जामिया प्रदर्शन: हिरासत में लिए गए 50 छात्र रिहा, जानिए क्या है पूरा मामला

रविवार को दिल्ली के जामिया इलाके में नागरिकता कानून के विरोध में जमकर हिंसा हुई। शाम प्रदर्शनकारियों ने कई बसें और बाइक मे आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने अराजक तत्वों के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में घुसे होने के संदेह पर कैंपस से सभी छात्रों को बाहर निकाल दिया।

Update: 2019-12-16 02:47 GMT

नई दिल्ली: रविवार को दिल्ली के जामिया इलाके में नागरिकता कानून के विरोध में जमकर हिंसा हुई। शाम प्रदर्शनकारियों ने कई बसें और बाइक मे आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने अराजक तत्वों के जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में घुसे होने के संदेह पर कैंपस से सभी छात्रों को बाहर निकाल दिया।

 

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विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की। पुलिस के विरोध में रात 9 बजे से पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर जामिया और जेएनयू के छात्र प्रदर्शन करने जमा हो गए। पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर छात्रों का विरोध प्रदर्शन तड़के साढ़े चार बजे तक चला. इसके बाद छात्र पुलिस हेडक्वार्टर से रवाना हुए।

इस घटना पर राजनीति भी जमकर शुरू हो गई। कांग्रेस ने रात 11.30 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को पुलिस कार्रवाई के लिए दोषी ठहराया। रात 12 बजे के करीब वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद छात्रों को समर्थन देने पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचे। वहीं, जामिया में हुई झड़प में साउथ ईस्ट डीसीपी चिन्मय बिस्वाल, एडिशनल डीसीपी साउथ, 2 एसीबी, 5 एसएचओ और इंसपेक्टर समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इसके अलावा होली फैमिली अस्पताल में कुल 51 छात्र भर्ती कराए गए थे। जिनमें से 41 छात्रों को मामूली उपचार के बाद वापस भेज दिया गया है। जबकि 10 अन्य छात्र अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं।

 

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दिल्ली पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि 50 में से 35 छात्रों को कालकाजी पुलिस स्टेशन से, जबकि 15 छात्रों को न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन से रिहा किया गया है। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने जमकर तांडव मचाते हुए 3 बसों को फूंक दिया, कई वाहनों में तोड़फोड़ की। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने आग बुझाने आई दमकल की एक गाड़ी को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं दूसरी तरफ जामिया प्रशासन ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कैंपस में घुसकर छात्रों की बर्बरतापूर्वक पिटाई की।इससे पहले दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (डीएमसी) ने कालकाजी पुलिस स्टेशन के एसएचओ को जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के घायल छात्रों को रिहा करने या उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाने का निर्देश दिया था। आयोग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया था कि घायल छात्रों को हिरासत में किसी तरह की समस्या होने पर एसएचओ जिम्मेदार होंगे।

डीएमसी के अध्यक्ष जफरूल इस्लाम ने कालकाजी पुलिस स्टेशन के एसएचओ को सोमवार 3 बजे तक अनुपालन रिपोर्ट फाइल करने का निर्देश दिया है। जिसके आधार पर आयोग जरूरी ऐक्शन लेगा।

 

 

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