Shree Anna: ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन आज, पीएम मोदी ने किया उद्घाटन, छह देशों के कृषि मंत्री हुए शामिल

Shree Anna: सम्मेलन में 100 से अधिक देशों की भागीदारी होने की संभावना, दुनियाभर से कई हितधारकों भाग लिया। उद्घाटन के समय छह देशों के कृषि मंत्री भी मौजूद रहे।

Update: 2023-03-18 08:00 GMT
पीएम नरेंद्र मोदी (फोटो: सोशल मीडिया)

Shree Anna: पीएम नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में आज ‘ग्लोबल मिलेट्स (श्री अन्न) सम्मेलन‘ का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष (आईवाईएम)-2023 पर एक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया। पीएम मोदी सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को संबोधित किया। दो दिवसीय इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी संबोधित किया।

उद्घाटन समारोह के दौरान इथियोपिया और गुयाना के राष्ट्राध्यक्षों के वीडियो संदेश चलाए। सम्मेलन में छह देशों के कृषि मंत्री भी मौजूद रहे। कृषि मंत्रियों के साथ गोलमेज सत्र और द्विपक्षीय बैठकें भी आयोजित की गई। इस वैश्विक सम्मेलन में 100 से अधिक देशों की भागीदारी होने की संभावना है और दुनियाभर से कई हितधारकों इस कार्यक्रम में भाग लिया।

भारत सरकार का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 को किसानों, उपभोक्ताओं के समग्र लाभ और जलवायु के लिए एक जन आंदोलन बनाना है। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने आईवाईएम 2023 के लक्ष्यों को हासिल करने और भारत को ‘मोटे अनाजों के वैश्विक केंद्र‘ के रूप में स्थापित करने के लिए बहु-हितधारक सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया है। इसमें किसानों, स्टार्ट-अप, निर्यातकों, खुदरा व्यवसायों, होटल संघों तथा भारत और विदेशों में सरकार के विभिन्न अंगों को शामिल किया गया है। वर्ष 2023 मोटे अनाजों को अपनाने और बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साल भर चलने वाले अभियान और अनेक गतिविधियों का साक्षी बनेगा। यूएनजीए ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया था।

संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने 5 मार्च, 2021 को साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में घोषित किया था। भारत सरकार द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को 72 देशों का समर्थन मिला था। इस घोषणा के माध्यम से, यूएनजीए का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा और पोषण के लिए पोषक अनाज (श्री अन्न) के बारे में जागरुकता बढ़ाना, अनुसंधान एवं विकास और विस्तार में निवेश बढ़ाना व श्री अन्न की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार के लिए हितधारकों को प्रेरित करना है।

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