निकिता मर्डर केस: जानें कितने दिन चली कोर्ट में सुनवाई, किस-किसको मिली सजा

निकिता को बल्लभगढ़ में उसके कॉलेज के बाहर तौसीफ नाम के एक लड़के ने गोली मार कर उसकी हत्या कर दी। जिस समय से घटना हुई उस समय तौसीफ के साथ उसका साथी रेहान भी मौजूद था।

Update:2021-03-25 15:21 IST
निकिता मर्डर केस

नई दिल्ली: निकिता तोमर मर्डर केस में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है और इस मामले में तीन आरोपी में से दो आरोपी तौसीफ और रेहान को दोषी करार दिया है। जिनकी सजा को लेकर कोर्ट 26 मार्च 2021 को सुनवाई करेंगी। 3 महीने 22 दिन से चल रहे इस केस में अब तक क्या-क्या हुआ आइये जानते है।

क्या है पूरा मामला

यह मामला उत्तर प्रदेश के हापुड़ का है। जहां बी.कॉम ऑनर्स फाइनल ईयर की छात्रा निकिता तोमर 26 अक्टूबरस 2020 की सुबह अपने घर से निकली और कभी वापस लौटकर नहीं आई। जहां निकिता को बल्लभगढ़ में उसके कॉलेज के बाहर तौसीफ नाम के एक लड़के ने गोली मार कर उसकी हत्या कर दी। जिस समय से घटना हुई उस समय तौसीफ के साथ उसका साथी रेहान भी मौजूद था। पुलिस की जांच में सामने आया कि तौसीफ निकिता का अपहरण करने आया था, लेकिन जब वह ऐसा नहीं कर पाया, तो उसने निकिता के सिर में गोली मार दी और फरार हो गया। आनन-फानन में निकिता को अस्पताल ले जाया गया जहां इसकी मौत हो गई।

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क्या-क्या हुआ इस केस में

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर इस केस की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना की कोर्ट में शुरू हुई। 1 दिसंबर को पहली गवाही कराई गई। जिसमें निकिता के चचेरे भाई तरुण तोमर और सहेली निकिता शर्मा शामिल हुए। वहीं बचाव पक्ष की ओर 55 लोगों ने गवाही दी जिसमें परिवार के सदस्य, कॉलेज के प्रिंसिपल समेत कई पुलिसकर्मी शामिल हुए।

SIT को सौंपी गई जांच

सरकार ने इस मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी। जिसके बाद SIT की टीम ने मुख्य हत्यारोपी तौसीफ को सोहना से गिरफ्तार कर लिया। साथ ही रेहान और हथियार उपलब्ध कराने वाले अजरू को भी पुलिस ने पकड़ा। 11 दिन बाद सभी सबूत एकत्र करके 700 पेज की चार्जशीट तैयार हुई। चार्जशीट में निकिता की सहेली समेत कुल 60 गवाह बनाए गए थे। और यह चार्जशाट 6 नवंबर को कोर्ट में दाखिल कर दी गई।

दो आरोपी दोषी करार

24 मार्च को हुई इस मामले की सुनवाई में फरीदाबाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया जिनमें कोर्ट ने तौसीफ और रेहान को दोषी करार दिया। वहीं, अजरुद्दीन को बरी कर दिया गया है। बता दें कि तौसीफ को मुख्य आरोपी बनाया गया था, जबकि रेहान वारदात के वक्त उसके साथ मौजूद था। अजरुद्दीन पर हथियार देने का आरोप था, जो साबित नहीं हो पाया है।

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