राज्यसभा में बोले PM मोदी, MSP था, MSP है और MSP रहेगा, खत्म करें आंदोलन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को भरोसा दिलाया कि MSP है, था और रहेगा। उन्होंने कहा कि मंडियों को मजबूत किया जा रहा है जिन 80 करोड़ लोगों को सस्तों में राशन दिया जाता है, वो भी जारी रहेगा।

Update:2021-02-08 10:52 IST
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश अब आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, ऐसे में हर किसी का ध्यान देश की ओर कुछ करने के लिए होना चाहिए।

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन जारी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपना संबोधन दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील भी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को भरोसा दिया कि MSP था, MSP है और MSP रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में मैथिलीशरण गुप्त की कविता पढ़ी, ‘अवसर तेरे लिए खड़ा है, फिर भी तू चुपचाप पड़ा है’ भी। पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में वो जरूर लिखते कि ‘’…अरे भारत, आत्मनिर्भरता के पथ पर दौड़।

पीएम ने कहा कि हमें एक बार देखना चाहिए कि कृषि परिवर्तन से बदलाव होता है कि नहीं। कोई कमी हो तो उसे ठीक करेंगे, कोई ढिलाई हो तो उसे कसेंगे। मैं विश्वास दिलाता हूं कि मंडियां और अधिक आधुनिक बनेंगी। एमएसपी है, एसएसपी था और एमएसपी रहेगा। आंदोलन को खत्म करिए। बुजुर्ग आंदोलन में बैठे हैं, उन्हें घर जाना चाहिए। आंदोलन खत्म करें और चर्चा आगे चलती रहे। किसानों के साथ लगातार बात की जा रही है।



80 करोड़ लोगों को सस्तों में राशन

पीएम मोदी ने कहा कि मंडियों को मजबूत किया जा रहा है जिन 80 करोड़ लोगों को सस्तों में राशन दिया जाता है, वो भी जारी रहेगा। किसानों की आय बढ़ाने के लिए दूसरे उपाय पर बल दिया जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि अगर अब देर कर देंगे, तो किसानों को अंधकार की तरफ धकेल देंगे।

पीएम ने कहा कि पहली बार हमने किसान रेल की कल्पना की। छोटा किसान जिसका सामान बिकता नहीं था, आज गांव का छोटा किसान किसान रेल के माध्यम से मुंबई के बाजार में अपना सामान बेचने लगा, इससे छोटे किसान को फायदा हो रहा है। 'किसान उड़ान' के द्वारा हवाई जहाज से जैसे हमारे नार्थ ईस्ट की कितनी बढ़िया-बढ़िया चीजें जो ट्रांसपोर्ट सिस्टम के अभाव में वहां का किसान लाभ नहीं उठा पाता था, आज उसे किसान उड़ान योजना का लाभ मिल रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी को जब कृषि सुधारों को करना पड़ा, तब उन्होंने मुश्किलों का सामना किया, लेकिन वह पीछे नहीं हटे थे। तब लेफ्ट वाले कांग्रेस को अमेरिका का एजेंट बताते थे, आज मुझे ही वो गाली दे रहे हैं। पीएम ने कहा कि कोई भी कानून आया हो, कुछ वक्त के बाद सुधार होते ही हैं।



ये भी पढ़ें...राजनाथ ने चंमोली त्रासदी पर जताया दुख, बोले- हम उत्तराखंड के लोगों साथ खड़े

विपक्ष पर बोला हमला

किसान आंदलोन पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है। ज्यादा से ज्यादा समय जो बात बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गई। किस बात को लेकर आंदोलन है उस पर सब मौन रहे। जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती।

पीएम मोदी ने राज्यसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार समेत कई कांग्रेस के नेताओं ने भी कृषि सुधारों की बात कही। पीएम मोदी ने कहा कि अब विपक्ष यू-टर्न ले रहा है, क्योंकि राजनीति हो गई है। पीएम मोदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का बयान पढ़ा- हमारी सोच है कि बड़ी मार्केट को लाने में जो अड़चने हैं, हमारी कोशिश है कि किसान को उपज बेचने की इजाजत है। पीएम मोदी ने कहा कि जो मनमोहन सिंह ने कहा वो मोदी को करना पड़ रहा है, आप गर्व कीजिए।

चुनाव के समय होती है कर्जमाफी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चुनाव के समय कर्जमाफी की जाती है, लेकिन उससे छोटे किसान को फायदा नहीं होता है। पिछली फसल बीमा योजना भी बड़े किसानों के लिए थी, जो सिर्फ बैंक से लोन लेता था। यूरिया हो या कोई दूसरी योजना, पहले सभी योजनाओं का लाभ 2 हेक्टेयर से अधिक वाले किसानों को होता था।

