CAA: विरोध की आग में जला तहजीब का शहर, जानें दिनभर कहां क्या हुआ?

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन ने गुरुवार को लखनऊ सहित कई शहरों में हिंसक रूप ले लिया। वामपंथी दलों के भारत बंद के आह्वान का असर भी देश के कई इलाकों में दिखा। सबसे ज्यादा बवाल लखनऊ में हुआ।

Update: 2019-12-19 16:15 GMT

अपना भारत ब्यूरो

नई दिल्ली/लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन ने गुरुवार को लखनऊ सहित कई शहरों में हिंसक रूप ले लिया। वामपंथी दलों के भारत बंद के आह्वान का असर भी देश के कई इलाकों में दिखा। सबसे ज्यादा बवाल लखनऊ में हुआ।

लखनऊ के कई इलाकों में उपद्रवियों ने जमकर पथराव करते हुए दो पुलिस चौकियों व बाहर खड़े कई वाहनों को फूंक दिया। उप्रदवियों ने डालीगंज के खदरा और परिवर्तन चौक इलाके में जमकर उत्पात मचाया। इलाके में जमकर तोडफ़ोड़ व आगजनी की घटनाएं हुईं। पुलिस ने उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया। उपद्रवियों ने मीडिया चैनलों की चार ओबी वैन व एक बस भी फूंक दी। हिंसा की घटना एक व्यक्ति की मौत हो गई। उधर, पश्चिमी यूपी के संभल में प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और एक बस फूंक डाली।

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दो पुलिस चौकियां व कई वाहन फूंके

लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चौतरफा जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन हुआ। पुलिस की ओर से प्रदर्शन रोकने के लिए की गई तैयारियां धरी की धरी रह गई। डालीगंज इलाके में नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने पथराव और तोडफ़ोड़ की। हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान ठाकुरगंज में फायरिंग की घटना हुई। प्रदर्शन के दौरान दो पुलिस चौकियों को भी निशाना बनाया गया। उपद्रवियों ने मदेयगंज के बाद ठाकुरगंज स्थित सतखंडा पुलिस चौकी फूंक दी। चौकी के बाहर खड़े तमाम वाहन भी आग के हवाले कर दिए गए। खदरा इलाके में भी तोडफ़ोड़ और आगजनी हुई और यहां उपद्रवियों ने कई गाडिय़ों में आग लगा दी।

हिंसा में एक की मौत

गलियों में भी पथराव हुआ और सरकार विरोधी नारेबाजी की गई। पुलिस जब खदेड़ती थी तो उपद्रवी गलियों में घुस जाते थे और फिर पथराव शुरू कर देते थे। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए हवाई फायर व लाठीचार्ज किया। हिंसा में मोहम्मद वकील समेत चार लोग घायल हो गए। बाद में ट्रामा सेंटर में मोहम्मद वकील की इलाज के दौरान मौत हो गई।

परिवर्तन चौक पर चारों ओर से प्रदर्शनकारी जुुटे और देखते ही देखते उग्र रूप धारण कर लिया। उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। उपद्रवियों ने यहां एक बस व दो ओबी वैन में आग लगा दी। पुलिस ने लाठीचार्ज कर उपद्रवियों को खदेड़ा। उपद्रवियों के बवाल के चलते हजरतगंज की भी दुकानें भी धड़ाधड़ बंद हो गयीं।

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सपा-कांग्रेस ने जताया विरोध

इससे पहले सपा और कांग्रेस के नेता विरोध प्रदर्शन करते हुए विधानसभा के मुख्य गेट पर चढ़ गए। पुलिस को उन्हें वहां से हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। सपाइयों ने कलेक्ट्रेट में जबर्दस्त विरोध जताया। विधानसभा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे यूपी कांग्रेस चीफ अजय कुमार लल्लू समेत कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। नागरिकता कानून पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार का यह कानून भेदभाव पूर्ण है। इस देश ने कभी भी जाति व धर्म के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं किया है। भाजपा की सरकार सिर्फ सत्ता पाने के लिए इस कानून को लेकर आई है। सपा इसका विरोध करती है। नागरिकता संशोधन कानून देश के खिलाफ है।

