पीएम मोदी की अपील पर ओवैसी ने साधा निशाना, PMO से पूछा- 'लाइट कहां...
5 अप्रैल रविवार को रात नौ बजे घर की बालकनी में दीया जलाने की पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की है। पीएम की इस अपील पर सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक ओर जहां तमाम लोग इसका समर्थन करते नजर आ रहे हैं
नई दिल्ली: 5 अप्रैल रविवार को रात नौ बजे घर की बालकनी में दीया जलाने की पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की है। पीएम की इस अपील पर सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक ओर जहां तमाम लोग इसका समर्थन करते नजर आ रहे हैं वहीं कई लोग इस पर सवाल भी उठा रहे हैं। इसमें एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी सिलसिलेवार कई ट्वीट किए हैं।
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देश इवेंट मैनेजमेंट
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर लिखा कि यह देश इवेंट मैनेजमेंट कंपनी नहीं है। भारत के लोग इंसान हैं जिनके सपने और उम्मीदें भी हैं। 9 मिनट की नौटंकी में हमारी जिंदगी को कम मत करो। इसके साथ ही ओवैसी ने पीएमओ को टैग करते हुए लिखा है कि हम जानना चाहते थे कि राज्यों को क्या सहायता मिलेगी और गरीबों को क्या राहत मिलेगी। लेकिन इसके बजाय हमें कुछ नया ड्रामा मिला।
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ओवैसी ने अपने अगले ट्वीट में लिखा है कि यह ट्यूब-लाइट आइडिया वास्तव में यूनीक थ। पूरे भारत में लाखों भूखे, गरीब और बेघर लोग प्रवासियों के रूप में अपने घरों के लिए जा रहे हैं, मैं पूछना चाहता हूं। लाइट कहां है। ओवैसी ने आगे पीएमओ से कहा है कि मुझे पता है कि आप केवल पॉजिटिव वाइब्स चाहते हैं और कुछ मुद्दों को उठाना नहीं चाहते हैं, लेकिन लाइट कहां है?
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स्वास्थ्य मंत्रालय...
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तीसरे ट्वीट में ओवैसी ने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट में आपके वकीलों का कहना है कि इन प्रवासियों में से एक तिहाई शायद संक्रमण ले जा रहे हों, जबकि आपका स्वास्थ्य मंत्रालय कहता है कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का कोई प्रमाण नहीं है। लाइट कहां है, पीएमओ।
अपने चौथे ट्वीट में एआईएमआईएम मुखिया ने लिखा है कि एक अनियोजित लॉकडाउन का मतलब गरीबों का अधिक से अधिक कष्ट सहना है।आपने उन्हें अमीरों के दान और राज्यों की सीमित आर्थिक क्षमताओं के सहारे छोड़ दिया है। जब सीएम आपसे वित्तीय राहत मांगते हैं, तो आप उनसे अपनी लाइट बंद करने को कहते हैं?
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ट्वीट में ओवैसी ने लिखा है कि अंधकारमय बैंकिंग क्षेत्र के बारे में पीएमओ का क्या कहना है? हमारी बढ़ती एनपीए समस्या दूर नहीं हो रही है। आपका पूर्व-कोरोना संकटग्रस्त आर्थिक संकट अब एक आसन्न वित्तीय आपदा बन जाएगी। हमारी बचत का क्या होगा? बैंकों का क्या होगा? अपने छठवें ट्वीट में ओवैसी ने लिखा है कि अपने लाखों, करोड़ों के 'राहत' पर कुछ लाइट डालें. इससे भारत के 90% मजदूरों को फायदा होगा जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं।