मोदी सरकार का ऐलान, अगर किए ये काम तो मिलेंगे एक करोड़ रुपए

मोदी सरकार वस्तु एवं सेवा कर में हेराफेरी रोकने के उपायों के तहत जीएसटी व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से एक ऐसी लॉटरी शुरुआत करने की योजना बना रही है, जिसमें...

Update: 2020-03-01 13:27 GMT

नई दिल्ली। मोदी सरकार वस्तु एवं सेवा कर में हेराफेरी रोकने के उपायों के तहत जीएसटी व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से एक ऐसी लॉटरी शुरुआत करने की योजना बना रही है, जिसमें हर महीने दुकानदार और खरीदार के बीच सौदे के हर बिल को लकी-ड्रा में शामिल किया जाएगा।

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एक अधिकारी ने बताया कि इस लॉटरी में उपभोक्ताओं को एक करोड़ रुपये तक का ईनाम मिल सकता है। अधिकारी ने कहा कि यह लॉटरी योजना ग्राहकों को दुकानों से हर खरीद का बिल/रसीद मांगने को प्रोत्साहित करने के लिए सोची गयी है। इससे जीएसटी की चोरी रोकने में मदद मिलेगी।

लॉटरी में एक प्रथम विजेता चुना जाएगा जिस पर बड़ा इनाम होगा

अधिकारी ने कहा कि इस लॉटरी में भाग लेने के लिये इस तरह की कोई सीमा नहीं होगी कि रसीद न्यूनतम या अधिकतम किसी तय राशि की हो। लॉटरी में एक प्रथम विजेता चुना जाएगा जिस पर बड़ा इनाम होगा।

 

राज्यों के स्तर पर दूसरे और तीसरे विजेता भी चुने जाएंगे। इसमें भाग लेने के लिये उपभोक्ताओं को किसी भी खरीद की रसीद स्कैन करके अपलोड करना होगा। जीएसटी नेटवर्क इसके लिये एक मोबाइल ऐप विकसित कर रही है। यह ऐप इस महीने के अंत तक एंड्रॉयड और एप्पल के उपभोक्ताओं के लिये उपलब्ध हो जाएगा।

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केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के एक अधिकारी ने पिछले महीने कहा था कि इस लॉटरी में लाख रुपये से एक करोड़ रुपये तक के इनाम रखे जा सकते हैं।

जीएसटी परिषद इस योजना पर 14 मार्च की बैठक में अपना मत दे सकती है। इस लॉटरी का पैसा मुनाफाखोरी के मामलों में जुर्माने से आएगा। जीएसटी कानून में मुनाफाखोरी के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। इसमें दंड का पैसा उपभोक्ता कल्याण कोष में रखा जाता है।

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