भारत से हारेंगे दुश्मन: मोदी सरकार ने देश को दिया वरदान, शामिल होंगे थिएटर कमान

दुश्मन देशों पाकिस्तान और चीन द्वारा सीमा पर सीजफायर की नापाक हरकत का भारत मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। ऐसे में चाहे एलएसी(LAC) हो और चाहे एलओसी(LOC), यहां पर जारी तनाव को देखते हुए भारतीय सेना के 2022 तक पांच थिएटर कमान के जरिए पुनर्गठित करने की उम्मीद है।

Update:2020-10-27 15:40 IST
दुश्मन देशों पाकिस्तान और चीन द्वारा सीमा पर सीजफायर की नापाक हरकत का भारत मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। ऐसे में चाहे एलएसी(LAC) हो और चाहे एलओसी(LOC), यहां पर जारी को देखते हुए भारतीय सेना के 2022 तक पांच थिएटर कमान के जरिए पुनर्गठित करने की उम्मीद है।

नई दिल्ली। दुश्मन देशों पाकिस्तान और चीन द्वारा सीमा पर सीजफायर की नापाक हरकत का भारत मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। ऐसे में चाहे एलएसी(LAC) हो और चाहे एलओसी(LOC), यहां पर जारी तनाव को देखते हुए भारतीय सेना के 2022 तक पांच थिएटर कमान के जरिए पुनर्गठित करने की उम्मीद है। इस पर मंत्रिमंडल की इजाजत के बाद अब जल्द ही सैन्य मामलों के विभाग के पास अतिरिक्त और सयुंक्त सचिव होंगे। बता दें कि अभी ये थिएटर कमान केवल चीन और अमेरिका के सैनिकों के पास है।

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मोदी सरकार ने जिम्मेदारी सौंपी

पांच थिएटर कमान के जरिेए देश की तीनों सेनाओं के पुनर्गठन का काम चीन के विशिष्ट उत्तरी कमान और पाकिस्तान के विशिष्ट पश्चिमी कमान के साथ गंभीर विचार के तहत शुरू हुआ है। ऐसे में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत को मोदी सरकार ने थियेटर कमांड बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है।

फोटो-सोशल मीडिया

ऐसे में सैन्य और राष्ट्रीय सुरक्षा नियोजकों के मुताबिक, उत्तरी कमान का पुनर्गठन लद्दाख के काराकोरम दर्रे से शुरू होगा और अरुणाचल प्रदेश में अंतिम चौकी किबिथु तक जारी रहेगा। इसमें वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) के 3,425 किलोमीटर की दूरी पर रखवाली करने की जिम्मेदारी शामिल है। बता दें, इस कमांड का मुख्यालय लखनऊ हो सकता है।

फोटो-सोशल मीडिया

साथ ही पश्चिमी कमान का रिमांड सियाचिन ग्लेशियर क्षेत्र के सॉल्टोरो रिज पर इंदिरा कर्नल से गुजरात की नोक तक होगा। इसकी मुख्यालय जयपुर होनी की संभावना जताई जा रही है।

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रक्षा करने के लिए भी जिम्मेदार

इसके अलावा तीसरी थियेटर कमांड प्रायद्वीपीय कमान होगी, चौथा एक पूर्ण वायु रक्षा कमान और पांचवां एक समुद्री कमान है। जिसका प्रायद्वीपीय कमान का मुख्यालय तिरुवनंतपुरम हो सकता है। ये वायु रक्षा कमान न केवल देश के हवाई हमले को गति देगा, बल्कि इसके नियंत्रण में सभी विरोधी विमान मिसाइलों के साथ भारतीय हवाई क्षेत्र की रक्षा करने के लिए भी जिम्मेदार होगा।

इस बारे में परिचित सीनियर अधिकारियों के मुताबिक, सभी पांच कमानों का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल या समकक्ष रैंक के कमांडरों द्वारा किया जाएगा, जो वर्तमान कमांड के प्रमुखों के साथ बराबरी करने वालों में पहले होंगे। थल सेनाध्यक्ष, वायु सेना प्रमुख और नौसेनाध्यक्ष के कार्य का संचालन नहीं होगा, लेकिन थिएटर कमानरों के लिए संसाधन जुटाना भी शामिल है।

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