निसर्ग तूफान: अगले 12 घंटे में कुछ भी हो सकता है, हर पल रहे चौकन्ना, करें ये काम

चक्रवाती तूफान निसर्ग ने महाराष्ट्र और गुजरात में जोरदार ढंग से दस्तक दे दी है। अगले 12 घंटे में कुछ भी हो सकता है। ये समय सतर्क रहने का है। उधर महाराष्ट्र सरकार चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ पर लगातार नजर बनाये हुए है।

Update: 2020-06-03 10:33 GMT

नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान निसर्ग ने महाराष्ट्र और गुजरात में जोरदार ढंग से दस्तक दे दी है। अगले 12 घंटे में कुछ भी हो सकता है। ये समय सतर्क रहने का है। उधर महाराष्ट्र सरकार चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’ पर लगातार नजर बनाये हुए है।

हर जिलों से अपडेट्स मंगाई जा रही है। आपदा से कम से कम जनहानि हो इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। यहां के सीएम उद्धव ठाकरे ने चक्रवाती तूफान निसर्ग को लेकर क्या करे और क्या न करे। इस बाबत एक सूची भी जारी की है। साथ ही अफवाहों को नजरअंदाज करने की भी बात कही गई है।

तूफान के तांडव का आँखों देखा हाल, कहीं उड़ गए पेड़ तो कहीं उड़ीं घरों की छतें

तूफ़ान से बचने से क्या करें?

इस सूची पर अगर गौर करें तो इसमें लिखा है कि चक्रवात आने पर कमरे के बीच में रहे, कोनों से बचकर रहे क्योंकि मलबा अकसर कोनों में ही एकत्रित होता है।

ज्यादा तेज हवा चलने पर मजबूत फर्नीचर जैसे कि स्टूल, भारी मेज या डेस्क के नीचे छिपने तथा इसे मजबूती से पकड़ने की कोशिश करें।

सिर और गर्दन को बचाने के लिए हाथों का इस्तेमाल करें। ढीली चीजों को बांधें और बैटरी से चलने वाले उपकरणों का नियमित तौर पर निरीक्षण करें।

अगर कोई व्यक्ति मिट्टी से बने घर या झोंपड़ी में नहीं रह रहा है तो उसे अपने घर का एक कोना चुनना चाहिए जहां आपात स्थिति में शरण ली जा सकें और इसका अभ्यास करना चाहिए कि चक्रवात के दौरान परिवार के सभी सदस्य इस स्थान का इस्तेमाल कैसे करेंगे।

लोगों को खिड़कियों से दूर रहना चाहिए। कुछ खिड़कियों को बंद और कुछ को खुली रखें ताकि दबाव बराबर बना रहे। गैर आवश्यक उपकरणों की बिजली आपूर्ति काट दें।

तेज आंधी-तूफान से भारी नुकसान, वाहन दबे, घरों में लगी आग, कई इलाके अंधेरे में डूबे

पीने का पानी एक स्वच्छ बर्तन में भंडार करके रखें। फंसे या घायल लोगों की मदद करें और उन्हें प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराए।

अगर कोई गैस लीक हो तो खिड़कियों को खुला रखें और इमारत से बाहर निकल जाएं।

बच्चों, शारीरिक रूप से अक्षम लोगों और बुजुर्गों की मदद करें। मछुआरे अपनी नौकाओं को किसी सुरक्षित स्थान पर बांधकर रखें और अतिरिक्त बैटरियों के साथ अपने पास एक रेडियो रखें।

‘चक्रवात के दौरान कोई वाहन चलाने या उसमें सवार होने की कोशिश न करें। क्षतिग्रस्त इमारतों से दूर रहे। तेल व अन्य ज्वलनशील पदार्थ को फैलने न देने और फौरन उन्हें साफ करें।

 

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