खाताधारकों की बल्ले-बल्ले, PF के अलावा पेंशन वालों को भी मिली खुशखबरी

पीएफ अकाउंट और सर्विस से जुड़ी इन बातों से यह साफ है कि आप अगर अलग-अलग जगह नौकरी करते हुए भी आपकी सर्विस हिस्ट्री 10 साल की हो जाती है तो आप पेंशन के लिए हकदार बन जाएंगे।

Update:2020-05-02 13:49 IST

नई दिल्ली: सरकारी कर्मचारी हो या प्राइवेट सभी लोग अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखना चाहते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग पीएफ अकाउंट के बारे में ठीक से नहीं जान पाते हैं। प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले ज्यादातर लोगों को इस पेंशन खाते के बारे में सही जानकारी नहीं होती है। जबकि उसके लिए हर महीने पैसे भी देते है।

यहां जानें किस खाते में कितना पैसा होता है जमा

यहां आपका जानना जरूरी है कि नौकरीपेशा की सैलरी से कटने वाली रकम दो खातों में जाती है। पहला प्रोविडेंट फंड यानी EPF और दूसरा पेंशन फंड यानी EPS होता है। कर्मचारी की सैलरी से कटने वाला पैसा 12 फीसदी कर्मचारी ईपीएफ में जमा हो जाता है। इसके अलावा कंपनी की ओर से 3.67 फीसदी EPF में जमा होता है और बाकी 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जमा हो जाता है। हालांकि, इसमें हर महीने 1,250 रुपये की अधिकतम सीमा है।

बहुत जरूरी है ये जानकारी

ईपीएस में कंपनी के 8.33 फीसदी योगदान को 15,000 रुपये की मंथली सैलरी के अनुसार बनाया गया है। उदाहरण के लिए अगर किसी व्यीक्ति की मासिक सैलरी 25,000 रुपये है तो कंपनी का योगदान 15,000 रुपये के 8.33 फीसदी तक सीमित रहेगा। इसी तरह अगर किसी को 10,000 रुपये सैलरी मिलती है तो ईपीएस में कंपनी का कॉन्ट्रिब्यूशन 10,000 रुपये का 8.33 फीसदी होगा।

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अब सवाल यह उठता है इस खाते से कब और कैसे निकालें पैसे

आपको बता दें कि ईपीएस नियमों के अनुसार, किसी सदस्यन ने नौकरी छोड़ने से 10 साल से कम सेवा की है या 58 साल का हो गया है (जो भी जल्दी हो) तो वह ईपीएस अकाउंट से एकमुश्त पैसा निकालने का हकदार है।

ईपीएस के तहत स्कीम सर्टिफिकेट का विकल्प

अगर ऐसे व्यएक्ति की उम्र 58 साल से कम है तो वह एकमुश्तस पैसा निकालने के बजाय ईपीएस के तहत स्कीम सर्टिफिकेट का विकल्प ले सकता है। ऐसा स्कीम सर्टिफिकेट तब लिया जा सकता है जब व्यक्ति ने किसी और संस्थान में नौकरी की योजना बनाई हो।

अगर सेवा के वर्ष 10 साल को पार कर गए है तो स्कीम सर्टिफिकेट व्यक्ति को जारी कर दिया जाता है। ईपीएफओ साल की गिनती तब से करता है जिस दिन से आप ईपीएफ स्कीम से जुड़ते हैं। हालांकि, जरूरी नहीं है कि सेवा के वर्ष लगातार रहे हों।

यहां समझें कुछ बातें

उदहारण के तौर पर आपने साल 2010 से नौकरी शुरू की और ईपीएफ स्कीम से जुड़े। यहां तीन साल काम करने के बाद आपने दूसरी कंपनी में नौकरी शुरू कर दी है। लेकिन ये कंपनी आपको ईपीएफ बेनिफिट ऑफर नहीं करती है क्यों कि वह ईपीएफ के दायरे में नहीं आती है।

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ऐसे कर सकते हैं एकमुश्त निकासी

इस 'बी' कंपनी में आप 4 साल काम करते हैं। साल 2017 में आप तीसरी कंपनी में नौकरी शुरू करते है। जहां आपको ईपीएफ स्कीम का फायदा मिलता है। मौजूदा समय में 2020 तक ईपीएस रकम का का कैल्यूलेशन ए और सी में काम किए गए साल के आधार पर किया जाएगा जो छह साल बनते हैं। ऐसे में आप एकमुश्त निकासी कर सकते हैं।

