नई दिल्लीः पीएम मोदी ने आज देश से 22वीं बार मन की बात की। उन्होंने रियो ओलंपिक से इसकी शुरुआत की। उन्होंने कहा, ''मैं मानता हूं कि आने वाले दिनों में खेल का रंग उत्साह और उमंग के रंग से रंग देगा। कुछ दिन बाद ही खेलों का महाकुंभ रियो में शुरू होने जा रहा है। हमारे कानों में सिर्फ रियो गूंजने वाला है। जो खिलाड़ी रियो में खेलने गए हैं उनका हौसला सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों को बढ़ाना है। इन खिलाड़ियों तक आपकी शुभकामनाएं पहुंचाने के लिए आपके देश का प्रधानमंत्री पोस्टमैन बनने को तैयार है। साथ ही प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर महीने की 9 तारीख को बिना किसी पैसे के हर गर्भवती महिला की जांच की जाएगी।''
दिल्ली में भारत सरकार में रन फॉर रियो कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य खेलो और जियो, खेलो और खिलो था। हम सबको भी आने वाले दिनों में अपने खिलाड़ियों का हर हाल में हौसला बढ़ाना है। इसके लिए सबको कुछ न कुछ करना होगा। मैं भी करूंगा और आप भी कीजिए। ओलंपिक तक जो खिलाड़ी पहुंचता है वो कड़ी मेहनत करता है। सालों की तपस्या का फल होता है। माता-पिता भी अपना सबकुछ झोंक देते हैं। खिलाड़ी रातों-रात नहीं बनते।
पीएम मोदी ने मन की बात में पंजाब केंद्रीय विद्यालय के स्टू़डेंट सूरज प्रकाश उपाध्याय की कविता भी पढ़कर सुनाई।
शुरू हुई ललकार खेलों की, प्रतियोगिताओं के बहार की,
खेलों के इस महाकुंभ में, रियो की रुमझुम में,
भारत की ऐसी शुरुआत हो, सोने,चांदी और कांसे की बरसात हो,
अब हमारी भी बारी हो, ऐसी अपनी भी तैयारी हो,
हो निशाना सोने पे, ना हो निराश तुम खोने पे,
करोड़ों दिलों की शान हो, अपने खेलों की जान हो,
ऐसे कीर्तिमान बनाओ, रियो में ध्वज लहराओ।।
अलीगढ़ को खास तौर पर दी पीएम ने बधाई
-अलीगढ़ के कुछ लड़के-लड़कियां मुझसे मिलने आए थे। उनके पास एक बड़ा सा एल्बम था।
-उनके चेहरे पर एक अलग तरह की खुशी थी। हमारे अलीगढ़ के सांसद उन्हें लेकर आए थे।
-इन लड़के-लड़कियों ने अलीगढ़ रेलवे स्टेशन का सुंदरीकरण किया है। उन्होंने मुझे कई तस्वीरें दिखाईं।
-पूरे स्टेशन की दीवारों पर कलात्मक पेंटिंग की है। इतना ही नहीं, गांव में जो प्लास्टिक की बोतलें, कैन और कूड़े-करकट के ढेर में प्लास्टिक के डिब्बे निकालें।
-फिर उसमें मिट्टी भरकर उसमें पौधे उगाए और बॉटेनिकल गार्डन बनाया।
-कई जगह रेलवे स्टेशन पर इन दिनों स्थानीय लोग वहां की पहचान दीवारों पर कलात्मक ढंग से उकेर रहे हैं।
-जनभागीदारी से एक नयापन महसूस हो रहा है। अगर सब मिल जाएं तो क्या बदलाव लाया जा सकता है, यह इसका उदाहरण है।
अब्दुल कलाम को भी किया याद
-जब भी कलाम जी का नाम आता है, साइंस, मिसाइल, टेक्नोलॉजी और एक भावी भारत के सामर्थ्य का चित्र हमारी आंखों के सामने अंकित हो जाता है।
-आने वाला युग टेक्नोलॉजी का है। हर दिन यह बदलती रहती है। आप इसे पकड़ नहीं सकते।
-इसके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए रिसर्च और इनोवेशन जरूरी है। टेक्नोलॉजी के ये दो प्राण हैं।
-अगर यह दोनों नहीं होंगे तो जैसे ठहरा हुआ पानी गंदगी फैलाता है, ठीक वैसे ही टेक्नोलॉजी भी बोझ बन जाती है।
-भारत सरकार युवाओं का टेक्नोलॉजी की तरफ और ज्यादा ध्यान बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रही है।
-भारत इस वक्त कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है। इन सभी समस्याओं का समाधान टेक्नोलॉजी से किया जा सकता है।
-नए रिसर्च और इनोवेशन करके हम सब कलाम जी को सच्ची श्रद्धाजंलि दे सकते हैं।
बाढ़ पीड़ितों का बयां किया दर्द
-इन दिनों देश में एक तरफ जहां लोग बारिश का आनंद उठा रहे हैं, वहीं बाढ़ से लोग बेहाल हैं।
-राज्य और केंद्र सरकार मिलकर बाढ़ पीड़ितों की मदद करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है।
-बारिश के दिनों में होने वाली बीमारियों जैसे डेंगू से सावधानियां बरतकर सुरक्षित रहा जा सकता है।
-सिर्फ अपना घर ही साफ न रखें, बल्कि अपने आस-पास भी गंदगी बिल्कुल न फैलाएं।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान
-भारत सरकार ने पिछले कुछ महीनों से गर्भवती महिलाओं के लिए एक नया अभियान शुरू किया है।
-प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर महीने की 9 तारीख को बिना किसी पैसे के हर गर्भवती महिला की जांच की जाएगी।
-इस अभियान के जरिए मां और बच्चे की जान बचाई जा सकती है।