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के बाद हमने कई परिवर्तन किए और फसल बीमा के दायरे को बढ़ाया। पीएम मोदी ने कहा कि फसल बीमा योजना के तहत 90 हजार करोड़ रुपये दिए गए। हमने करीब पौने दो करोड़ लोगों तक किसान क्रेडिट कार्ड को पहुंचाया।

उन्होंने कहा कि हमने किसान सम्मान निधि योजना लागू की, दस करोड़ परिवारों इसका लाभ मिला और 1.15 लाख करोड़ किसानों के खाते में गया है। बंगाल में राजनीति आड़े में ना आती, तो वहां के लाखों किसानों को लाभ मिलता. हमने सौ फीसदी किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड पेश किया।



ये भी पढ़ें...भारतीय सेना का तगड़ा जवाब: जीवनभर याद रखेगा पाकिस्तान, तोड़ा था सीजफायर

मदर ऑफ डेमोक्रेसी है भारत

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को लेकर यहां काफी उपदेश दिए गए हैं। लेकिन मैं नहीं मानता हूं कि जो बातें यहां बताई गईं हैं, उसमें देश का कोई भी नागरिक भरोसा करेगा। भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है कि जिसकी खाल हम इस तरह से उधेड़ सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें दुनिया से लोकतंत्र सीखने की जरूरत नहीं है, भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जब देश में आपातकाल लगा, तो न्यायपालिका और देश की क्या हालत थी सभी को पता है, लेकिन देश का लोकतंत्र इतना ताकतवर है कि आपातकाल को हमने पार कर दिया।

पीएम ने कहा कि भारत के लिए दुनिया ने बहुत आशंकाएं जतायी थीं। विश्व बहुत चिंतित था कि अगर कोरोना की इस महामारी में अगर भारत अपने आप को संभाल नहीं पाया तो न सिर्फ भारत पूरी मानव जाति के लिए इतना बड़ा संकट आ जाएगा, ये आशंकाएं सभी ने जताई।

पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में एक बूढ़ी महिला ने झोपड़ी के बाहर दीया जलाया, लेकिन उसका भी मजाक उड़ाया गया। विपक्ष ऐसी बातों में ना उलझे, जिनसे देश के मनोबल को चोट पहुंचे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि पूरा विश्व अनेक चुनौतियों से जूझ रहा है। शायद ही किसी ने सोचा होगा कि मानव जाति को ऐसे कठिन दौर से गुजरना होगा, ऐसी चुनौतियों के बीच। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में करीब 13-14 घंटे तक 50 से अधिक माननीय सदस्यों ने अपने बहुमूल्य विचार रखे। इसलिए मैं सभी आदरणीय सदस्यों का हृदय पूर्वक आभार व्यक्त करता हूं।



ये भी पढ़ें...लापता सैंकड़ो कश्मीरी: गए थे ये सभी पाकिस्तान, तो क्या अब बन गए आतंकी

राष्ट्रपति जी का इस दशका का प्रथम भाषण

पीएम ने कहा कि अनेक चुनौतियों के बीच राष्ट्रपति जी का इस दशका का प्रथम भाषण हुआ। लेकिन ये भी सही है जब पूरे विश्व पटल की तरफ देखते हैं, भारत के युवा मन को देखते हैं तो ऐसा लगता है कि आज भारत सच्चे में एक अवसरों की भूमि है। अनेक अवसर हमारा इंतजार कर रहे हैं। जो देश युवा हो। जो देश उत्साह से भरा हुआ हो। जो देश अनेक सपनों को लेकर संकल्प के साथ सिद्धि को प्राप्त करने के लिए प्रयासरत हो। वो देश इन अवसरों को कभी जाने नहीं दे सकता।

उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए ये भी एक अवसर है कि हम आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, ये अपने आप में एक प्रेरक अवसर है। हम जहां भी, जिस रूप में हों मां भारती की संतान के रूप में इस आजादी के 75वें पर्व को हमें प्रेरणा का पर्व मनाना चाहिए। कोरोना की लड़ाई जीतने का यश किसी सरकार को नहीं जाता है, किसी व्यक्ति को नहीं जाता है। लेकिन हिंदुस्तान को तो जाता है। गर्व करने में क्या जाता है? विश्व के सामने आत्मविश्वास से बोलने में क्या जाता है?

Full View

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News