राष्ट्रीय पक्षी दिवसः भारत के बर्डमैन का जन्मदिन है आज
12 नवम्बर, 1896 को मुम्बई में जन्मे डॉ. सालिम अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। बचपन में ही मां-बाप के देहांत के बाद उनके मामा अमरुद्दीन ने उनकी परवरिश की।
लखनऊ: हर साल हमारे देश में आज ही के दिन यानी 12 नवम्बर को राष्ट्रीय पक्षी दिवस मनाया जाता है। दरअसल, इस दिन देश के विश्वविख्यात पक्षी विशेषज्ञ डॉ. सालीम अली का जन्म दिवस है, जिन्हे भारत का बर्डमैन भी कहा जाता है। डॉ. सालीम ने देश में कई पक्षी विहारों की स्थापना कराई और कहा जाता है कि वह पक्षियों की भाषा समझते थे और उनसे बात भी करते थे। पक्षियों व प्रकृति के प्रति उनके प्रेम व कार्यों के लिए उन्हे पदमविभूषण से भी सम्मानित किया गया था।
ये भी पढ़ें:कांपे पाकिस्तान के आतंकी: इस बड़े नेता पर गिरी गाज, इमरान सरकार की उड़ी नींद
12 नवम्बर, 1896 को मुम्बई में जन्मे डॉ. सालिम अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे
12 नवम्बर, 1896 को मुम्बई में जन्मे डॉ. सालिम अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। बचपन में ही मां-बाप के देहांत के बाद उनके मामा अमरुद्दीन ने उनकी परवरिश की। उन्हे बचपन से ही पक्षियों से लगाव था और पक्षियों के संबंध में जिज्ञासा के कारण उनकी मुलाकात मुंबई की नैचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के सचिव डब्ल्यूएस मिलार्ड से हुई। इस मुलाकात के बाद तो उनका पक्षियों के प्रति प्रेम और बढ़ गया और इसी कारण उनका मन पढ़ाई में नहीं लगा। उम्र बढ़ने पर काम के लिए उन्हे बडे़ भाई के पास बर्मा भेज दिया गया लेकिन वहां भी उनका मन नहीं लगा और वह वापस मुंबई आ गए तथा नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के म्यूजियम में गाइड की नौकरी कर ली। इसके बाद उन्होंने जर्मनी जा कर उच्च शिक्षा ली। जर्मनी से वापसी पर इनकी नौकरी जा चुकी थी। इसके बाद इन्होंने फिर पक्षियों पर अध्ययन शुरू कर दिया।
1930 में इन्होंने अपने अध्ययन पर आधारित लेख प्रकाशित कराये
सालीम अली ने पहली बार देश में व्यवस्थित रूप से पक्षी सर्वेक्षण का आयोजन किया और पक्षियों पर कई किताबें भी लिखी। वर्ष 1930 में इन्होंने अपने अध्ययन पर आधारित लेख प्रकाशित कराये। पक्षियों पर एकत्र की गई जानकारियों के आधार पर लिखी उनकी पुस्तक द बुक ऑफ इंडियन बर्ड्स वर्ष 1941 में प्रकाशित हुई और इसकी रिकॉर्ड बिक्री हुई। इसके बाद उन्होंने एक अन्य पुस्तक हैण्डबुक ऑफ द बर्ड्स ऑफ इंडिया एण्ड पाकिस्तान भी लिखी, जिसमें सभी प्रकार के पक्षियों, उनके गुणों-अवगुणों, प्रवासी आदतों आदि से संबंधित अनेक व्यापक जानकारियां दी गई थी।
किताबों से देश के पक्षी-विज्ञान के विकास को काफी मदद मिली
उनकी किताबों से देश के पक्षी-विज्ञान के विकास को काफी मदद मिली। पक्षियों के सर्वेक्षण में 65 साल गुजार देने वाले सालिम अली को पक्षियों का विश्वकोष भी कहा जाता था। उन्होंने पक्षियों के अध्ययन को आम जनमानस से जोड़ा और कई पक्षी विहारों के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। कोयम्बटूर स्थित सालिम अली पक्षी विज्ञान एवं प्रकृति विज्ञान केंद्र उनकी प्रेरणा और याद में बना है।
ये भी पढ़ें:कांपे पाकिस्तान के आतंकी: इस बड़े नेता पर गिरी गाज, इमरान सरकार की उड़ी नींद
पक्षी विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हे कई प्रतिष्ठित सम्मान दिए गए। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी। जबकि भारत सरकार ने भी उन्हें वर्ष 1958 में पद्म भूषण व 1976 में पद्म विभूषण जैसे महत्वपूर्ण नागरिक सम्मानों से नवाजा। 27 जुलाई 1987 को 91 साल की उम्र में मुंबई में देश के इस बर्डमैन का निधन हो गया।
रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।