10 साल के पहले सेवा के साल जितने कम होंगे उतनी कम राशि को आप एकमुश्तश निकाल पाएंगे। ईपीएस स्की म से एकमुश्तए निकासी की अनुमति तभी मिलती है अगर सेवा के वर्ष 10 साल से कम हैं। आपको वापस की जाने वाली रकम ईपीएस स्कीम 1995 में दी गई टेबल डी पर आधारित होगी।

क्या 9 साल 6 महीने की नौकरी में पेंशन का पैसा निकाला जा सकता है?

अगर आपकी नौकरी 9 साल 6 महीने से ज्यादा की हो चुकी है तो आप अपने PF के साथ पेंशन की रकम नहीं निकाल पाएंगे। क्योंकि, 9 साल 6 महीने की सर्विस को 10 साल के बराबर माना जाता है।

दस साल की नौकरी होने पर पेंशन के लिए हकदार

EPFO के नियम बताते हैं कि अगर आपकी नौकरी 10 साल की हो जाती है तो आप पेंशन के लिए हकदार बन जाते हैं। इसके बाद आपको 58 साल की उम्र में मासिक पेंशन का लाभ मिलना शुरू होगा। मतलब यह कि आपको आजीवन पेंशन तो मिलेगी, लेकिन पेंशन का हिस्सा रिटायरमेंट से पहले नहीं निकाल पाएंगे।

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दस साल पूरे होने पर व्यीक्ति को पेंशन सर्टिफिकेट मिल जाता है

बहुत जरूरी होता है पेंशन सर्टिफिकेट -10 साल पूरे होने पर व्यीक्ति को पेंशन सर्टिफिकेट मिल जाता है। इस सर्टिफिकेट में पेंशन योग्य सेवा, सैलरी और नौकरी छोड़ने पर देय पेंशन की रकम की जानकारी होती है। अगर किसी व्यक्ति के पास 10 साल या इससे अधिक की सेवा का स्की‍म सर्टिफिकेट है तो वह ईपीएस के तहत 58 साल की उम्र से मासिक पेंशन का हकदार बन जाता है। हालांकि, उसे 50 साल की उम्र से पहले पेंशन के लिए आवेदन करने का भी हक होता है।

क्या EPS खाते से पैसे निकालने पर टैक्स लगेगा?

ईपीएस खाते से एकमुश्ता निकासी टैक्सर के दायरे में आती है। हालांकि, इनकम टैक्से कानून में इस बात को लेकर स्थिति साफ नहीं है कि यह टैक्सं किस मद में आएगा। ईपीएफ स्कीलम के तहत, नौकरी जाने पर सदस्ये के पास पूरी रकम निकालकर खाते को बंद कराने का विकल्पक है।

तो क्या रिटायरमेंट पर भी पेंशन मिलेगी?

अगर आप 9 साल 6 महीने से कम की स्थिति में पेंशन के हिस्सा को निकालते हैं तो याद रखिए आप इसके बाद पेंशन के लिए हकदार नहीं होंगे।

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तो रिटायरमेंट के लिए पेंशन सुविधा नहीं

PF के साथ पेंशन का पैसा निकालने का मतलब है Full & Final PF settlement और ऐसे मामलों में आपका वह PF खाता नंबर पूरी तरह से बंद कर दिया जाता है। इस कारण आप अपने रिटायरमेंट के लिए पेंशन सुविधा का लाभ नहीं ले सकते हैं।

PF ट्रांसफर करने पर पेंशन की रकम होगी इतनी

अगर आप अपना प्रोविडेंट फंड (PF) एक खाते से दूसरे खाता में ट्रांसफर करते हैं, तो आपकी चाहे जितनी भी सर्विस हिस्ट्री हो, आप पेंशन की रकम को कभी भी किसी हालत में नहीं निकाल पाएंगे।

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पीएफ अकाउंट और सर्विस से जुड़ी इन बातों से यह साफ है कि आप अगर अलग-अलग जगह नौकरी करते हुए भी आपकी सर्विस हिस्ट्री 10 साल की हो जाती है तो आप पेंशन के लिए हकदार बन जाएंगे और 58 साल की उम्र होने पर आपको मासिक पेंशन के रूप में कुछ वेतन मिलने लगेगा।

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