NIA ने कश्मीर में पाकिस्तान की बड़ी साजिश को किया बेनकाब, नहीं तो...

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को कश्मीर में हिंसा भड़काने के पीछे पाकिस्तान की गहरी साजिश के बारे में पता चला है। आतंकी फंडिंग के मामले में एनआईए ने तीन हजार पन्नों का पूरक आरोप पत्र दाखिला किया है।

Update:2023-07-13 14:33 IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को कश्मीर में हिंसा भड़काने के पीछे पाकिस्तान की गहरी साजिश के बारे में पता चला है।

आतंकी फंडिंग के मामले में एनआईए ने तीन हजार पन्नों का पूरक आरोप पत्र दाखिला किया है।

पूरक आरोप पत्र में एजेंसी ने पाकिस्तानी उच्चायोग की भूमिका का भंडाफोड़ किया है।

एजेंसी की ओर से आरोप पत्र में दावा किया गया है कि कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए खुद पाकिस्तानी हाईकमीशन ने अलगाववादियों का समर्थन किया था।

इससे पहले टेरर फंडिंग की पहली चार्जशीट साल 2017 में दाखिल की गई थी।

उसमें भी घाटी में हिंसा और दूसरी आतंकी गतिविधियों के लिए अलगावावादियों को पाक दूतावास से फंडिंग मिलने का जिक्र था।

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चार्जशीट में पैसे के लेनदेन का ब्योरा

इस चार्जशीट में आतंकवादी के पूरे सिंडिकेट का जिक्र है।

चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र है कि कैसे पैसा सरहद पार और दिल्ली से कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों, पत्थरबाजी समेत अन्य हिंसक कार्यों के लिए भेजा जाता है।

वहीं, एनआईए की विशेष अदालत ने अलगाववादी नेता यासिन मलिक की न्यायिक हिरासत को 23 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है।

इससे पहले टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने अलगाववादी नेताओं के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर की।

इस चार्जशीट में अलगाववादी नेता शब्बीर शाह, यासीन मलिक, मसर्रत आलम और राशिद इंजीनियर के नाम शामिल थे।

इन अलगाववादी नेताओं पर टेरर फंडिंग का मामला दर्ज था।

एनआईए द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र में इन अलगाववादी नेताओं पर पाकिस्तान से लेकर दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के जरिए हुई टेरर फंडिंग का पूरा खुलासा किया है।

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हाफिज की आतंकी साजिश की खुली पोल

आरोप पत्र में खुलासा कि किस तरह से हाफिज सईद के जरिए आए इन लोगों को पैसों को जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक आतंकी गतिविधियों में खर्च किया है।

आरोप पत्र में यह भी बताया गया है कि आसिया अंद्राबी हाफिज सईद और उनकी दोनों पत्नियों से उम्मी तला और नूर जहां से भी फोन पर संपर्क में रहती थी।

आरोप पत्र में यह खुलासा भी किया गया है कि आशिया अपने दोनों बेटों को जो पैसा भेजती थी वह पैसा आतंक के नाम पर जकात के जरिए इकट्टा किया जाता था।

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