पाकिस्तान को लगी मिर्ची! भारत का नया नक्शा देखते ही आया ये बयान
5 अगस्त, 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा लिया था। संसद की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आर्टिकल 370 को प्रभावी रूप से खत्म कर दिया था।
नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित राज्य बनने के बाद शनिवार को देश का नया मानचित्र जारी किया गया है। अब इस मानचित्र में 28 राज्यों और नौ केंद्र शासित प्रदेशों को दर्शाया गया है। वहीं, पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के हिस्सों को भी इस नक्शे में कश्मीर क्षेत्र में दर्शाया गया है।
नए नक्शे को पाकिस्तान ने किया खारिज
भारत के नए नक्शे को देख पाकिस्तान बौखला गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने रविवार को बयान जारी कर इस नक्शे को 'गलत' तथा कानूनी रूप से 'अपुष्ट' करार दिया है। दरअसल, भारत के नए मानचित्र में पूरे कश्मीर क्षेत्र को अपने हिस्से के रूप में दिखाया गया है।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि नए मानचित्र कानूनी रूप से अपुष्ट और गलत हैं। उसने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के भी पूर्ण खिलाफ है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘पाकिस्तान इन राजनीतिक मानचित्रों को खारिज करता है, जो संयुक्त राष्ट्र के नक्शों के अनुरूप नहीं है।’
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जम्मू-कश्मीर के पूर्ववर्ती राज्य के विभाजन को भी नए नक्शे में दर्शाया गया है. इस नक्शे में आश्चर्यजनक रूप से पीओके के तीन जिलों मुजफ्फराबाद, पंच और मीरपुर को भी भारत सरकार द्वारा शामिल किया गया है। लद्दाख में दो जिले कारगिल और लेह तो जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित राज्य में 20 जिले शामिल किए गए हैं।
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन आदेश-2019 दिया गया नाम
सरकार ने एक गजट अधिसूचना में कारगिल के वर्तमान क्षेत्र को छोड़कर लेह जिले के क्षेत्रों गिलगिट, गिलगित वजारत, चिलास, जनजातीय क्षेत्र, लेह और लद्दाख को भी शामिल किया गया है। वहीं, इस आदेश को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन आदेश-2019 कहा गया है।
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जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश मानचित्र में सरकार द्वारा 20 जिले शामिल किए गए हैं। इसमें मुजफ्फराबाद, मीरपुर और पुंछ के वे क्षेत्र भी शामिल किए हैं, जो कि PoK के अधीन हैं। बता दें, जम्मू-कश्मीर में साल 1947 में 14 जिले थे। तब कठुआ, जम्मू, उधमपुर, रियासी, अनंतनाग, बारामूला, पुंछ, मीरपुर, मुजफ्फराबाद, लेह और लद्दाख, गिलगित, गिलगित वजरात, चिल्हास और जनजातीय क्षेत्रों को जम्मू-कश्मीर में शामिल किया था।
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बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा लिया था। संसद की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आर्टिकल 370 को प्रभावी रूप से खत्म कर दिया था। वहीं, 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का अस्तित्व एक राज्य की तरह नहीं रह गया। तब से वह दो अलग केंद्र शासित राज्य हो गए।