निर्भया केस: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दोषी विनय की दया याचिका को किया खारिज

निर्भया के गुनहगार फांसी की सजा को टालने के लिए हरसंभव कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी कड़ी में दोषी पवन के घटना के दौरान नाबालिग होने का हवाला देने वाली याचिका पर कोर्ट ने आज खारिज कर दिया। हालाँकि गुनहगार विनय ने फांसी पर रोक लगाने की मांग की है।

Update: 2020-02-01 05:20 GMT

नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप मामले में बड़ी खबर सामने आ रही है। दोषी विनय की दया याचिका को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दिया है। हालांकि इस मामले में गुरूवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी है। बता दें कि राष्ट्रपति के पास दया याचिका लंबित होने के आधार पर ही दोषियों की फांसी पर रोक लगाई थी।

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गुरवार को सुनवाई के दौरान तिहाड़ के वकील ने कहा कि नियम कहता है कि जेल प्रशासन इस संबंध में सरकार को संदेश भेजकर पूछेगा कि क्या फांसी रोकी जाए। अगर कोई जवाब नहीं मिलता तो फांसी को रोका जा सकता है। इसके लिए कोर्ट के आदेश की जरूरत नहीं है।

पवन की नाबालिग होने की याचिका खारिज:

निर्भया के गुनहगार फांसी की सजा को टालने के लिए हरसंभव कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी कड़ी में दोषी पवन के घटना के दौरान नाबालिग होने का हवाला देने वाली याचिका पर कोर्ट ने आज खारिज कर दिया। हालाँकि गुनहगार विनय ने फांसी पर रोक लगाने की मांग की है।

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3 क्यूरेटिव याचिका खारिज

निर्भया रेप और मर्डर के दोषियों में शामिल अक्षय की क्यूरेटिव याचिका को सुप्रीम कोर्ट को खारिज कर चुका है। विनय और मुकेश की क्यूरेटिव याचिका पहले ही सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है। अक्षय तीसरा दोषी है जिसने इस विकल्प का इस्तेमाल करने के लिए अर्जी लगाई, लेकिन गुरुवार को अक्षय की क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद अब केवल एक दोषी पवन के पास क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने का विकल्प है।

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