राजनाथ की हुंकार: LAC पर स्थितियां चुनौती पूर्ण, जानें बयान की ये खास बातें

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज उच्च सदन में अपनी बात को प्रखर स्वर में रखा। राजनाथ सिंह ने आज सदन में ये भी माना कि LAC पर स्थितियां चुनौती पूर्ण हैं।

Update: 2020-09-17 08:52 GMT
अपने बयान में रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा पर किसी भी किस्म के बदलाव को भारत स्वीकार नहीं करेगा और जवानों का मनोबल ऊंचा है। राजनाथ ने कहा कि हमारे जवानों ने LAC पर सर्वोच्च बलिदान दिया।

नई दिल्ली: देश में चल रहे कोरोना काल के बीच में संसद का मानसून सत्र चालू है। जिसमें आए दिन किसी न किसी मुद्दे पर बहस और चर्चा हो रही है। ऐसे में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में देश का प्रमुख मुद्दा भारत-चीन सीमा विवाद पर अपना बयान दिया। अपने बयान में रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमा पर किसी भी किस्म के बदलाव को भारत स्वीकार नहीं करेगा और जवानों का मनोबल ऊंचा है। राजनाथ ने कहा कि हमारे जवानों ने LAC पर सर्वोच्च बलिदान दिया।

LAC पर स्थितियां चुनौती पूर्ण: राजनाथ सिंह

भारत-चीन विवाद पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज उच्च सदन में अपनी बात को प्रखर स्वर में रखा। राजनाथ सिंह ने आज सदन में ये भी माना कि LAC पर स्थितियां चुनौती पूर्ण हैं। हालांकि देश के जवान डटकर सामना कर रहे हैं। सदन के माध्यम से राजनाथ सिंह ने देश को इस आशय का आश्वासन दिया कि पूर्वी लद्दाख में तैनात जवानों के लिए गोला बारूद से लेकर हर तरह की सुविधाओं से लैस किया गया है।

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और उनके लिए कोई भी कमी नहीं होने पाएगी। राजनाथ सिंह का आज सदन में दिया गया पूरा भाषण या यूं कहें कि पूरा बयान कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण है। ऐसे में आइये यहां जानते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस पूरे बयान की 10 खास बातें। जो आज उन्होंने सदन में बोलीं।

रक्षा मंत्री राजनाथ के बयान की खास बातें

चीन-बार विवाद पर राज्यसभा में बोले राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)

1. सबसे पहले रक्षा मंत्री ने राजनाथ सिंह ने कहा कि सदन इस बात से अवगत है कि भारत और चीन सीमा का प्रश्न अभी तक अनसुलझा है। भारत और चीन की बाउंड्री का कस्टमरी और ट्रेडिशनल अलाइनमेंट चीन नहीं मानता है। यह सीमा रेखा अच्छे से स्थापित भौगोलिक सिद्धांतों पर आधारित है।

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2. रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन मानता है कि बाउंड्री अभी भी औपचारिक तरीके से निर्धारित नहीं है। उसका मानना है कि हिस्टोरिक्ल जुरिस्डिक्शन के आधार पर जो ट्रेडिश्नल कस्टमरी लाइन है उसके बारे में दोनों देशों की अलग व्याख्या है। 1950-60 के दशक में इस पर बातचीत हो रही थी पर कोई समाधान नहीं निकला।

3. सदन में अपने बयान में रक्षा मंत्री ने कहा कि सदन को जानकारी है कि पिछले कई दशकों में चीन ने बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर एक्टिविटी शुरू की है। जिससे बॉर्डर एरिया में उनकी तैनाती की क्षमता बढ़ी है। इसके जबाव में हमारी सरकार ने भी बॉर्डर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास का बजट बढ़ाया है, जो पहले से लगभग दोगुना हुआ है।

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4. अपने बयान में राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ ने ये भी स्वीकार किया कि हम लद्दाख में एक चुनौती के दौर से गुजर रहे हैं लेकिन साथ ही मुझे भरोसा है कि हमारा देश और हमारे वीर जवान इस चुनौती पर खरे उतरेंगे। मैं इस सदन से अनुरोध करता हूँ कि हम एक ध्वनि से अपनी सेनाओं की बहादुरी और उनके अदम्य साहस के प्रति सम्मान प्रदर्शित करें।

चीन-बार विवाद पर राज्यसभा में बोले राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)

5. राज्यसभा में रक्षा मंत्री ने कहा कि इस सदन से दिया गया, एकता व पूर्ण विश्वास का संदेश, पूरे देश और पूरे विश्व में गूंजेगा, और हमारे जवान, जो कि चीनी सेनाओं से आंख से आंख मिलाकर अडिग खड़े हैं, उनमें एक नए मनोबल, ऊर्जा व उत्साह का संचार होगा।

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6. श्री सिंह ने कहा कि चीन ने पिछले कई दशकों में सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी तैनाती क्षमताओं को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा निर्माण गतिविधि की। हमारे सरकार ने भी सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बजट को पिछले स्तरों से लगभग दोगुना कर दिया है।

7. सदन में रक्षा मंत्री ने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने स्पष्ट रूप से नियमों का पालन किया है, जबकि चीन इससे पीछे हटा।

चीन-बार विवाद पर राज्यसभा में बोले राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)

8. भारत के रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि चीनी कार्रवाई हमारे विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों की अवहेलना है। चीन द्वारा सैनिकों की कार्रवाई 1993 और 1996 के समझौतों के खिलाफ गया। वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान और कड़ाई से निरीक्षण करना सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और शांति का आधार है।

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9. राजनाथ सिंह ने भारत के सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए कहा कि इन घटनाओं के दौरान हमारे सशस्त्र बलों के आचरण से पता चलता है कि जब उन्हें भड़काने की कोशिश की गई तब भी उन्होंने संयम बनाए रखा जिससे उन्होंने भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए आवश्यक रूप से 'शौर्य' को भी प्रदर्शित किया।

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10. आज राज्यसभा में रक्षा मंत्री ने कहा कि 15 जून को, कर्नल संतोष बाबू ने अपने 19 बहादुर सैनिकों के साथ, भारत की अखंडता की रक्षा करने के उद्देश्य से गालवान घाटी में सर्वोच्च बलिदान दिया। हमारे पीएम खुद सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए लद्दाख गए।

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