इंडिया-अमेरिका के बीच जल्द होगा व्यापार समझौता, सुलज सकता है टैरिफ का मुद्दा

पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों ही लोगों भारत और अमेरिका के बीच जल्दी ही एक व्यापक व्यापार समझौता करने की सोच रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, 'जल्दी ही उनका देश भारत के साथ व्यापार समझौता करेगा। भारत और अमेरिका के बीच जल्दी ही व्यापार समझौता हो सकता है।

Update:2023-06-05 00:57 IST

नई दिल्ली: पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोनों ही लोगों भारत और अमेरिका के बीच जल्दी ही एक व्यापक व्यापार समझौता करने की सोच रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, 'जल्दी ही उनका देश भारत के साथ व्यापार समझौता करेगा। भारत और अमेरिका के बीच जल्दी ही व्यापार समझौता हो सकता है। दोनों देश इस बारे में काफी आशावादी हैं और इस बारे में काफी अच्छी प्रगति हुई है।' अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, 'जल्दी ही उनका देश भारत के साथ व्यापार समझौता करेगा। दोनों देश के बीच कई वस्तुओं पर टैरिफ यानी आयात कर में कटौती जैसे कई मसलों पर अड़चन है जिसे इस समझौते से दूर किया जा सकता है।'

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पूछा तो उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि बहुत जल्दी होगा। इस दिशा में हम अच्छा काम कर रहे हैं। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइथिजर भारत से बाचतीत के लिए यहां मौजूद हैं। मुझे लगता है कि बहुत जल्दी हम व्यापार समझौता कर लेंगे। आगे चलकर एक व्यापक समझौता होगा, लेकिन फिलहाल हम एक व्यापार समझौता करेंगे।'

संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में पहुंचे पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप ने मुलाकात की और द्विपक्षीय बातचीत की। अमेरिका असल में भारत पर इस बात के लिए दबाव बना रहा है कि भारत कई उत्पादों पर लगाए ऊंचे आयात कर को घटाए और व्यापार घाटे को दुरुस्त करने के लिए काम करे। दोनों देश एक ट्रेड पैकेज पर काम कर रहे हैं और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं।

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60 अरब डॉलर का होगा कारोबार

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा, 'जहां तक व्यापार की बात है, मैं इस बात से बेहद खुश हूं कि ह्यूस्टन में मेरी मौजूदगी में भारतीय कंपनी पेट्रोनेट ने 2।5 अरब डॉलर का समझौता किया है। अगले वर्षों में भारतीय कंपनी ऊर्जा सेक्टर में यह निवेश करेगी। इससे अगले एक दशक में दोनों देशों में 60 अरब डॉलर का व्यापार होगा और 50,000 नौकरियों का सृजन होगा। मुझे लगता है कि यह भारत की बड़ी पहल है।'

न्यूज एजेंसिया मुताबिक, यह किसी भारतीय कंपनी द्वारा अमेरिका में तरलीकृत गैस में किया गया सबसे बड़ा सौदा है, जो शनिवार को किया गया। विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा, 'अभी व्यापार समझौते की समयसीमा पर कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन हमें उम्मीद है कि हम जल्दी ही इस पर किसी अंतिम नतीजे पर पहुंच जाएंगे। इस समझौते के लिए बातचीत बिल्कुल पटरी पर है। कई जटिल मसले हैं, जिसमें दोनों तरफ के उद्योग जगत के लोग शामिल हैं। इसमें दोनों देशों में नौकरियों का भी सवाल है।

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क्या चाहता है भारत

बीते तीन-चार वर्षों में दोनों देशों में व्यापार के मसले पर काफी उन्नति हुई है और व्यापार घाटा कम हुआ है। अमेरिका द्वारा स्टील और एल्युमिनियम उत्पादों पर थोपे गए कई तरह के ऊंचे आयात कर को कम करने और जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (GSP) के दायरे में भारत को फिर से लाने की मांग मोदी सरकार कर रही है। जीएसपी से भारतीय कृषि, ऑटोमोबाइल, ऑटो कम्पोनेंट और इंजीनियरिंग जैसे कई सेक्टर के उत्पादों को अमेरिकी बाजार में ज्यादा पहुंच मिलेंगी।

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वही बात करे तो, अमेरिका अपने कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, डेयरी आइटम, मेडिकल डिवाइस के लिए ज्यादा बाजार पहुंच तथा आईफोन जैसे आईसीटी उत्पादों पर आयात कर घटाने की मांग कर रहा है। साल 2018-19 में अमेरिका को भारत से 52।4 अरब डॉलर का निर्यात हुआ, जबडकि आयात 35।5 अरब डॉलर का हुआ। दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा साल 2018-19 में 16।9 अरब डॉलर का था।

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