कारगिल विजय दिवस: बोले PM मोदी, 1999 में पाक के छल को छलनी कर दिया

पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान शुरू से ही कश्मीर को लेकर छल करता रहा। 1948, 1965, 1971 में उसने यही किया। लेकिन 1999 में उसका छल पहले की तरह फिर एक बार छल की छलनी कर दी गई।

Update: 2019-07-27 15:39 GMT

नई दिल्ली: कारगिल विजय दिवस के मौके पर इंदिरा गांधी स्टेडियम में शनिवार को भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कैबिनेट मंत्री और सेना प्रमुख मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आज हर देशवासी शौर्य और राष्ट्र के समर्पित एक प्रेरणादायक गाथा को स्मरण कर रहा है। आज के अवसर पर मैं उन सभी शूरवीरों को नमन करता हूं, जिन्होंने कारगिल की चोटियों से तिरंगे को उतारने के षड़यंत्र को असफल किया।

उन्होंने कहा कि कारगिल में विजय भारत के वीर बेटे, बेटियों के अदम्य साहस की जीत थी। कारगिल में विजय भारत के सामर्थ्य और संयम की जीत थी। करगिल में विजय भारत के संकल्पों की जीत थी। कारगिल में विजय भारत के मर्यादा और अनुशासन की जीत थी। अपना रक्त बहाकर जिन्होंने सर्वस्व न्यौछावर किया उन शहीदों को, उनको जन्म देने वाली वीर माताओं को भी मैं नमन करता हूं। करगिल सहित जम्मू-कश्मीर के सभी नागरिकों का अभिनंदन, जिन्होंने राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों को निभाया।

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पीएम ने कहा कि कारगिल में विजय प्रत्येक देशवासियों की उम्मीदों और कर्तव्यपरायणता की विजय थी। सैनिक आज के साथ ही आने वाली पीढ़ी के लिए अपना जीवन बलिदान करते हैं। हमारा आने वाला कल सुरक्षित रहे, उसके लिए वो अपना वर्तमान स्वाहा कर देता है। सैनिक जिंदगी और मौत में भेद नहीं करते, उनके लिए कर्तव्य ही सब कुछ होता है।

उन्होंने कहा कि मैं 20 साल पहले करगिल तब भी गया था जब युद्ध अपने चरम पर था। दुश्मन ऊंची चोटियों पर बैठकर अपने खेल, खेल रहा था। एक साधारण नागरिक के नाते मैंने मोर्चे पर जुटे अपने सैनिकों के शौर्य को उस मिट्टी पर जाकर नमन किया था।

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पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान शुरू से ही कश्मीर को लेकर छल करता रहा। 1948, 1965, 1971 में उसने यही किया। लेकिन 1999 में उसका छल पहले की तरह फिर एक बार छल की छलनी कर दी गई। बीते पांच वर्षों में सैनिकों और सैनिकों के परिवारों के कल्याण से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। आजादी के बाद दशकों से जिसका इंतजार था उस 'वन रैंक वन पेंशन' लागू करने का काम हमारी ही सरकार ने पूर्ण किया।

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उन्होंने कहा कि आज लड़ाइयां अंतरिक्ष तक पहुंच गई हैं और साइबर स्तर पर भी लड़ी जाती है। इसलिए सेना को आधुनिक बनाना हमारी प्राथमिकता है। जल, थल, नभ सभी जगह हमारी सेना अपने उच्चतम शिखर को प्राप्त करने का सामर्थ्य रखे और आधुनिक बने, ये हमारा प्रयास है।

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