प्याज की कीमत पर सरकार का बड़ा कदम, अब होंगे ये दाम, लोगों को मिलेगी राहत
देश के कई शहरों में प्याज का दाम 70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। प्याज की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को थामने के लिए केंद्र सरकार ने प्याज के आयात नियमों में ढील देने का फैसला किया है। इसके साथ ही बफर स्टॉक से भी बाजार में प्याज मुहैया कराने की तैयारी है।
नई दिल्ली: प्याज की चढ़ती कीमतें लोगों को रुलाने लगी हैं। बिहार में चुनाव और कई राज्यों में हो रहे उपचुनाव के दौरान प्याज की बढ़ती कीमतों ने सरकार को भी परेशान कर दिया है। बिहार चुनाव में भी प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर हमले शुरू हो गए हैं।
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देश के कई शहरों में प्याज का दाम 70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। प्याज की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को थामने के लिए केंद्र सरकार ने प्याज के आयात नियमों में ढील देने का फैसला किया है। इसके साथ ही बफर स्टॉक से भी बाजार में प्याज मुहैया कराने की तैयारी है।
अब तो पियजवो अनार हो गइल
दरअसल चुनावी व त्योहारों के मौसम में प्याज की बढ़ती कीमतें सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई हैं। बिहार की चुनावी सभा में तेजस्वी यादव ने भी एनडीए सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अब तो पियजवो अनार हो गइल।
उन्होंने कहा कि आम लोग क्या कर सकते हैं। राजग सरकार का काम करने का ढंग ही ऐसा है कि यह तो होना ही था। उन्होंने सरकार पर हमला करते हुए यह भी कहा कि इसका कारण यह है कि प्याज की पूरी अर्थव्यवस्था कालाबाजारियों के हाथ में चली गई है।
उपभोक्ताओं के लिए चिंता की बात
दूसरी ओर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह का कहना है कि प्याज की बढ़ती कीमतें निश्चित रूप से उपभोक्ताओं के लिए चिंता की बात है। उन्होंने अपेक्षा जताई कि केंद्र सरकार की ओर से जल्दी ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी ताकि लोगों को सस्ते दर पर प्याज मिल सके।
प्याज आयात के नियमों में ढील का एलान
आलू और प्याज को गरीबों की सब्जी कहा जाता है मगर मौजूदा समय में दोनों की कीमतें चढ़ी हुई हैं। यही कारण है कि सरकार ने प्याज आयात के नियमों में ढील देने का एलान किया है।
इसके साथ ही सभी भारतीय उच्चायोगों को भी निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित देशों के व्यापारियों से संपर्क स्थापित करें ताकि ज्यादा से ज्यादा प्याज का आयात किया जा सके।
15 दिसंबर तक जारी रहेगी ढील
उपभोक्ता मंत्रालय की ओर से जारी बयान में स्पष्ट किया गया है कि प्याज के आयात के नियमों में ढील 15 दिसंबर तक जारी रहेगी। इसके साथ ही सरकार की ओर से बफर स्टॉक से भी केंद्रीय भंडार और राज्य सरकारों को प्याज उपलब्ध कराया गया है। आने वाले दिनों में इसे और बढ़ाने की तैयारी है।
दस दिनों से दाम में लगातार बढ़ोतरी
उपभोक्ता मंत्रालय का कहना है कि सरकार की ओर से प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने की पूरी कोशिश की जा रही है। सरकार की ओर से इसके निर्यात पर भी रोक लगाई गई है। मंत्रालय का कहना है कि पिछले 10 दिनों के दौरान प्याज की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इस कारण लोगों की दिक्कतों को कम करने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं।
सरकार को दाम पर अंकुश की उम्मीद
जानकार सूत्रों का कहना है कि विभिन्न शहरों में प्याज का खुदरा मूल्य 50 से 70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। उपभोक्ता मंत्रालय ने उम्मीद जताई है कि प्याज की खरीफ की करीब 37 लाख टन आवक जल्द ही मंडियों में पहुंचने की उम्मीद है। इसके मंडियों मैं पहुंचने के बाद प्याज की कीमतों में अंकुश लग सकता है।
इस कारण कीमतों में हुई बढ़ोतरी
सरकार की ओर से प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी के कई कारण बताए जा रहे हैं। सरकार का कहना है कि पिछले दिनों महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के कई जिलों में हुई भारी बारिश के कारण भी प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
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बारिश की वजह से खरीफ की फसल को नुकसान पहुंचा है और इसके साथ ही प्याज का भंडारण भी प्रभावित हुआ है। यही कारण है कि अब सरकार लोगों को रुलाने वाले प्याज के दामों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह जुट गई है।
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