National Herald Case: राहुल से ईडी की पूछताछ पर TMC ने कांग्रेस को घेरा, राष्ट्रपति चुनाव में भी फंसा पेंच
National Herald Case: राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के मुद्दे पर विपक्षी एकता की कलई खुलती नजर आ रही है।
National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी(Rahul Gandhi) से ईडी की पूछताछ के मुद्दे पर विपक्षी एकता की कलई खुलती नजर आ रही है। राहुल से पूछताछ के मुद्दे पर कांग्रेस लगातार मोदी सरकार को घेरने में जुटी हुई है। सोमवार को इस मुद्दे को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किया गया।
दूसरी और प्रमुख विपक्षी दल तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) ने विरोध प्रदर्शन से दूर रहने की अपील की है। टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष (TMC spokesperson Kunal Ghosh) ने कांग्रेस को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे व पार्टी के सांसद अभिषेक बनर्जी से कोयला चोरी के मामले में की गई पूछताछ की याद भी दिलाई है।
घोष ने कहा कि कांग्रेस को इस समय अपना रुख याद करना चाहिए। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने उस समय यही रुख अपनाया था। टीएमसी के इस बयान से एक बार फिर विपक्षी एकता की कलाई खुलकर सामने आ गई है।
मजे की बात यह है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 15 जून को राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई है मगर इस बैठक से पहले पार्टी का यह बयान विपक्षी एकता की हकीकत खोलने वाला है।
अधीररंजन के बयान की दिलाई याद
तृणमूल कांग्रेस ने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ काफी दिनों से मोर्चा खोल रखा है। पिछले दिनों अभिषेक बनर्जी से ईडी की पूछताछ के दौरान पार्टी ने तीखा विरोध जताया था।
पश्चिम बंगाल में इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन भी किया गया था मगर कांग्रेस ने उस समय विरोध प्रदर्शन से दूरी बना रखी थी। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का कहना था कि इस मामले में कानून को अपना काम करना चाहिए।
अब कांग्रेस के इसी रवैए को लेकर टीएमसी ने सवाल उठा दिए हैं। पार्टी नेता घोष ने कहा कि राहुल के मामले में भी कानून को अपना काम करना चाहिए क्योंकि कांग्रेस का भी पूर्व में यही रुख रहा है।
उन्होंने कहा कि माकपा और कांग्रेस की ओर से अभिषेक बनर्जी से ईडी की पूछताछ का स्वागत किया गया था। ऐसे में अब कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का कोई मतलब नहीं है। अब राहुल गांधी को भी आदर्श तरीके से ईडी की पूछताछ का सामना करना चाहिए।
कांग्रेस के दोहरे रवैए पर उठाए सवाल
घोष ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि एक ही मुद्दे पर एक ही पार्टी का अलग-अलग दृष्टिकोण कैसे हो सकता है। उन्होंने सवाल किया कि दूसरी पार्टी के नेता से पूछताछ का समर्थन और अपनी पार्टी के नेता से पूछताछ का विरोध,इसे कैसे स्वीकार किया जा सकता है।
टीएमसी नेता ने कहा कि हमारी पार्टी केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा काफी दिनों से उठा रही है। उस समय कांग्रेस और माकपा इस मुद्दे पर कुछ भी सुनने के लिए तैयार नहीं थे और इसी कारण पश्चिम बंगाल में दोनों दलों की सियासी जमीन पूरी तरह खिसक चुकी है। राज्य में दोनों दलों की सियासी ताकत आज किसी से छिपी हुई नहीं है।
कांग्रेस ने दोनों मामलों को अलग बताया
घोष के बयान पर कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई के अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि दोनों मामलों की किसी भी रूप में तुलना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी कई मामलों में आरोपी रहे हैं जबकि राहुल गांधी के मामले में ऐसा नहीं है।
सिन्हा ने टीएमसी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सभी को यह सच्चाई पता है कि अपने भतीजे को बचाने के लिए ममता ने पीएम मोदी से भीतर ही भीतर हाथ मिला लिया था। हर किसी को यह पता होना चाहिए कि दोनों मामले पूरी तरह अलग है क्योंकि राहुल गांधी ने किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार नहीं किया है।
राष्ट्रपति चुनाव में भी फंसा पेंच
राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का साझा उम्मीदवार तय करने से पहले टीएमसी और कांग्रेस के बीच शुरू हुई इस जंग से साफ है कि विपक्षी एकता की आगे की राह काफी मुश्किलों भरी है। टीएमसी की यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में सामने आई है जब एक दिन बाद ही 15 जून को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए विपक्षी नेताओं की बैठक बुला रखी है। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी आमंत्रित किया गया है।
इससे साफ हो गया है कि विपक्षी नेताओं की आपसी तकरार का फायदा उठाने में भाजपा कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। विपक्षी दलों की आपसी तकरार से यह भी साफ हो गया है कि साझा उम्मीदवार तय करना आसान काम नहीं होगा। अब देखने वाली बात यह होगी कि ममता की ओर से बुलाई गई बैठक के प्रति कांग्रेस क्या रवैया बनाती है।