कई इलाकों में लगा भीषण जाम

विरोध प्रदर्शन के चलते लखनऊ के विभिन्न इलाकों में भीषण जाम लग गया। प्रदर्शन के चलते हजरतगंज, निशातगंज पुल से लेकर परिवर्तन चौक, हनुमान सेतु तक हजारों लोग भीषण जाम में फंसे रहे। प्रदर्शनकारी केडी सिंह बाबू स्टेडियम से डीएम आवास तक नागरिकता कानून पर विरोध जताते रहे। प्रदर्शन के कारण लखनऊ मेट्रो सेवा भी बाधित हुई। उपद्रव को देखते हुए केडी सिंह मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए। अन्य मेट्रो स्टेशनों पर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए और संदिग्ध यात्रियों की जांच पड़ताल भी की गई। लखनऊ में हुई हिंसा के सिलसिले में करीब 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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संभल में हिंसा, बस फूंकी

उधर संभल जिले में भी लोग नागरिकता कानून के खिलाफ सडक़ों पर उतर आए। उग्र भीड़ ने सदर कोतवाली के चौधरी सराय में एक रोडवेज बस में आग लगा दी और पुलिस पर जमकर पथराव किया। उग्र भीड़ के पथराव में कई गाडिय़ां क्षतिग्रस्त हो गईं। संभल में हिंसा के सिलसिले में 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

गुहा को हिरासत में लिया

इस बीच बेंगलुरु में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे इतिहासकार रामचंद्र गुहा को हिरासत में ले लिया गया। गुहा को हिरासत में लिए जाने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने पुलिस को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ संयम बरतने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वालों और गुंडा तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, न कि आम आदमी के खिलाफ।

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दिल्ली-एनसीआर में विरोध-प्रदर्शन, कई नेता हिरासत में

दिल्ली और एनसीआर में भी विरोध-प्रदर्शन के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सबसे व्यस्त राजीव चौक सहित 19 मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए जिन्हें देर शाम खोला गया। विरोध प्रदर्शनों के चलते दिल्ली, गुरुग्राम समेत एनसीआर के लोगों को जबर्दस्त ट्रैफिक जाम का भी सामना करना पड़ा। लोग कई-कई घंटे जाम में फंसे रहे। जंतर- मंतर पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हुए और नागरिकता कानून पर विरोध जताया। उन्हें लाल किला और मंडी हाउस पर प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी गयी। वामपंथी नेता डी राजा, सीताराम येचुरी, नीलोत्पल बसु, बृंदा करात समेत वामपंथी नेताओं, कांग्रेस के अजय माकन और संदीप दीक्षित तथा सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव एवं छात्र नेता उमर खालिद समेत अनेक नेताओं को लाल किले तथा मंडी हाउस के पास से हिरासत में ले लिया गया। लाल किले के आसपास बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बसों में बंद कर दिया। विरोध-प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली के कुछ इलाकों में मोबाइल फोन सेवा को निलंबित किया था, मगर करीब 5 घंटे बाद इसे बहाल कर दिया गया। उधर बिहार बंद के दौरान कई जगह विरोध प्रदर्शन व तोडफ़ोड़ की खबरें हैं। यहां कुछ इलाकों में ट्रेनों को भी रोका गया।

गुजरात में हिंसा, मंगलूरू में कफ्र्यू

गुजरात में अहमदाबाद के शाह आलम इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। कई पुलिसकर्मी हुए घायल। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक कर्नाटक के मंगलूरू में पुलिस ने कफ्र्यू लगा दिया है। साथ समूचे कर्नाटक में धारा 144 लगा दी गई है।

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मुंबई में बड़ा विरोध प्रदर्शन

नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं, आम लोगों और छात्रों ने मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में विरोध प्रदर्शन किया। इसी तरह का विरोध प्रदर्शन पुणे और नागपुर में भी हुआ। इसी अगस्त क्रांति मैदान में 1942 में महात्मा गांधी ने तत्कालीन ब्रिटिश शासकों को भारत छोडऩे के लिए कहा था। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे, तानाशाही नहीं चलेगी। शहर के विभिन्न हिस्सों से हजारों छात्र, विभिन्न समुदायों के लोग और राजनीतिक दल हाथों में तख्तियां, बैनर लिए हुए मैदान की ओर मार्च करते देखे गए। रैली में शामिल अभिनेता फरहान अख्तर ने कहा कि किसी मुद्दे पर विरोध की आवाज उठाना आपका लोकतांत्रिक हक है। लोग अपनी आवाज उठा रहे हैं। मेरा मानना है कि जो कुछ भी हो रहा है उसमें एक तरह का भेदभाव नजर आ रहा है।

आवाज नहीं दबा सकती सरकार:राहुल

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर के कई स्थानों पर हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने प्रदर्शनकारियों के समर्थन में आवाज उठाते हुए ट्वीट कर कहा कि सरकार को मेट्रो ट्रेनों को रोकने, इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाने और कॉलेज बंद करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि ये सरकार भारत की आवाज नहीं दबा सकती है।

ममता ने की जनमत संग्रह की मांग

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर बड़ा बयान दिया है। कोलकाता में हुई रैली में ममता बनर्जी ने मांग की कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर संयुक्त राष्ट्र या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जैसी निष्पक्ष संस्था एक कमेटी का गठन करे और जनमत संग्रह से पता लगाए कि कितने लोग इसके पक्ष में हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि आजादी के 73 साल बाद अचानक हमें यह साबित करना होगा कि हम भारतीय नागरिक हैं। तब भाजपा कहां थी। आज वह देश को विभाजित कर रही है। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि आप अपने इस विरोध को न रोकें क्योंकि हमें नागरिकता कानून को रद्द कराना होगा।

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जब्त होगी उपद्रवियों की संपत्ति: योगी

लखनऊ में हुई हिंसा और आगजनी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाईलेवल बैठक की। बैठक में लखनऊ व संभल सहित प्रदेश के विभिन्न इलाकों में हुई घटनाओं की समीक्षा की गई। बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा करने की इजाजत कतई नहीं दी जा सकती। विरोध प्रदर्शन और हिंसा को मिलाया नहीं जा सकता है।

उन्होंने कहा कि हम उपद्रवी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। योगी ने कहा कि यूपी में हुई हिंसा के जिम्मेदार लोगों की संपत्ति जब्त की जाएगी जिससे सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। इन लोगों की पहचान सीसीटीवी फुटेज से की जाएगी। लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है। योगी ने आरोप लगाया कि नागरिकता कानून पर कांग्रेस, सपा और वामपंथी दल साजिश रचकर हिंसा करा रहे हैं। विपक्ष को चाहिए नागरिकता कानून पर दुष्प्रचार और राजनीतिक रोटियां सेंकना बंद करे।

शाह-राजनाथ ने योगी से ली जानकारी

इस बीच केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रदेश के हालात की जानकारी ली जबकि स्थानीय सांसद और देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिका से फोन कर लखनऊ का हाल जाना। योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह को बुलाकर कानून व्यवस्था बनाए रखने और उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही उपद्रवियों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि महाबंदी के नाम पर प्रदेश को आग में झोंकने का काम किया गया है। योगी ने कहा कि उनकी सरकार हिंसा को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। लखनऊ और संभल समेत प्रदेश के विभिन्न भागों में हिंसा के वीडियो फुटेज से उपद्रवियों की पहचान कर ली गई है।

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स्थिति को नियंत्रण में बताया

उधर लखनऊ के कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है। उपद्रवियों को चिह्नित किया जा रहा है। सीसीटीवी और तमाम फुटेज हमारे पास हैं। सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मेश्राम ने कहा कि इस मामले में जिनका नुकसान हुआ है,उसकी भरपाई भी की जाएगी।

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