमियत पर असर पड़ेगा।

हालांकि पंजाब-हरियाणा में मंडियों को नेटवर्क अधिक है, लिहाजा इन राज्यों में किसान संगठनों की नाराजगी ज्यादा देखने को मिल रही है। किसानों के सामने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर भी कन्फ्यूजन की स्थिति है, जिसको लेकर किसान सड़कों पर हैं।

राष्ट्रपति से मिलेंगे विपक्ष के नेता

मामला इतना ज्यादा तूल पकड़ चुका है कि विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने का वक्त मांगा है। विपक्ष की ओर से अपील की जाएगी कि राष्ट्रपति दोनों कृषि बिलों पर अपने हस्ताक्षर न करें और वापस इन्हें राज्यसभा में भेज दें।

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