इस राज्य में दिल्ली से पहुंचे कई किसान नेता, जल्द शुरू हो सकता है बड़ा आन्दोलन

किसान नेता गुरुमान सिंह ने कहा कि बिहार में धान का एमएसपी 1888 रुपए है लेकिन किसी को भी 1000 रूपये से ज्यादा नहीं मिल रहा है। सरकार वन नेशन वन मार्केट की बात कर रही है लेकिन क्या बिहार के किसानों को पंजाब जैसा रेट मिलेगा।

Update:2020-12-21 18:59 IST
दिल्ली की सीमा पर हड्डियां गला देने वाले ठंड में अपनी मांगों को लेकर डटे किसानों ने सरकार संग बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।

पटना: किसान आन्दोलन को लेकर अब बिहार में भी सरगर्मी बढ़ने लगी है। सोमवार को दिल्ली से एक साथ कई किसान नेता ने पटना का रुख किया। इस वक्त वे पटना में पहुंच चुके हैं।

भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरमान सिंह चढ़ूनी ने पटना पहुंचकर प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि दिल्ली के आंदोलन में बिहार के भी किसान शामिल हो क्योंकि इस कानून के तहत किसानों को एमएसपी नहीं मिलेगा।

गुरुमान सिंह ने कहा कि बिहार के किसान भी जागृत हो और दिल्ली पहुंचे। बिहार में खेती से आमदनी कम होती जा रही है और यहां के किसानों को एमएसपी नहीं मिल पा रहा है।

किसान आन्दोलन (फोटो: सोशल मीडिया)

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एमएसपी तय करना और इस दाम पर खरीदारी करना अलग बात: गुरुमान सिंह

बिहार में धान का एमएसपी 1888 रुपए है लेकिन किसी को भी 1000 रूपये से ज्यादा नहीं मिल रहा है। सरकार वन नेशन वन मार्केट की बात कर रही है लेकिन क्या बिहार के किसानों को पंजाब जैसा रेट मिलेगा। उन्होंने कहा कि एमएसपी तय करना और इस दाम पर खरीदारी करना अलग बात है।

किसान नेता ने बिहार के किसानों से आवाहन करते हुए कहा कि बिहार के किसान जो दिल्ली नहीं जा सकते वह बिहार में ही आंदोलन करें और हर जिला में किसान प्रदर्शन करके अपनी बातों को सरकार तक पहुंचाएं।

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केरल सरकार उठाने जा रही ये बड़ा कदम

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आन्दोलन जारी है। केंद्र सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ताएं हुई लेकिन सब बेनतीजा रहीं। सरकार की तरफ से किसानों को बातचीत के लिए आज एक बार फिर से आमंत्रित किया गया है।

इस बीच केरल से खबर आ रही है कि वहां पर केंद्र द्वारा पारित कृषि कानूनों के खिलाफ सियासत शुरू हो गई है। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के लिए अब वहां पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा।

सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में बुधवार को विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया गया है। कृषि कानूनों का माकपा के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे विरोध कर रहे हैं।

किसान आन्दोलन: (फोटो: सोशल मीडिया)

इस राज्य की सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ 23 दिसंबर को लाएगी प्रस्ताव

 

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