12 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय युवा दिवस, कब और कैसे हुई थी शुरुआत
राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को ये बताना है कि जिस तरह से स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन में सफलता हासिल की, ठीक उसी तरह उनके विचारों को अपनाकर युवा पीढ़ी भी सफलता हासिल करे।
लखनऊ: आज स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन है। 12 जनवरी 1863 में स्वामी विवेकानंद पैदा हुए था। उनके जन्मदिन पर हर साल 12 जनवरी को देश भर में राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है। इस दिन पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
शैक्षणिक स्थानों में युवा दिवस को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। किसी भी देश का भविष्य उस देश के युवाओं पर निर्भर होता है।
देश के विकास में युवा पीढ़ी का अहम रोल अदा करती है। युवाओं को सही मार्गदर्शन मिल सके, इसलिए हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
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कब और कैसे हुई थी राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की शुरुआत
भारत सरकार ने वर्ष 1985 से 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की घोषणा की।
उसके बाद से ही प्रति वर्ष 12 जनवरी यानी स्वामी विवेकानंद की जयंती को देशभर में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई थी।
विवेकानंद की जयंती के दिन ही राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है।
राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है?
राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को ये बताना है कि जिस तरह से स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन में सफलता हासिल की, ठीक उसी तरह उनके विचारों को अपनाकर युवा पीढ़ी भी सफलता हासिल करे।
स्वामी विवेकानंद देश के महानतम समाज सुधारक, विचारक और दार्शनिक थे।
उनके आदर्शों और विचारों से देशभर के युवा प्रोत्साहित हो सकते हैं।
स्वामी विवेकानंद के विचारों को जीवन में अपनाकर व्यक्ति कभी भी असफल नहीं हो सकता है।
किस तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं?
हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस को देशभर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भाषण, पाठ, युवा सम्मेलन, प्रस्तुतियां, युवाओं के उत्सव, प्रतियोगिताएं, संगोष्ठियों, खेल आयोजन, योग सत्र, संगीत प्रदर्शन आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
हालांकि इस बार कोरोना वायरस की वजह से हर साल की तरह होने वाले विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाएगा।
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स्वामी विवेकानंद के इन कोट्स के जरिए दें राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं
1.जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।
2.ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है।
3.उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते।
जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।
4.अध्यात्म- विद्या और भारतीय दर्शन के बिना विश्व अनाथ हो जाएगा।
5.किसी दिन, जब आपके
सामने कोई समस्या ना आए,
आप सुनिश्चित हो सकते हैं
कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
6.यह कभी मत कहो कि
"मैं नहीं कर सकता"
क्योंकि आप अनंत हैं।
7.जो कुछ भी
तुमको कमजोर बनाता है-
शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक
उसे जहर की तरह त्याग दो।
8-शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है।
विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है।
प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है।
कथाकार यशपाल: मनुष्य के पूर्ण विकास का साहित्य रचने वाला लेखक