खुला बकरियों का बैंक: देख कर आप भी सोच में पड़ जाएंगे, जानें कैसे हो रहा ऑपरेट

नरेश देशमुख बताया कि महाराष्ट्र के अकोला में इस बकरी बैंक के 1200 से ज्यादा डिपॉजिटर्स हैं। इन 1200 डिपॉजिटर्स के जरिए इस बकरी बैंक को चलाते हैं। आपको बता दें कि 2018 में इन्होंने इस बैंक को 40 लाख रुपये के साथ शुरू किया था।

Update: 2021-02-03 11:51 GMT
खुला बकरियों का बैंक: देख कर आप भी सोच में पड़ जाएंगे, जानें कैसे हो रहा ऑपरेट photos (social media)

मुंबई : आपने बहुत से बैंकों के नाम को सुना होगा लेकिन क्या आपने बकरी बैंक को कभी सुना है। महाराष्ट्र के अकोला क्षेत्र में एक बकरी बैंक खुला है जिसका नाम गोट बैंक ऑफ कारखेड़ा (goat bank of karkheda) रखा गया है। इस बैंक को दो साल पहले खोला गया था। इस बैंक के मालिक महाराष्ट्र के अकोला क्षेत्र के पढ़े - लिखे शख्स नरेश देशमुख ने इस बैंक को खोला है। जानते हैं इस बैंक के बारे में।

1200 रुपये से लोन अग्रीमेंट को किया जाता है

महाराष्ट्र के अकोला में दो साल पहले नरेश देशमुख ने बकरी बैंक को खोला था। इस बकरी बैंक को उन्होंने इस क्षेत्र की भलाई के लिए खोला था। इस बैंक के खोलने की प्रेरणा उन्हें किसानों को देखकर मिली। इस बकरी बैंक से इन किसान मजदूरों को आर्थिक तौर पर काफी सहायता मिलती है। नरेश देशमुख इस बैंक में 1200 रुपये से लोन अग्रीमेंट को करते हैं और एक परिवार को एक गर्भवती बकरी दी जाती है। जो 40 महीनों में इस बकरी के चार बच्चे बैंक को वापस करने होते है।

बकरी बैंक को 2018 में खोला था

नरेश देशमुख बताया कि महाराष्ट्र के अकोला में इस बकरी बैंक के 1200 से ज्यादा डिपॉजिटर्स हैं। इन 1200 डिपॉजिटर्स के जरिए इस बकरी बैंक को चलाते हैं। आपको बता दें कि 2018 में इन्होंने इस बैंक को 40 लाख रुपये के साथ शुरू किया था। इसके साथ इस बैंक में 340 बकरियों से इस बैंक की शुरुआत की थी। इस गांव के 340 किसानों ने बकरियों को 1200 रुपये के अग्रीमेंट क तहत खरीदा और बकरियों को 40 महीनों तक चार बच्चे वापस किए। इन किसानों के पास 40 महीनों में 30 बच्चे होते हैं जिसमें किसान के पास 26 बच्चे बचे। इस बकरी बैंक से हर एक किसान को ढाई लाख का फायदा होता है।

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महाराष्ट्र में 100 बकरी बैंकों को खोलने का सपना

नरेश देशमुख के इस बैंक खोलने से यहां के लोगों को आर्थिक रूप से काफी मदद मिलती है। किसान अपनी छोटी - छोटी जमीन को खरीदने के साथ साथ अपने बच्चों की पढ़ाई पर भी पैसे खर्च कर पाते हैं। इसके साथ अपने बच्चों की शादी करने में भी काफी मदद मिलती है। देशमुख का सपना है कि एक साल के अंदर महाराष्ट्र में 100 बकरी बैंकों को खोलना है।

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