नई दिल्लीः भ्रष्टाचार व महंगाई पर सवा दो साल पहले केंद्र की सत्ता खो चुकी कांग्रेस ने अब मोदी सरकार को इन्हीं मुद्दों पर घेरने की रणनीति बनाई है। मौके की तलाश में कांग्रेस की नजर आगामी साल के शुरू में होने वाले चुनाव पर है जहां कांग्रेस, बीजेपी को उसी के हथियार से पस्त करना चाहती है।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान बीजेपी ने जो घोषणापत्र जारी किया था, उसमें जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विशेष अदालतें बनाने की बात कही थी। दो साल बीतने के बाद किस विशेष कोर्ट में कितने जमाखोरों को सजा हुई, इस बारे में मोदी सरकार की चुप्पी पर कांग्रेस आने वाले दिनों में हमलावर होने के लिए कमर कस रही है।
कांग्रेस के आरोपों की काट के लिए संसद में अपने जवाब में भले ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार का बचाव करते हुए तर्क रखे कि मुद्रास्फीति डबल डिजिट से सिंगल डिजिट तक लाना बड़ी कामयाबी है, लेकिन कांग्रेस मानती है कि इस कमी का श्रेय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में आई भारी गिरावट है। हालांकि कई जरूरी चीजों के दाम नियंत्रित न होने पर वित्त मंत्री ने ये कहकर पल्ला झाड़ा है कि जो वस्तुएं बाजार में मांग और आपूर्ति के आधार पर नियंत्रित होती हैं, उन्हें काबू करने में सरकार की व्यावहारिक कठिनाइयां हैं। वैसे, वित्त मंत्री महंगाई पर अपने जवाब में सबसे ज्यादा अरहर दाल के दामों में बढ़ोतरी बरकरार रहने से असहजता में थे।
बीजेपी के 2014 के आम चुनाव घोषणापत्र में दाम स्थिरता कोष के साथ देशभर में सिंगल नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट बनाने का वादा किया गया था, लेकिन इस मोर्चे पर अभी भी मोदी सरकार के कदम का लोगों को इंतजार है। 8 महीने पहले बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार का सबसे बड़ा सबक बीजेपी ने ये लिया था कि ग्रामीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और बिजली जैसी मूलभूत जरूरतों के मामले में निचले स्तर पर आम जरूरतमंद लोगों में असंतोष है। महाराष्ट्र और पीएम मोदी के अपने राज्य गुजरात में ग्रामीण रोजगार और स्वास्थ्य जैसे अहम क्षेत्रों की कमजोर तस्वीर ने भी बीजेपी की पोल खोली।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में दालों की खरीद और जमाखोरी में भारी भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए किसान से की जाने वाली अरहर दाल की खरीद और बाजार दामों में भारी अंतर को भ्रष्टाचार से जोड़ते हुए आरोप लगाया था कि यह सारा गलत मुनाफा आम आदमी की जेब में डाका डालकर वे बिचैलिए कमा रहे हैं, जिन्हें बीजेपी का संरक्षण हासिल है। राहुल ने महंगाई और जमाखोरी को सीधे भ्रष्टाचार और घोटाले से जोड़ते हुए संसद के भीतर पहली बार इस तरह का हमला बोला। कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि राहुल का यह वार अगले साल की शुरुआत में यूपी, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में होने वाले चुनावों की तैयारियों में जुटी बीजेपी को कटघरे में खड़ा करेगा।
बीजेपी के लोकसभा चुनावों के घोषणापत्र के अनुसार सत्ता में आने पर सरकार भ्रष्टाचार की जड़ों पर प्रहार करेगी, ऐसे क्षेत्रों में जहां भ्रष्टाचार होता है, उन्हें पूरी तरह बंद दिया जाएगा और डिजीटल व ई-गवर्नेंस के साथ ही टैक्स प्रणाली का सरलीकरण किया जाएगा। बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में ये भी कहा था कि भ्रष्टाचार के स्रोतों को बंद करके सारी समस्या को दूर किया जाएगा।