अब चाय की चुस्की हुई महंगीः कंपनियों ने बढ़ाए दाम, करोड़ों की फसल बर्बाद
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कंपनियां एक बार अप्रैल और मई महीने दाम बढ़ा चुकी है। इसके बाद जून में भी कंपनियों ने दाम बढाएं है।
नई दिल्ली: थकान को दूर करने कि लिए चाय, सिर दर्द भगाने के लिए चाय न जाने कितने काम आती है हमारे ये चाय। अधिकतर ज़माना चाय का दीवाना होता है। आदमी दिन में तीन-चार चाय तो आमतौर पर पी ही जाता है। लेकिन अब इन चाय लवर्स के लिए एक झटका देने वाली खबर है। दरअसल बारिश के चलते चाय की फसल को काफी नुकसान हुआ है। जिसके चलते चाय की करीब 20 करोड़ किलोग्राम फसल बर्बाद हो गई है। जिसके कारण घरेलू बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाली चाय के दाम करीब 100 रुपये प्रति किलोग्राम चढ़ गए हैं।
लॉकडाउन और बारिश ने चाय का रंग किया फीका
एक मीडिया प्रकाशन के मुताबिक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और वाघ बकरी ने चाय की कीमतों में 10-15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कंपनियां एक बार अप्रैल और मई महीने दाम बढ़ा चुकी है। इसके बाद जून में भी कंपनियों ने दाम बढाएं है। वहीं, अब कंपनियां जुलाई में कीमतें बढ़ाने की तैयारी कर रही है। चाय के दामों को लेकर कलकत्ता चाय व्यापारी संघ का कहना है कि लॉकडाउन और बारिश के चलते फसल उत्पादन कम रहने से नीलामी में चाय के दाम चढ़ गए हैं।
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आईटीए के सचिव अरिजीत राहा ने कहा, हम जुलाई के आंकड़ों का इंतजार कर रहे है। ये अगले कुछ दिन में आएंगे। आईटीए ने कहा कि अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में मज़दूरों की कमी की वजह से हरी पत्तियों की तुड़ाई काफी कम रही है, जिससे उत्पादन प्रभावित हुआ है। आईटीए के अनुसार दो जिलों में लगातार बारिश से बागानों में ग्रिड बंद होने की समस्या रही है, जिससे फसल घटी है।
छह महीने में चाय का उत्पादन 40% घटा
सीटीटीए के चेयरमैन विजय जगन्नाथ ने कहा, पिछले साल की तुलना में नीलामी में चाय के दाम मजबूत और ऊंचे हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग को करीब 20 करोड़ किलोग्राम फसल के नुकसान का अनुमान है। उन्होंने कहा कि घरेलू बाजार में अच्छी गुणवत्ता वाली चाय के दाम करीब 100 रुपये प्रति किलोग्राम चढ़ गए हैं। चाय उत्पादन में आई भारी गिरावट-अप्रैल और मई में कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन तथा असम में अनियमित बरसात से चाय की फसल को नुकसान पहुंचा है।
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उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इससे चाय के उत्पादन में भारी गिरावट आई है। भारतीय चाय संघ (आईटीए) के अनुमान के अनुसार उत्तर भारत, असम और उत्तरी बंगाल में इस साल जनवरी से जून के दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में चाय का उत्पादन 40 प्रतिशत घटा है।