गुवाहाटी : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को उल्फा उग्रवादी संगठन के वार्ता-विरोधी गुट के तीन शीर्ष नेताओं के खिलाफ एनआईए की विशेष अदालत में आरोप-पत्र दाखिल किया। आरोप-पत्र में तीनों उग्रवादियों पर लगाए गए आरोपों में भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप भी शामिल है।
एनआईए ने उल्फा के वार्ता विरोधी गुट के कमांडर इन चीफ परेश बरुआ उर्फपरेश असोम उर्फ कामरुज जमां खां उर्फ नूर-उज-जमां उर्फ जमां भाई उर्फ प्रदीप उर्फ पबन बरुआ, उग्रवादी संगठन के चेयरमैन डॉ. अभिजीत असोम उर्फ डॉ. अभिजीत बर्मन उर्फ डॉ. मुकुल हजारिका और गगन हजारिका उर्फ जयदीप चेलेंग के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है।
एनआईए द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया है कि गगन हजारिका जहां पहले से ही पुलिस हिरासत में है, वहीं दो अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं।
एनआईए गुवाहाटी में दिसंबर, 2013 में तीनों उग्रवादियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैर-कानूनी गतिविधियां (निरोधक) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
दर्ज प्राथमिकी में कहा गया था कि परेश बरुआ और उसके नेतृत्व वाले उल्फा के वार्ता-विरोधी गुट और संगठन के अन्य सदस्य नए उग्रवादियों की भर्ती कर तथा भारत की सीमा के अंदर और बाहर उग्रवादी शिविरों का आयोजन कर उग्रवाद को फिर से बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।