निर्भया केस: दोषियों की तीसरी बार टली फांसी, मां ने कही ये बात

पवन ने अपराध के समय खुद के नाबालिग होने का दावा करते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया है। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। दोषियों को कल 6 बजे फांसी दी जानी है।

Update: 2020-03-02 03:45 GMT

नई दिल्ली: निर्भया के गुनहगार पवन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पवन कुमार की क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दोषी अक्षय और पवन की तरफ से लगाई गई याचिका को पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दिया।

इस बीच दोषी पवन के वकील एपी सिंह एक बार फिर पटियाला हाउस कोर्ट पहुंच गए हैं और उनका कहना है कि डेथ वारंट पर रोक लगनी चाहिए, क्योंकि पवन ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई है। राष्ट्रपति के पास याचिका लंबित है, इसलिए कोर्ट ने यह फैसला किया है।

इससे पहले कोर्ट को तिहाड़ जेल प्रशासन ने यह सूचना दी थी कि पवन गुप्ता ने राष्ट्रपति के पास याचिका भेज दी है। डीजी जेल ने कोर्ट से कहा है कि पवन जल्लाद ने दोषियों की लटकाने की डमी प्रैक्टिस कर ली है। वह मंगलवार सुबह दोषियों को लटकाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

3 मार्च को होनी है दोषियों को फांसी

गौरतलब है कि इससे पहले तीसरी बार 3 मार्च के लिए पवन गुप्ता समेत चार दोषियों के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया था।

फांसी को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध

पवन ने अपराध के समय खुद के नाबालिग होने का दावा करते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया था। पवन ने वकील ए पी सिंह के जरिए सुधारात्मक याचिका दाखिल कर मामले में अपीलों और पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज करने का अनुरोध किया था।

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वकील ए पी सिंह ने कहा है कि उन्होंने रविवार को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में एक अर्जी दाखिल कर खुली अदालत में पवन की सुधारात्मक याचिका पर मौखिक सुनवाई का अनुरोध किया है। दोषियों में केवल पवन के पास ही अब सुधारात्मक याचिका दायर करने का विकल्प बचा है।

डेथ वारंट हो चुका है जारी

दक्षिणी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में एक छात्रा से सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी और दोषियों ने बर्बरता करने के बाद उसे बस से फेंक दिया था। एक पखवाड़े बाद उसकी मौत हो गई। इस केस में दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी हो चुका है।

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दोषी अक्षय ने राष्ट्रपति के पास लगाई दया याचिका

दोषी पवन और एक अन्य दोषी अक्षय सिंह ने भी दिल्ली की निचली अदालत का रुख कर डेथ वारंट की तामील पर रोक लगाने का अनुरोध किया। जबकि निचली अदालत ने याचिकाओं पर तिहाड़ जेल प्रशासन को नोटिस जारी कर अधिकारियों को सोमवार तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। वहीं अक्षय ने दावा किया है कि उसने राष्ट्रपति के समक्ष नई दया याचिका दाखिल की है जो कि लंबित है, जबकि पवन ने कहा है कि उसने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुधारात्मक याचिका दाखिल की है।

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