कौन हैं वो दरिंदे, जिन्होंने निर्भया के साथ की थी दरिंदगी, अब चढ़ेंगे फांसी पर

आखिरकार देश की राजधानी दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया रेप केस मामले में मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया है।

Update:2020-01-08 10:15 IST

नई दिल्ली: आखिरकार देश की राजधानी दिल्ली में 2012 में हुए निर्भया रेप केस मामले में मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया है। अब चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाया जाएगा।

मां ने जाहिर की खुशी

कोर्ट का फैसला आने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने अपनी प्रसन्नता जाहिर की और उन्होंने कहा कि ‘मेरी बेटी को न्याय मिल गया। इन चारों दोषियों को फांसी की सजा मिलने से देश की महिलाओं को ताकत मिलेगी। इस फैसले से लोगों का न्याय व्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा।’

क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल कर सकते हैं दोषियों के वकील

वहीं दूसरी ओर दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा है कि दस्तावेज मिलने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करेंगे। बता दें कि सजा देने से एक दिन पहले तक सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दायर की जा सकती है। दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा है कि 22 जनवरी से पहले ही हम क्यूरेटिव पिटिशन दायर करेंगे।

यह भी पढ़ें: रायबरेली: होमगार्ड कमाण्डेन्ट ने जवान को दी भद्दी-भद्दी गालियां

जेल नंबर-3 में दी जाएगी फांसी

वहीं सूत्रों के मुताबिक, चारों दोषियों को जेल नंबर-3 में फांसी पर लटकाया जाएगा। हालांकि सभी अभी अलग-अलग जेल में हैं। चार दोषियों में से तीन को अभी जेल नंबर-2 और एक को जेल नंबर-4 रखा गया है। वहीं फांसी पर चढ़ाने के लिए मेरठ के पवन जल्लाद से जेल प्रशासन संपर्क साधेगा।

जब कोर्ट में पीड़िता की मां आशा देवी की ओर से दाखिल की गई अर्जी पर बहस शुरु हुई तो दोषियों के वकील का कहना था कि, कुछ समय दिया जाए। उनके मुवक्किल क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल करना चाहते हैं, जिसकी प्रक्रिया जारी है। इस पर जज ने कहा कि, और आपको कितना वक्त दिया जाए। मामला पहले ही काफी लटक चुका है।

कोर्ट में सुनवाई के दौरान निर्भया के परिवार ने कोर्ट से मांग की कि सभी चारों दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द डेथ वॉरंट जारी किया जाए। निर्भया की मां के वकील ने कोर्ट से कहा कि डेथ वॉरंट के बाद भी दोषियों के पास मौके होंगे। दोषियों की कोई भी याचिका कहीं पेंडिंग नहीं है। इसलिए कोर्ट डेथ वॉरंट जारी कर सकता है।

यह भी पढ़ें: जम्मू कश्मीर में एक जवान की मौत, केवल आतंकी नहीं सेना की जान का दुश्मन है ये…

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनाया गया फैसला

निर्भया मामले में चारों दोषियों अक्षय, मुकेश, विनय और पवन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया गया। करीब 40 मिनट की सुनवाई के बाद डेथ वारंट का आदेश दिया गया। डेथ वारंट जारी करने का आदेश सिर्फ इस केस से जुड़े लोगों की मौजूदगी में सुनाया गया। मीडिया को कोर्ट रूम में रहने की अनुमति नहीं थी।

2012 का वो वारदात, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया

साल 2012 की बात है जब, दिल्ली में 16-17 दिसंबर की रात एक चलती बस में 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने बेरहमी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। यहीं नहीं इस हैवानियत की वजह से निर्भया की आंतें शरीर से बाहर निकल आईं। खून से लथपथ लड़की जिंदगी और मौत से जूझ रही थी।

बाद में उन शैतानों ने निर्भया और उसके साथी को दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर के नजदीक वसंत विहार इलाके में चलती बस से फेंक दिया था। जिसके बाद उसे पीड़ित लड़की को नाजुक हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया।

29 दिसंबर को तोड़ा दिया था दम

निर्भया की हालत संभल नहीं रही थी। लिहाजा उसे सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 29 दिसंबर को निर्भया ने रात के करीब सवा दो बजे वहां दम तोड़ दिया था। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। पूरे देश में दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग हो रही थी। वारदात के 90 दिन बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी। 11 मार्च, 2013 को आरोपी बस चालक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली। हालांकि राम सिंह के परिवार वालों और उसके वकील का मानना है कि जेल में उसकी हत्या की गई थी।

यह भी पढ़ें: आज का राशिफल: जानिये क्या कहता है आपका भाग्य, ऐसे करें अपने बच्चों की बुद्धि तेज़

नाबालिग आरोपी को किया गया रिहा

एक अन्य आरोपी नाबालिग साबित हुआ था। उसे 3 साल तक सुधार गृह में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था। 2014 में हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा और 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने भी फांसी की सजा को कायम रखा। इसके बाद दोषियों की रिव्यू पिटिशन भी खारिज हो गई थी।

सितंबर, 2013 : ट्रायल कोर्ट ने चारों को फांसी की सजा सुनाई

मार्च, 2014 : हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले की पुष्टि की

मई, 2017 : सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी

फिर आखिरकार कल वो दिन आया जब पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने दोषियों को डेथ वारंट जारी किया। जेल अधीक्षक को निर्देश जारी किए गए कि आरोपियों को 22 जनवरी 2020 को सुबह सात बजे फांसी की सजा दी जाए।

ये हैं निर्भया के दोषी

नाम- राम सिंह (बस चालक), निवासी दिल्ली। जिसने 11 मार्च, 2013 को तिहाड़ जेल में खुदकशी कर ली।

नाम- मुकेश कुमार (ड्राइवर कम हेल्पर) निवासी दिल्ली। राम सिंह (बस चालक) का भाई।

नाम- अक्षय कुमार सिंह (बस हेल्पर) मूल निवासी औरंगाबाद, वर्तमान निवासी दिल्ली, बिहार

नाम- पवन गुप्ता (फल विक्रेता) निवासी दिल्ली

नाम- विनय शर्मा (जिम में हेल्पर) निवासी दिल्ली

नाबालिग (बस क्लीनर) निवासी- बदायूं।

जो वारदात के वक्त 17 साल छह महीने 11 दिन का था। बाल न्यायालय ने 31 अगस्त 2013 को हत्या में 3 साल की सजा सुनाई। सजा पूरी करने के बाद दिसंबर, 2015 में रिहा हो गया।

यह भी पढ़ें: अभी नहीं थमेगा ठंड का कहर, यूपी समेत इन राज्यों में होगी जमकर बारिश

Tags:    

Similar News