NEET Case: महाराष्ट्र सरकार ने की परीक्षा रद्द करने की मांग, NTA ने गठित की कमेटी
NEET Result 2024 Controversy: महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा है कि - नीट परीक्षाएं शायद पैसे लेकर आयोजित की गई थीं। वहीं एनटीए ने इसको लेकर कमेटी गठित कर दी है।
NEET Result 2024 Controversy: 2024 की नीट यूजी परीक्षा गम्भीर विवाद में आ गई है। अब महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने हुई नीट परीक्षा को तत्काल रद्द करने की मांग की है। उसका आरोप है कि परीक्षा के नतीजों से राज्य के छात्रों के साथ अन्याय हुआ है। कांग्रेस पार्टी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पहले ही नीट के रिजल्ट पर विरोध और चिंता जाहिर कर चुके हैं।
क्या क्या हुआ?
नीट यूजी परीक्षा एमबीबीएस में एडमिशन के लिए की जाती है। इस साल देश के 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर 5 मई को परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद कई उम्मीदवारों ने पहले आरोप लगाया था कि अंकों में वृद्धि के कारण रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है, जिसमें हरियाणा के एक ही परीक्षा केंद्र से छह उम्मीदवार शामिल हैं। परीक्षा के नतीजे 4 जून को घोषित किए गए थे।
एनटीए ने दिया जवाब
नीट आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने किसी भी अनियमितता से इनकार किया है और कहा है कि एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलाव और परीक्षा केंद्रों पर समय गंवाने के लिए दिए गए ग्रेस मार्क्स से कुछ छात्रों के नम्बर बहुत बढ़ गए। आज यानी शनिवार को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि स्टूडेंट्स को ग्रेस अंक देने से नतीजों में फर्क नहीं पड़ा है। एनटीए डीजी सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि यह समस्या सिर्फ 1600 स्टूडेंट्स की है। पेपर 23 लाख से अधिक बच्चों ने दिया था। 4750 सेंटर की बजाय सिर्फ 6 सेंटरों का मामला है। एनटीए के अधिकारी ने आगे कहा कि स्टूडेंट्स की ग्रेस मार्क्स व टॉइम लॉस से जुड़ी आपत्तियों पर विचार करने के लिए एक कमिटी बनाई गई है। इस कमिटी की जो सिफारिशें आएंगी, हम फैसला लेंगे। जरूरत पड़ी तो रिजल्ट संशोधित किया जाएगा। एक सप्ताह में इसकी सिफारिशें आ जाएंगी। बता दें, कमिटी में यूपीएससी के पूर्व सदस्य व कई वरिष्ठ शिक्षाविदों को शामिल किया गया है। पेपर लीक के आरोपों पर सुबोध कुमार सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो पेपर आया, वह एग्जाम शुरू होने के बाद आया था।
महाराष्ट्र सरकार ने क्या कहा
महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा है कि - नीट परीक्षाएं शायद पैसे लेकर आयोजित की गई थीं। परिणाम ऐसे हैं कि महाराष्ट्र के किसी भी छात्र को राज्य के सरकारी या निजी कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि कई छात्रों के माता-पिता ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए उनसे संपर्क किया है। उन्होंने कहा, "इससे (परिणामों से) महाराष्ट्र के साथ अन्याय हुआ है और इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। हम इस बारे में एनएमसी (राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद) को बताने जा रहे हैं।" मुशरिफ ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर अदालत का दरवाजा खटखटाने पर भी विचार कर रही है।
कांग्रेस भी हमलावर
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी जांच के जरिए छात्रों की जायज शिकायतों के समाधान का आह्वान किया है। उन्होंने कहा - पहले नीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ और अब छात्रों का आरोप है कि इसके नतीजों में भी घोटाला हुआ है। एक ही केंद्र के 6 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलने पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और कई तरह की अनियमितताएं सामने आ रही हैं।
तमिलनाडु के सीएम भी नाराज़
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी नीट का विरोध करते हुए कहा है कि यह प्रवेश परीक्षा सामाजिक न्याय और संघवाद के खिलाफ है। उन्होंने कहा, "प्रश्नपत्र लीक होना, टॉपर्स का खास केंद्रों का होना और ग्रेस मार्क्स की आड़ में अंक देना - जैसे मुद्दे मौजूदा केंद्र सरकार के केंद्रीकरण के नुकसान को उजागर करते हैं। ये घटनाएं पेशेवर पाठ्यक्रम चयन के लिए मानदंड निर्धारित करने में राज्य सरकारों और स्कूली शिक्षा प्रणाली की भूमिका की प्रमुखता को बहाल करने की आवश्यकता पर जोर देती हैं।