Ram Mandir: पुरी के शंकराचार्य 22 को नहीं जाएंगे अयोध्या, पूछा सवाल-जब पीएम करेंगे प्राण प्रतिष्ठा तो मैं ताली बजाऊंगा क्या?

Ram Mandir:पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में अयोध्या न जाने का ऐलान किया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-01-04 13:11 IST

Puri Shankaracharya   (photo: social media )

Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए जोरदार तैयारियां की जा रही हैं। श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के साथ ही अयोध्या प्रशासन और योगी सरकार की ओर से कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है। इस कार्यक्रम को लेकर देश का सियासी माहौल भी गरमाया हुआ है। जहां एक ओर भाजपा इस कार्यक्रम के जरिए अपनी सियासी जमीन मजबूत बनाने की कोशिश में जुटी हुई है तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल ऊहापोह की स्थिति में नजर आ रहे हैं। कुछ विपक्षी दलों ने कार्यक्रम में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है तो कुछ विपक्षी दलों ने अभी अपना रुख साफ नहीं किया है।

इस बीच पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में अयोध्या न जाने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रीय ढंग से होनी चाहिए। ऐसे कार्यक्रम में मैं क्यों जाऊं। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मूर्ति का स्पर्श करेंगे तब मैं वहां तालियां बजाकर जय-जयकार करूंगा क्या?

अयोध्या के कार्यक्रम में न जाने का ऐलान

अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए सभी राजनीतिक दलों के साथ ही देश के प्रमुख धर्माचार्यों और साधु-संतों को भी आमंत्रण भेजा गया है। जगन्नाथपुरी मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती को भी इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है।

रतलाम में त्रिवेणी तट पर आयोजित हिंदू जागरण सम्मेलन को संबोधित करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि मुझे आयोजकों की ओर से इस कार्यक्रम का जो आमंत्रण मिला है,उसमें लिखा गया वह लिखा हुआ है कि आप और आपके साथ आयोजन में सिर्फ एक और व्यक्ति हिस्सा ले सकता है।

इसके अलावा अभी तक और किसी ने इस संबंध में मुझे कोई संपर्क नहीं किया है। इस कारण मैं इस आयोजन में हिस्सा लेने के लिए अयोध्या नहीं जाऊंगा।

शास्त्रीय ढंग से होना चाहिए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम

शंकराचार्य ने कहा कि राम मंदिर को लेकर जिस तरह की राजनीति की जा रही है,वह नहीं की जानी चाहिए। ऐसे मुद्दों पर राजनीति करने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी लोकार्पण करेंगे, मूर्ति का स्पर्श करेंगे तो उस समय उपस्थित रहकर मैं तालियां बजा कर जय-जयकार करूंगा क्या?

उन्होंने कहा कि मेरे भी पद की मर्यादा है और मुझे उस मर्यादा का ध्यान रखना होगा। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम शास्त्रोक्त विधि से किया जाना चाहिए। ऐसे आयोजन में मेरे हिस्सा लेने का कोई मतलब नहीं है।

धार्मिक स्थलों पर कॉरिडोर पर जताई नाराजगी

हिंदू जागरण सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने धार्मिक स्थलों पर कॉरिडोर बनाए जाने की भी तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन धार्मिक स्थलों को भोग विलासिता की चीजों के साथ जोड़ा जा रहा है। ऐसा किया जाना उचित नहीं है।

उल्लेखनीय है कि भाजपा सरकार की ओर से काशी विश्वनाथ और उज्जैन के महाकाल मंदिर में कॉरिडोर बनवाया गया है। विंध्यवासिनी देवी के मंदिर में भी यह काम किया जा रहा है। कई और धार्मिक स्थलों को भी इसके जरिए आकर्षक बनाने की तैयारी है। शंकराचार्य ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताई है। शंकराचार्य ने अयोध्या के मुद्दे पर पहली बार बयान देते हुए कार्यक्रम में हिस्सा न लेने का अपना रुख भी साफ कर दिया है।

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