गरजे पीएम मोदी: सैनिकों के पराक्रम का किया बखान, जवानों में भी दिखा जोश

पीएम मोदी ने यह दौरा अचानक किया। इस दौरे में उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत भी मौजूद थे। इस दौरे के दौरान वायुसेना के अधिकारियों ने उनको महत्त्वपूर्ण बातों के बारे में जानकारी दी।

Update:2020-07-03 15:11 IST

नई दिल्ली: भारत-चीन का लद्दाख के गलवान घाटी में चल रहे तनाव के बीच आज देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी लेह पहुंचे। पीएम मोदी ने यह दौरा अचानक किया। इस दौरे में उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत भी मौजूद थे। इस दौरे के दौरान वायुसेना के अधिकारियों ने उनको महत्त्वपूर्ण बातों के बारे में जानकारी दी। गौरतलब है कि मई महीने से ही चीन के साथ बॉर्डर पर तनाव की स्थिति बनी हुई है।

पीएम मोदी ने सेना के अफसरों से सीधे की बात

भारत-चीन के बीच तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को नीमू की फॉरवर्ड पोस्ट पर पहुंचे। सीनियर अधिकारियों ने उन्हें मौके की सारी जानकारी दी। पीएम मोदी ने सेना, वायुसेना के अफसरों से सीधे संवाद भी किया। पहले इस दौरे पर सिर्फ CDS बिपिन रावत को ही आना था, लेकिन पीएम मोदी ने खुद पहुंचकर सभी को चौंका दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों को दी श्रद्धांजलि

लेह के वॉर मेमोरियल हॉल ऑफ फेम पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने सेना के अस्पताल में घायल जवानों से मुलाकात की। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने जवानों को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय सैनिकों के पराक्रम की सराहना की।

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पीएम मोदी ने कहा देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है, तो सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है। आपकी भुजाएं, उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द हैं। आपकी इच्छा शक्ति आस पास के पर्वतों की तरह अटल हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपका ये हौसला, शौर्य और मां भारती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है। जिन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा, उसकी सेवा करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता।

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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में ये संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है। मैं गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को आज फिर से श्रद्धांजलि देता हूं। उनके पराक्रम, उनके सिंहनाद से धरती अब भी, उनका जयकारा कर रही है।

भारतीय सेना के जवानों की तारीफ करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 14 कोर की जांबाजी के किस्से हर तरफ है। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है। आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही है। भारत के दुश्मनों ने आपकी फायर भी देखी है और आपकी फ्यूरी भी।

सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे भी लेह में मौजूद, जवानों में दिखा भरपूर जोश

पीएम मोदी के साथ CDS बिपिन रावत के अलावा सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे भी लेह में मौजूद हैं। पिछले दो महीने में चीन के साथ सैन्य और डिप्लोमेटिक स्तर पर कई लेवल की बात हो गई है, जिसमें माहौल को शांत करने की कोशिश की गई है। हालांकि, इसमें अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब जवानों के बीच पहुंचे, तो वहां पर मौजूद जवानों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे लगाए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लेह दौरे की सराहना की और कहा कि सेना के हाथों में भारत की सीमाएं सुरक्षित हैं।

आपको बता दें कि नीमू पोस्ट समुद्री तल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद है, जिसे दुनिया की सबसे ऊंची और खतरनाक पोस्ट में से एक माना जाता है।

जानकारी के मुताबिक, अपने इस दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 कॉर्प्स के अधिकारियों से बात की। इसके अलावा CDS बिपिन रावत के साथ मिलकर मौजूदा स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान नॉर्दन आर्मी कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह भी मौजूद रहे।

बॉर्डर पर लगातार गंभीर स्थिति बनी हुई है

मई से ही चीन के साथ बॉर्डर पर तनाव जारी है और बॉर्डर पर लगातार गंभीर स्थिति बनी हुई है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यहां पर पहुंचना हर किसी को चौंकाता है। इससे पहले शुक्रवार को सिर्फ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लेह जाना था, लेकिन गुरुवार को उनके कार्यक्रम में बदलाव कर दिया गया। फिर तय हुआ था कि सिर्फ बिपिन रावत ही लेह जाएंगे।

15 जून को गलवान घाटी में हुई थी सैनिकों के बीच झड़प

आपको बता दें कि लद्दाख बॉर्डर पर तनाव के बीच 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि कुछ जवान घायल भी हुए थे। इस झड़प में चीन के भी काफी जवानों को नुकसान हुआ था, लेकिन चीन ने आंकड़ा जारी नहीं किया था।

इसी घटना के बाद से तनाव लगातार बढ़ता गया, दोनों सेनाओं ने लगातार कई मौकों पर बात भी की है। और मौजूदा जगह से सेना को पीछे हटाने पर चर्चा की है। देश में लगातार चीन के खिलाफ गुस्सा बढ़ता गया, सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई।

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नॉर्थ कमांड और 14 कॉर्प्स के अधिकारियों के साथ बैठक होनी थी बैठक

शुक्रवार को सीडीएस बिपिन रावत को यहां पर नॉर्थ कमांड और 14 कॉर्प्स के अधिकारियों के साथ बैठक करनी थी। इस दौरान चीन के साथ मौजूदा तनाव, बॉर्डर की स्थिति का जायजा लेना था। इससे पहले सेना प्रमुख एमएम नरवणे भी लेह गए थे, जहां पर उन्होंने गलवान घाटी में घायल हुए जवानों से मुलाकात की थी।

इसके अलावा सेना प्रमुख ने ईस्टर्न लद्दाख के फॉरवर्ड पोस्ट पर जाकर हालात का जायजा लिया था। सेना प्रमुख ने जवानों से कहा था कि आपका काम शानदार रहा है, लेकिन अभी ये काम पूरा नहीं हुआ है।

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