नई दिल्ली : कांग्रेस ने गुरुवार को आम बजट की आलोचना करते हुए गरीब परिवारों के लिए 5 लाख रुपये की स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को एक बड़ा जुमला करार देते हुए कहा कि यह प्रतीकवाद की राजनीति है और नौकरियों के निर्माण तथा किसानों की आय बढ़ाने को लेकर इसमें कुछ नहीं है।
कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बजट में औसत करदाताओं को कोई भी राहत नहीं दी गई है और न ही निर्यात बढ़ाने के लिए कोई कदम उठाया गया है। उन्होंने कुछ प्रमुख योजनाओं पर परिव्यय घटाने को लेकर गहरी निराशा व्यक्त की।
वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण का हवाला देते हुए चिंदबरम ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना के दायरे में 10 करोड़ गरीब परिवारों को लाया जाएगा, जिसके लिए बहुत अधिक व्यय की जरूरत होगी, लेकिन इसके लिए सरकार ने धन का प्रावधान ही नहीं किया है।
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उन्होंने कहा, "गरीब परिवारों को बीमारी पर खर्च के लिए 5 लाख रुपये दिया जाएगा, यह एक बहुत बड़ा जुमला है। इस योजना को 10 करोड़ परिवारों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। अगर प्रति परिवार योजना का दसवां हिस्सा खर्च भी मान लें तो इसके लिए कम से कम 5 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी।"
उन्होंने कहा कि अगर बीमा कंपनियों से बीमा कराया जाएगा तो प्रति परिवार प्रीमियम 5,000 रुपये से लेकर 15,000 रुपये तक होगी। इस हिसाब से भी इस मद में 50,000 करोड़ रुपये से लेकर 1.5 लाख करोड़ रुपये की सालाना जरूरत होगी। उन्होंने पूछा, "क्या वित्त मंत्री वाकई गंभीर हैं।"
चिदंबरम ने कहा, "धन कहां से मुहैया कराया जाएगा। यहां तक कि प्रीमियम चुकाने के लिए भी धन का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।" जबकि सरकार इसे दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना करार दे रही है, लेकिन इस योजना के बजट में धन का प्रावधान ही नहीं किया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बजट में कोई उपाय नहीं किया है। उन्होंने कहा, "क्योंकि सरकार के पास कोई विचार ही नहीं है। इसलिए वित्त मंत्री ने कस्टम शुल्क को बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री ने दावोस में जो भाषण दिया था और जो भावना प्रकट की थी, वह कुछ ही दिन में भुला दिया गया।"