पाकिस्तान की नीच हरकत! भारत-चीन में टकराव के लिए रची ये साजिश
भारत-पाकिस्तान के विवाद के बीच अब पाक ने एक ऐसा प्लान बनाया है जिससे चीन और भारत के बीच विवाद हो सकता है। पाक के षड्यंत्र से चीन भी पीओके पर हक जता सकता है
दिल्ली: भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) के विवाद में विश्व के कई अन्य देशों का हस्तक्षेप हैं। इसी कड़ी में अब पाकिस्तान ने एक ऐसा प्लान बनाया है जिससे चीन (China) और भारत के बीच सीधा विवाद खड़ा हो सकता है। दरअसल भारत और पाकिस्तान के बीच का विवाद कश्मीर और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) पर है। ऐसे में अब पाकिस्तान के इस षड्यंत्र से भारत पाकिस्तान के अलावा चीन भी पीओके पर हक जता सकता है और दो देशों के विवाद में शामिल हो सकता है।
चीन-पाक आर्थिक कॉरिडोर से बिगड़ी पाकिस्तान की माली हालत:
दरअसल, चीन और पाकिस्तान के बीच एक बड़ा प्रोजेक्ट फ्लोर पर हैं। इस महात्वकांक्षी (CPIC) प्रोजेक्ट के चलते पाकिस्तान कर्ज के बोझ तले दब चुका है। इस प्रोजेक्ट के निर्माण की सारी जिम्मेदारी चीनी कंपनियों को ही दी गई है, जो चीनी प्रशिक्षित मजदूरों को ही लाकर काम कर रही हैं और निर्माण सामग्री भी चीन से ही आयात की जा रही है, जिसका बोझ भी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को उठाना पड़ रहा है।
ये भी पढ़ें:यहां गैर मुसलमानों के लिए खोली गई ‘मोदी मस्जिद’, जानिए क्या है इसका इतिहास
दूसरे शब्दों में कहा जाए तो इस प्रोजेक्ट के चलते पाकिस्तान में स्थानीय स्तर पर न के बराबर रोजगार सृजित हुए हैं और न के बराबर ही वहां की अर्थव्यवस्था को सामग्री की खरीदने-बेचने से गति मिली है।
चीन के कर्ज तले दबा पाकिस्तान:
बता दें कि करीब 60 अरब डॉलर के सीपीईसी प्रोजेक्ट के लिए पाकिस्तान दिसंबर, 2019 तक चीन से करीब 21.7 अरब डॉलर कर्ज ले चुका था। इनमें से 15 अरब डॉलर का कर्ज चीन की सरकार ने और शेष 6.7 अरब डॉलर का कर्ज वहां के वित्तीय संस्थानों से लिया गया था। पाकिस्तान के सामने इस कर्ज को वापस लौटाना अब बड़ी समस्या बन गया है, क्योंकि अर्थव्यवस्था के पूरी तरह ध्वस्त हो जाने से उसके पास महज 10 अरब डॉलर का ही विदेशी मुद्रा भंडार रह गया है।
ये भी पढ़ें: पाकिस्तान ने भारत पर निकाली भड़ास, पीएम इमरान ने फिर बढ़ाया तनाव
कर्ज के बदले पाक देगा चीन को पीओके का कुछ हिस्सा:
आशंका जताई है कि अपनी लगातार गिरती अर्थव्यवस्था से जूझ रहा पाकिस्तान इस कर्ज को उतारने के लिए चीन को अपने कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) का कुछ हिस्सा सौंप सकता है। बता दें कि सीपीईसी प्रोजेक्ट का भाग पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) और अक्साई चीन जैसे विवादित इलाको से होकर गुजरता है।
ऐसे में पाकिस्तान का यह कदम भारत के लिए मुश्किल का सबब बन सकता है। भारत पहले से ही सीपीईसी प्रोजेक्ट को पीओके के गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र से गुजारने को लेकर अपनी संप्रभुता का हनन बताते हुए इसका विरोध कर चुका है।
ये भी पढ़ें: फेसबुक का ऐसा कारनामा: चीन के राष्ट्रपति को दिया गंदा नाम, फिर किया ये काम…
भारत-चीन की रिश्तों पर पढ़ेगा असर:
भारत का दावा है कि यह क्षेत्र उसके अखंड जम्मू-कश्मीर राज्य का हिस्सा है। चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर या सीपीईसी जिस विवादित क्षेत्र से होकर गुजरता भारत उसके खिलाफ है क्योंकि यह पाक अधिकृत कश्मीर से गुजरता है। मुख्य तौर पर यह एक हाइवे और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है जो चीन के काशगर प्रांत को पाकिस्तान के ग्वारदर पोर्ट से जोड़ेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान में बंदरगाह, हाइवे, मोटरवे, रेलवे, एयरपोर्ट और पावर प्लांट्स के साथ दूसरे इंफ्रस्क्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को डेवलप किया जाएगा।
पाकिस्तान के इस कदम से चीन को भी इस बात का डर है कि भारत इसका विरोध करेगा और वह हिस्सा चीन को न दिए जाने पर अड़ जाएगा। वहीं भारत और चीन के बीच कई मुद्दों पर विवाद है, ऐसे में एक विवाद और बढ़ जाएगा और तनाव बढ़ जाएगा।