तेज भूकंप से कांपे लोग: मची अफरा-तफरी, कई जगहों पर हिली धरती

दुनियाभर में भूकंप का सिलसिला थमने का नाम ही ले रहा है। इस बार नेपाल की राजधानी काठमांडू में बुधवार सुबह करीब 5:19 बजे भूकंप का भयानक झटका महसूस किया गया। जिसके बाद डरे-सहमे लोग घरों से बाहर निकल आए।

Update:2020-09-18 13:50 IST
दुनियाभर में भूकंप का सिलसिला थमने का नाम ही ले रहा है। इस बार नेपाल की राजधानी काठमांडू में बुधवार सुबह करीब 5:19 बजे भूकंप का भयानक झटका महसूस किया गया। जिसके बाद डरे-सहमे लोग घरों से बाहर निकल आए।

पटना: दुनियाभर में भूकंप का सिलसिला थमने का नाम ही ले रहा है। इस बार नेपाल की राजधानी काठमांडू में बुधवार सुबह करीब 5:19 बजे भूकंप का भयानक झटका महसूस किया गया। जिसके बाद डरे-सहमे लोग घरों से बाहर निकल आए। नेपाल के साथ ही भूकंप का असर बिहार के तमाम इलाकों में देखने को मिला। ऐसे में पटना में भी लोग धरती पर लगे झटकों की वजह से डर गए। जिसके चलते कई लोग डर के मारे घर से बाहर निकल आए।

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देश में भूकंप के ताबड़तोड़ झटकों ने वैज्ञानिकों को सकते में डाल दिया है। ऐसे में भूकंप के झटके दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी सहित उत्तर बिहार के कई जिलों में महसूस किए गए। बिहार में भूकंप की तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 4.9 थी। भूकंप का केंद्र काठमांडू घाटी था वहां तीव्रता 6.0 थी।

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फोटो-सोशल मीडिया

2015 में आए भूकंप

बता दें, इस भूकंप ने पटना के लोगों को 5 साल पहले आए भूकंप की यादें ताजा हो गई। 2015 में आए भूकंप का केंद्र नेपाल के पोखरा में था। नेपाल में 7.9 तीव्रता वाले भूकंप से करीब 9000 लोगों की जान चली गयी थी। बिहार में भी लोग हताहत हुए थे। पटना में कई घरों में दरार पड़ गए थे।

ऐसे में भूकंप के झटके को देश के सबसे पूर्वी हिस्‍से में भी महसूस किया गया। नेपाल के मुख्‍य भूकंप विज्ञानी लोक बिजय अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, 'यह वर्ष 2015 में आए विनाशकारी भूकंप का एक ऑफ्टरशॉक है।'

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हताहत होने की कोई खबर नहीं

हालाकिं भूकंप की वजह से किसी के हताहत होने या नुकसान की कोई खबर नहीं है। सिंधुपालचौक के एसपी राजन अधिकारी ने कहा, 'जब झटका आया है, हमें किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं मिली है। हमने जिले के सभी वार्डों से संपर्क किया है ताकि अगर कोई हादसा हुआ है तो वहां पर तत्‍काल मदद पहुंचाई जा सके। हमें अभी तक कोई सूचना नहीं मिली है।

आपको बता दें कि वर्ष 2015 में आए विनाशकारी भूकंप में 10,000 लोगों की मौत हो गई थी और हजारों की संख्‍या में लोग घायल हो गए थे। उस समय भूकंप की तीव्रता रिक्‍टर पैमाने पर 7.9 मापी गई थी। इसमें सिंधुपालचौक जिले को सबसे ज्‍यादा नुकसान पहुंचा था।

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